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मानसून पूर्व एक्शन में केजरीवाल सरकार! जलभराव से निपटने के दिए निर्देश

लोक निर्माण विभाग मंत्री ने सड़कों में भरे पानी को निकालने के लिए पहले से लगाए गए सभी पंपों की हालत जांचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अधिकारी जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं या नहीं.

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Published : Jun 16, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 12:57 PM IST

जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश

नई दिल्ली: भीषण गर्मी से तप रही दिल्ली से अभी मानसून दूर है. लेकिन मानसून आने से पहले दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर अभी से एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि बारिश के दौरान राजधानी के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है.

केजरीवाल सरकार ने जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

पंपों में जीपीएस लगाने का आदेश
लोक निर्माण विभाग मंत्री ने सड़कों में भरे पानी को निकालने के लिए पहले से लगाए गए, सभी पंपों की हालत जांचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अधिकारी जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं. 25 जून तक इन पंपों में जीपीएस लगाने को कहा गया है, ताकि लोकेशन का पता कहीं से भी देखा जा सके. जलभराव के दौरान जब जल निकासी नहीं होने की शिकायतें आती हैं तो पंपों के लोकेशन के जरिए उसकी स्थिति को देखा जा सके.

मेंटेनेंस वैन में जीपीएस लगाने का आदेश
सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को कहा है कि वह जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी मोबाइल पंपों को जांच कर 25 जून तक जलभराव वाले जगहों पर लगा दिए जाएं.
अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि मानसून में काम करने वाली मेंटेनेंस वैन में भी जीपीएस लगाया जाए. ताकि इसकी मॉनिटरिंग हो सके. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जीपीएस से लैस और मोबाइल वैन को किराए पर लिया जा सकता है.

delhi govt Instructions to officials for dealing with waterlogging
जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश


दिल्ली में मानसून की दस्तक से पहले 22 जून तक लोक निर्माण विभाग के सभी नालें साफ होने का दावा किया गया है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 22 जून तक पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.

पंपिंग सेट लगाने पर हुई चर्चा
मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने सचिवालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें नालों की साफ-सफाई तथा जलभराव से निपटने के लिए पंपिंग सेट लगाने पर चर्चा हुई.

विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यमुना मॉनिटरिंग कमेटी के सुझावों के अनुसार निगम, जल बोर्ड और डीडीए के नालों से पीडब्ल्यूडी के नाले में गिरने वाले मोटे कचरे को रोकने के लिए स्टील बार लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जिसके लिए 12 एमएम के स्टील बार लगाए जाएं जो कार्यकारी अभियंता द्वारा प्रमाणित हो.

शिकायतों के बाद एक्शन में मंत्री
बता दें कि दिल्ली में बारिश के दौरान सड़कों पर जलभराव की समस्या से काफी परेशानी होती है. शहर ठहर जाता है और वाहन चालक घंटों लंबी जाम में फंस जाते हैं. जल निकासी के लिए बारिश के दौरान जल निकासी के लिए पंपिंग सेट लगाए जाते हैं लेकिन लोगों की शिकायत होती है कि यह सिर्फ दिखाने के लिए लगाए जाते हैं. इसे चलाया नहीं जाता. जिसे लगाने की जिम्मेदारी है वह बगैर चलाए ही अपना बिल बनाते रहते हैं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर मंत्री ने अब जीपीएस लगाने के निर्देश दिए ताकि प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी हो सके.

नई दिल्ली: भीषण गर्मी से तप रही दिल्ली से अभी मानसून दूर है. लेकिन मानसून आने से पहले दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर अभी से एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि बारिश के दौरान राजधानी के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है.

केजरीवाल सरकार ने जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

पंपों में जीपीएस लगाने का आदेश
लोक निर्माण विभाग मंत्री ने सड़कों में भरे पानी को निकालने के लिए पहले से लगाए गए, सभी पंपों की हालत जांचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अधिकारी जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं. 25 जून तक इन पंपों में जीपीएस लगाने को कहा गया है, ताकि लोकेशन का पता कहीं से भी देखा जा सके. जलभराव के दौरान जब जल निकासी नहीं होने की शिकायतें आती हैं तो पंपों के लोकेशन के जरिए उसकी स्थिति को देखा जा सके.

मेंटेनेंस वैन में जीपीएस लगाने का आदेश
सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को कहा है कि वह जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी मोबाइल पंपों को जांच कर 25 जून तक जलभराव वाले जगहों पर लगा दिए जाएं.
अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि मानसून में काम करने वाली मेंटेनेंस वैन में भी जीपीएस लगाया जाए. ताकि इसकी मॉनिटरिंग हो सके. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जीपीएस से लैस और मोबाइल वैन को किराए पर लिया जा सकता है.

delhi govt Instructions to officials for dealing with waterlogging
जलभराव से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश


दिल्ली में मानसून की दस्तक से पहले 22 जून तक लोक निर्माण विभाग के सभी नालें साफ होने का दावा किया गया है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 22 जून तक पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.

