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तीन साल में कई बड़े अग्निकांड देख चुकी दिल्ली, नहीं लिया कोई सबक

मुंडका अग्निकांड ने एक बार फिर दिल्ली में हुई आगजनी की बड़ी घटनाओं की यादें ताजा कर दी. बीते तीन वर्षों वे दौरान राजधानी में इस प्रकार के कई अग्निकांड हुए हैं. इनमें अनाज मंडी और अर्पित होटल अग्निकांड प्रमुख है. लेकिन इसके बावजूद जनता एवं प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. इसकी वजह से प्रत्येक वर्ष इस तरह की आगजनी में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.

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Published : May 14, 2022, 11:56 AM IST

नई दिल्ली: मुंडका अग्निकांड ने एक बार फिर दिल्ली में हुई आगजनी की बड़ी घटनाओं की यादें ताजा कर दी. बीते तीन वर्षों वे दौरान राजधानी में इस प्रकार के कई अग्निकांड हुए हैं. इनमें अनाज मंडी और अर्पित होटल अग्निकांड प्रमुख है. लेकिन इसके बावजूद जनता एवं प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. इसकी वजह से प्रत्येक वर्ष इस तरह की आगजनी में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार दिल्ली में बीते तीन वर्षों के दौरान आगजनी की कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. सदर बाजार इलाके में जहां मकान में आग से 43 लोगों की मौत हुई तो बवाना की फैक्ट्री में आग से 20 लोगों ने अपनी जान गंवाई. करोल बाग के अर्पित होटल में भी 17 लोग आग में फंसकर मारे गए थे. इन सभी घटनाओं के बाद आग लगने के कारण का पता लगाया गया. कुछ नियमों में बदलाव किया गया. लोगों को जागरूक किया गया. लेकिन इसके बावजूद अभी भी हालत पहले जैसे ही बने हुए हैं. मुंडका अग्निकांड ने साफ कर दिया कि बड़ी आग लगने पर बिल्डिंग में मौजूद लोगों के लिए बाहर निकलना अभी भी नामुमकिन सा है.

दिल्ली में होने वाली आगजनी की बड़ी घटनाओं में यह देखा गया कि सीढियां आग के चलते ब्लॉक हो जाती हैं. इस वजह से लोग बाहर नहीं निकल पाते और मारे जाते हैं. कुछ घटनाओं में इसका कारण बिजली का मीटर था जो सीढ़ियों के पास लगा हुआ था. इसे लेकर दमकल अधिकारियों ने विभिन्न बिजली कंपनी को पत्र लिखकर मीटर को मकान के बाहर दीवार पर लगाने को कहा था. कुछ जगहों पर ऐसा किया भी गया लेकिन अधिकांश जगहों पर अभी भी सीढ़ियों पर या घर के अंदर मीटर लगे हुए हैं. करोल बाग के होटल अर्पित में लगी आग के दौरान भी लोग सीढ़ियों के रास्ते बाहर नहीं निकल सके थे. होटल की सीढ़ियों पर लकड़ी एवं फॉर्म का काफी काम करवाया गया था. इसकी वजह से वहां आग तेजी से भड़की और लोग बाहर नहीं निकल सके.

दमकल के वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है. इसके लिए मकान से बाहर निकलने वाली सीढ़ियों के रास्ते को क्लियर रखने की आवश्यकता है. सीढ़ियों या पार्किंग में बिजली के मीटर नहीं लगवाने चाहिए. सीढ़ियों पर किसी तरह की लकड़ी या ज्वलनशील पदार्थ को नहीं रखना चाहिए. इससे अगर आग भड़कती है जिससे अंदर फंसे लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. आग की बड़ी घटनाओं में ऐसा देखने को मिलता है कि लोग जान बचाने के लिए भागते रहे लेकिन उन्हें बिल्डिंग से बाहर निकलने का रास्ता क्लियर नहीं मिला.

  • 12 मार्च 2022 - गोकलपुरी स्थित झुग्गियों में आग लगने से सात लोगों की मौत.
  • 8 दिसंबर 2019 - सदर बाजार स्थित अनाज मंडी के मकान में आग लगने से 43 लोगों की मौत, 55 घायल.
  • 6 अगस्त 2019 - जाकिर नगर के मकान में आग लगने से 5 लोगों की मौत.
  • 20 जनवरी 2018 - बवाना की प्लास्टिक फैक्ट्री में आग से 17 लोगों की मौत.
  • 12 फरवरी 2019 - करोल बाग स्थित अर्पित होटल में आग लगने से 17 लोगों की मौत.

