नई दिल्ली: बुजुर्गों का डाटा एकत्रित कर दिल्ली सरकार कोरोना के लक्षण वाले बुजुर्गों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने और उनकी मॉनिटरिंग करने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए आने वाले दिनों में दिल्ली में रहने वाले सभी बुजुर्गों का सर्वे कराया कर डाटा एकत्रित किया जाएगा.
कंटेंमेंट जोन से शुरुआत
फिलहाल दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से बनाए गए कंटेनमेंट जोन में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का सर्वे करवा रही है. इससे पता चलेगा कि कोई बुजुर्ग किसी बीमारी से पीड़ित तो नहीं है.
बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक
दरअसल कोरोना संक्रमण में सबसे ज्यादा खतरा उन बुजुर्गों को अधिक है. जो पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार डाटा एकत्रित कर कोरोना के लक्षण वाले बुजुर्गों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने और उनकी मॉनिटरिंग करने की योजना पर काम कर रही है. कोरोना से मरने वाले लोगों में बुजुर्गों की संख्या अधिक है.
कोरोना के कारण बुजुर्गों की अधिक हुई है मौत
कोरोना के जितने भी मामले अस्पतालों में आए हैं. उनमें अगर गत 20 मई तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो इस तारीख तक दिल्ली में 176 लोगों की मौत होने का सरकार ने दावा किया है. इनमें 50 से कम उम्र के 21.02 फीसद, 50 से 59 साल के बीच 26.4 फीसद और 60 साल और 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग 52.27 फीसद थे. यानि कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक बुजुर्गों की जान गई है. दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 20 मई तक 176 लोगों की मौत हुई है. उनमें 60 साल से ऊपर के 92 बुजुर्गों की मौत हुई है. 50 से 59 के बीच में 47 लोगों की और 50 से नीचे के 37 लोगों की मौत हुई है.
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों पर अधिक है. इसी का नतीजा है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में भी जब कई गतिविधियों की सरकार ने इजाजत दी है. तो बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की अपील की जा रही है.