पंपिंग सेट लगाने पर हुई चर्चा
मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने सचिवालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें नालों की साफ-सफाई तथा जलभराव से निपटने के लिए पंपिंग सेट लगाने पर चर्चा हुई.

विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यमुना मॉनिटरिंग कमेटी के सुझावों के अनुसार निगम, जल बोर्ड और डीडीए के नालों से पीडब्ल्यूडी के नाले में गिरने वाले मोटे कचरे को रोकने के लिए स्टील बार लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जिसके लिए 12 एमएम के स्टील बार लगाए जाएं जो कार्यकारी अभियंता द्वारा प्रमाणित हो.

शिकायतों के बाद एक्शन में मंत्री
बता दें कि दिल्ली में बारिश के दौरान सड़कों पर जलभराव की समस्या से काफी परेशानी होती है. शहर ठहर जाता है और वाहन चालक घंटों लंबी जाम में फंस जाते हैं. जल निकासी के लिए बारिश के दौरान जल निकासी के लिए पंपिंग सेट लगाए जाते हैं लेकिन लोगों की शिकायत होती है कि यह सिर्फ दिखाने के लिए लगाए जाते हैं. इसे चलाया नहीं जाता. जिसे लगाने की जिम्मेदारी है वह बगैर चलाए ही अपना बिल बनाते रहते हैं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर मंत्री ने अब जीपीएस लगाने के निर्देश दिए ताकि प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी हो सके.

Intro:नई दिल्ली. भीषण गर्मी से तप रही दिल्ली से अभी मानसून दूर है. मगर बारिश के दौरान सड़कों पर जलभराव होने से जिस कदर दिल्ली अस्त-व्यस्त हो जाती है दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर अभी से एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं.




Body:लोक निर्माण विभाग मंत्री ने सड़कों में भरे पानी को निकालने के लिए पहले से लगाए गए सभी पंपों की हालत जांचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अधिकारी जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं. 25 जून तक इन पंपों में जीपीएस तक लगाने को कहा गया है. ताकि लोकेशन का पता कहीं से भी देखा जा सके. जलभराव के दौरान जब जल निकासी नहीं होने की शिकायतें आती हैं तो पंपों के लोकेशन के जरिए उसकी स्थिति को देखा जा सके.

सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को कहा है कि वह जाकर देखें कि यह पंप चल रहे हैं कि नहीं उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी मोबाइल पंपों को जांच कर इन्हें 25 जून तक जलभराव वाले जगहों पर लगा दिए जाएं. अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि मानसून में काम करने वाली मेंटेनेंस वैन में भी जीपीएस लगाया जाए. ताकि इसकी मॉनिटरिंग हो सके. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जीपीएस से लैस और मोबाइल वेन को किराए पर लिया जा सकता है.

दिल्ली में मानसून की दस्तक से पहले 22 जून तक लोक निर्माण विभाग के सभी नालें साफ होने का दावा किया गया है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 22 जून तक पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने सचिवालय में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें नालों की साफ-सफाई तथा जलभराव से निपटने के लिए पंपिंग सेट आदि लगाने पर चर्चा हुई. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यमुना मॉनिटरिंग कमेटी के सुझावों के अनुसार निगम, जल बोर्ड और डीडीए के नालों से पीडब्ल्यूडी के नाले में गिरने वाले मोटे कचरे को रोकने के लिए स्टील बार लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. जिसके लिए 12 एमएम के स्टील बार लगाए जाएं जो कार्यकारी अभियंता द्वारा प्रमाणित हो.


Conclusion:बता दें कि दिल्ली में बारिश के दौरान सड़कों पर जलभराव की समस्या से काफी परेशानी होती है. शहर ठहर जाता है और वाहन चालक घंटों लंबी जाम में फंस जाते हैं. जल निकासी के लिए बारिश के दौरान जल निकासी के लिए पंपिंग सेट लगाए जाते हैं. लेकिन लोगों की शिकायत होती है कि यह सिर्फ दिखाने के लिए लगाए जाते हैं. इसे चलाया नहीं जाता. जिसे लगाने की जिम्मेदारी है वह बगैर चलाए ही अपना बिल बनाते रहते हैं. इसी शिकायतों के आधार पर मंत्री ने अब जीपीएस लगाने के निर्देश दिए ताकि प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी हो सके.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Jun 16, 2019, 12:57 PM IST
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