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नई दिल्ली: मुंडका अग्निकांड ने एक बार फिर दिल्ली में हुई आगजनी की बड़ी घटनाओं की यादें ताजा कर दी. बीते तीन वर्षों वे दौरान राजधानी में इस प्रकार के कई अग्निकांड हुए हैं. इनमें अनाज मंडी और अर्पित होटल अग्निकांड प्रमुख है. लेकिन इसके बावजूद जनता एवं प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. इसकी वजह से प्रत्येक वर्ष इस तरह की आगजनी में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार दिल्ली में बीते तीन वर्षों के दौरान आगजनी की कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. सदर बाजार इलाके में जहां मकान में आग से 43 लोगों की मौत हुई तो बवाना की फैक्ट्री में आग से 20 लोगों ने अपनी जान गंवाई. करोल बाग के अर्पित होटल में भी 17 लोग आग में फंसकर मारे गए थे. इन सभी घटनाओं के बाद आग लगने के कारण का पता लगाया गया. कुछ नियमों में बदलाव किया गया. लोगों को जागरूक किया गया. लेकिन इसके बावजूद अभी भी हालत पहले जैसे ही बने हुए हैं. मुंडका अग्निकांड ने साफ कर दिया कि बड़ी आग लगने पर बिल्डिंग में मौजूद लोगों के लिए बाहर निकलना अभी भी नामुमकिन सा है.

दिल्ली में होने वाली आगजनी की बड़ी घटनाओं में यह देखा गया कि सीढियां आग के चलते ब्लॉक हो जाती हैं. इस वजह से लोग बाहर नहीं निकल पाते और मारे जाते हैं. कुछ घटनाओं में इसका कारण बिजली का मीटर था जो सीढ़ियों के पास लगा हुआ था. इसे लेकर दमकल अधिकारियों ने विभिन्न बिजली कंपनी को पत्र लिखकर मीटर को मकान के बाहर दीवार पर लगाने को कहा था. कुछ जगहों पर ऐसा किया भी गया लेकिन अधिकांश जगहों पर अभी भी सीढ़ियों पर या घर के अंदर मीटर लगे हुए हैं. करोल बाग के होटल अर्पित में लगी आग के दौरान भी लोग सीढ़ियों के रास्ते बाहर नहीं निकल सके थे. होटल की सीढ़ियों पर लकड़ी एवं फॉर्म का काफी काम करवाया गया था. इसकी वजह से वहां आग तेजी से भड़की और लोग बाहर नहीं निकल सके.

दमकल के वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है. इसके लिए मकान से बाहर निकलने वाली सीढ़ियों के रास्ते को क्लियर रखने की आवश्यकता है. सीढ़ियों या पार्किंग में बिजली के मीटर नहीं लगवाने चाहिए. सीढ़ियों पर किसी तरह की लकड़ी या ज्वलनशील पदार्थ को नहीं रखना चाहिए. इससे अगर आग भड़कती है जिससे अंदर फंसे लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. आग की बड़ी घटनाओं में ऐसा देखने को मिलता है कि लोग जान बचाने के लिए भागते रहे लेकिन उन्हें बिल्डिंग से बाहर निकलने का रास्ता क्लियर नहीं मिला.

  • 12 मार्च 2022 - गोकलपुरी स्थित झुग्गियों में आग लगने से सात लोगों की मौत.
  • 8 दिसंबर 2019 - सदर बाजार स्थित अनाज मंडी के मकान में आग लगने से 43 लोगों की मौत, 55 घायल.
  • 6 अगस्त 2019 - जाकिर नगर के मकान में आग लगने से 5 लोगों की मौत.
  • 20 जनवरी 2018 - बवाना की प्लास्टिक फैक्ट्री में आग से 17 लोगों की मौत.
  • 12 फरवरी 2019 - करोल बाग स्थित अर्पित होटल में आग लगने से 17 लोगों की मौत.

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