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दिल्ली के अग्निकांडों के बाद राज्य सरकार ने पास किया दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज संशोधन प्रस्ताव - building bylaws

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने दिल्ली में आग की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज 2016 में 10 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस बाबत पिछले सप्ताह ही दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने फायर सर्विस विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया था.

दिल्ली के अग्निकांडों के बाद राज्य सरकार ने पास किया दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज संशोधन प्रस्ताव
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Published : Feb 23, 2019, 4:27 AM IST

Updated : Feb 23, 2019, 5:21 AM IST

करोल बाग स्थित होटल अर्पित में 12 फरवरी को तड़के लगी आग में जिस तरह 17 लोगों की मौत हो गई थी,उसको देखते हुए दिल्ली सरकार नियमों के पालन को लेकर लगातार सख्ती बरत रही है. फायर शर्तों का उल्लंघन करने वाले 50 से अधिक होटलों के खिलाफ फायर विभाग ने एनओसी रद्द करते हुए नगर निगम को इसे सील करने का आदेश दिया था.

दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज 2016 में 10 संशोधनों के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. नए संशोधन शहरी विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते ही लागू हो जाएंगे. प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में अब 4 मंजिल से ऊंची इमारतों में गेस्ट हाउस के लिए फायर एनओसी नहीं मिलेगी.


किए गये क्या बदलाव ?
पहले से भी चल रहे गेस्ट हाउस में बेसमेंट या छत पर रसोई की अनुमति नहीं मिलेगी. छत पर किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ के भंडारण नहीं किया जा सकेगा और गेस्ट हाउस व होटलों के सभी कमरों में कार्बन मोनोऑक्साइड डिक्टेटर लगाना जरूरी होगा. छत के ऊपर किसी भी तरह का अस्थाई छत या किसी तरह का ढांचागत निर्माण करने पर उसे लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.

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क्या है संशोधन प्रस्ताव ?
जिस संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उसके मुताबिक गेस्ट हाउस व होटल मालिक, निदेशक, पार्टनर को फायर विभाग में एनओसी के लिए आवेदन करते समय हर फ्लोर के उपयोग की जानकारी हस्ताक्षर के साथ तीन हार्ड कॉपी और एक सॉफ्ट कॉपी में देनी होगी. हर फ्लोर पर सीढ़ियों के रास्ते वह गलियारों में वेंटिलेशन के लिए खिड़की या यांत्रिक व्यवस्था करनी होगी.

प्रत्येक मंजिल पर सीढ़ियों के प्रवेश द्वार पर फायर डोर स्थापित करना अनिवार्य होगा. गेस्ट हाउस के लिए 4 से अधिक मंजिल को फायर एनओसी नहीं दी जाएगी. छत और बेसमेंट में खाना पकाने की अनुमति नहीं मिलेगी. गलियारों व सीढ़ियों और रास्तों पर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे लकड़ी की पैनल, फोम की पैनल या कालीन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

करोल बाग स्थित होटल अर्पित में 12 फरवरी को तड़के लगी आग में जिस तरह 17 लोगों की मौत हो गई थी,उसको देखते हुए दिल्ली सरकार नियमों के पालन को लेकर लगातार सख्ती बरत रही है. फायर शर्तों का उल्लंघन करने वाले 50 से अधिक होटलों के खिलाफ फायर विभाग ने एनओसी रद्द करते हुए नगर निगम को इसे सील करने का आदेश दिया था.

दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज 2016 में 10 संशोधनों के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. नए संशोधन शहरी विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते ही लागू हो जाएंगे. प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में अब 4 मंजिल से ऊंची इमारतों में गेस्ट हाउस के लिए फायर एनओसी नहीं मिलेगी.


किए गये क्या बदलाव ?
पहले से भी चल रहे गेस्ट हाउस में बेसमेंट या छत पर रसोई की अनुमति नहीं मिलेगी. छत पर किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ के भंडारण नहीं किया जा सकेगा और गेस्ट हाउस व होटलों के सभी कमरों में कार्बन मोनोऑक्साइड डिक्टेटर लगाना जरूरी होगा. छत के ऊपर किसी भी तरह का अस्थाई छत या किसी तरह का ढांचागत निर्माण करने पर उसे लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.

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क्या है संशोधन प्रस्ताव ?
जिस संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उसके मुताबिक गेस्ट हाउस व होटल मालिक, निदेशक, पार्टनर को फायर विभाग में एनओसी के लिए आवेदन करते समय हर फ्लोर के उपयोग की जानकारी हस्ताक्षर के साथ तीन हार्ड कॉपी और एक सॉफ्ट कॉपी में देनी होगी. हर फ्लोर पर सीढ़ियों के रास्ते वह गलियारों में वेंटिलेशन के लिए खिड़की या यांत्रिक व्यवस्था करनी होगी.

प्रत्येक मंजिल पर सीढ़ियों के प्रवेश द्वार पर फायर डोर स्थापित करना अनिवार्य होगा. गेस्ट हाउस के लिए 4 से अधिक मंजिल को फायर एनओसी नहीं दी जाएगी. छत और बेसमेंट में खाना पकाने की अनुमति नहीं मिलेगी. गलियारों व सीढ़ियों और रास्तों पर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे लकड़ी की पैनल, फोम की पैनल या कालीन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

Intro:
- अब चार मंजिल से ऊंची इमारतों में गेस्ट हाउस के लिए नहीं मिलेगी फायर एनओसी

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने दिल्ली में आग की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज 2016 में 10 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस बाबत पिछले सप्ताह ही दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने फायर सर्विस विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया था.


Body:करोल बाग स्थित होटल अर्पित में गत 12 फरवरी को तड़के लगी आग में जिस तरह 17 लोगों की मौत हो गई थी, दिल्ली सरकार नियमों के पालन को लेकर लगातार सख्ती बरत रही है. फायर शर्तों का उल्लंघन करने वाले 50 से अधिक होटलों के खिलाफ फायर विभाग ने एनओसी रद्द करते हुए नगर निगम को इसे सील करने का आदेश दिया था.

तो अब शुक्रवार को दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज 2016 में 10 संशोधनों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नए संशोधन शहरी विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते ही लागू हो जाएंगे. प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में अब 4 मंजिल से ऊंची इमारतों में गेस्ट हाउस के लिए फायर एनओसी नहीं मिलेगी. इसके बाद पहले से भी चल रहे गेस्ट हाउस में बेसमेंट या छत पर रसोई की अनुमति नहीं मिलेगी. छत पर किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ के भंडारण नहीं किया जा सकेगा और गेस्ट हाउस व होटलों के सभी कमरों में कार्बन मोनोऑक्साइड डिक्टेटर लगाना जरूरी होगा. छत के ऊपर किसी भी तरह का अस्थाई छत या किसी तरह का ढांचागत निर्माण करने पर उसे लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.

संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उसके अनुसार गेस्ट हाउस व होटल मालिक, निदेशक, पार्टनर को फायर विभाग में एनओसी के लिए आवेदन करते समय प्रत्येक फ्लोर के उपयोग की जानकारी हस्ताक्षर युक्त तीन हार्ड कॉपी और एक सॉफ्ट कॉपी में देनी होगी. प्रत्येक फ्लोर पर सीढ़ियों के रास्ते वह गलियारों में वेंटिलेशन के लिए खिड़की या यांत्रिक व्यवस्था करनी होगी. प्रत्येक मंजिल पर सीढ़ियों के प्रवेश द्वार पर फायर डोरा स्थापित करना अनिवार्य होगा. गेस्ट हाउस के लिए 4 से अधिक मंजिल को फायर एनओसी नहीं दी जाएगी. छत और बेसमेंट में खाना पकाने की अनुमति नहीं मिलेगी. गलियारों व सीढ़ियों और रास्तों पर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे लकड़ी की पैनल, फोम की पैनल या कालीन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion:
Last Updated : Feb 23, 2019, 5:21 AM IST
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