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घोषणापत्र: नहीं हुआ कूड़ा निस्तारण का काम, AAP ने नगर निगम पर फोड़ा ठीकरा

2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने कूड़ा निस्तारण पर काम करने का वादा किया था. 5 साल बाद भी दिल्ली को इन कूड़े के पहाड़ों से निजात नहीं मिली है.

AAP on waste management
जैस्मीन शाह
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Published : Jan 17, 2020, 7:51 AM IST

नई दिल्ली: 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बेतरतीब से फैले कूड़े-कचरे और 2 कूड़े के पहाड़ों, गाजीपुर और भलस्वा का जिक्र करते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही थी. 5 साल बाद भी दिल्ली को न तो इन कूड़े के पहाड़ों से निजात मिली और ना ही कूड़ा निस्तारण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए.

AAP ने कूड़ा निस्तारण पर काम करने का वादा किया था

दिल्ली सरकार ने बीते पांच साल में कूड़ा निस्तारण की दिशा में क्या कुछ काम किया है, इसे लेकर हमने बातचीत की आम आदमी पार्टी नेता जैस्मीन शाह से. उन्होंने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में दिल्ली सरकार के पास सिर्फ नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है, उन्हें जमीन पर उतारने का काम नगर निगमों का है, जो पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं.

'एमसीडी जिम्मेदार, लेकिन फेल'

जैस्मीन शाह ने बताया कि साफ सफाई के मामले में बीजेपी शासित एमसीडी नाकाम रही है. उन्होंने कहा-

एमसीडी की लापरवाही को इस बात से समझा जा सकता है कि बीते पांच साल में लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए 80 प्रतिशत टॉयलेट आज भी बंद हैं. जबकि दिल्ली सरकार ने वर्ल्ड क्लास कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए, जो आज भी उसी तरह लोगों के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं.

दिल्ली को कूड़े से मुक्त करने का वादा तो आम आदमी पार्टी ने किया था, फिर एमसीडी पर ठीकरा क्यों

इस सवाल के जवाब में जैस्मीन शाह ने कहा कि हमने प्रस्ताव बनाया था कि इस क्षेत्र में दिल्ली सरकार को काम करने दिया जाए, लेकिन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव को नकार दिया. उपराज्यपाल ने कहा कि ये निगम का काम है और उसे करने दिया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार केवल वित्तीय सहायता करे.

'एमसीडी को 1500 करोड़ ज्यादा दिए'

वित्तीय सहयोग की बात पर जैस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली को कूड़े की समस्या से निजात दिलाई जा सके, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एमसीडी को डेढ हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए, लेकिन आज की तारीख में भी कूड़े की समस्या दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ और सिर्फ बीजेपी जिम्मेदार है.

'इलेक्ट्रिक वेस्ट के लिए बनी थी नीति'

इलेक्ट्रिक और केमिकल वेस्ट भी दिल्ली की बड़ी समस्या है. इस दिशा में दिल्ली सरकार ने क्या कुछ किया है, ये पूछने पर जैस्मीन शाह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वेस्ट को लेकर एक नीति बनाई थी, लेकिन एमसीडी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया.

नई दिल्ली: 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बेतरतीब से फैले कूड़े-कचरे और 2 कूड़े के पहाड़ों, गाजीपुर और भलस्वा का जिक्र करते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही थी. 5 साल बाद भी दिल्ली को न तो इन कूड़े के पहाड़ों से निजात मिली और ना ही कूड़ा निस्तारण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए.

AAP ने कूड़ा निस्तारण पर काम करने का वादा किया था

दिल्ली सरकार ने बीते पांच साल में कूड़ा निस्तारण की दिशा में क्या कुछ काम किया है, इसे लेकर हमने बातचीत की आम आदमी पार्टी नेता जैस्मीन शाह से. उन्होंने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में दिल्ली सरकार के पास सिर्फ नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है, उन्हें जमीन पर उतारने का काम नगर निगमों का है, जो पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं.

'एमसीडी जिम्मेदार, लेकिन फेल'

जैस्मीन शाह ने बताया कि साफ सफाई के मामले में बीजेपी शासित एमसीडी नाकाम रही है. उन्होंने कहा-

एमसीडी की लापरवाही को इस बात से समझा जा सकता है कि बीते पांच साल में लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए 80 प्रतिशत टॉयलेट आज भी बंद हैं. जबकि दिल्ली सरकार ने वर्ल्ड क्लास कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए, जो आज भी उसी तरह लोगों के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं.

दिल्ली को कूड़े से मुक्त करने का वादा तो आम आदमी पार्टी ने किया था, फिर एमसीडी पर ठीकरा क्यों

इस सवाल के जवाब में जैस्मीन शाह ने कहा कि हमने प्रस्ताव बनाया था कि इस क्षेत्र में दिल्ली सरकार को काम करने दिया जाए, लेकिन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव को नकार दिया. उपराज्यपाल ने कहा कि ये निगम का काम है और उसे करने दिया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार केवल वित्तीय सहायता करे.

'एमसीडी को 1500 करोड़ ज्यादा दिए'

वित्तीय सहयोग की बात पर जैस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली को कूड़े की समस्या से निजात दिलाई जा सके, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एमसीडी को डेढ हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए, लेकिन आज की तारीख में भी कूड़े की समस्या दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ और सिर्फ बीजेपी जिम्मेदार है.

'इलेक्ट्रिक वेस्ट के लिए बनी थी नीति'

इलेक्ट्रिक और केमिकल वेस्ट भी दिल्ली की बड़ी समस्या है. इस दिशा में दिल्ली सरकार ने क्या कुछ किया है, ये पूछने पर जैस्मीन शाह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वेस्ट को लेकर एक नीति बनाई थी, लेकिन एमसीडी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया.

Intro:राजधानी दिल्ली की समस्याओं की जब भी बात होती है तो वेस्ट मैनेजमेंट की चिंता प्रमुख रूप से सामने आती है. 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने इस दिशा में काम करने का वादा किया था लेकिन वर्तमान की हालत भी पहले जैसी ही बदतर है.


Body:नई दिल्ली: 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बेतरतीब से फैले कूड़े-कचरे और खासकर दो कूड़े के पहाड़ों गाजीपुर और भलस्वा का जिक्र करते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही थी. लेकिन 5 साल बाद भी दिल्ली को न तो इन कूड़े के पहाड़ों से निजात मिला और ना ही वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में कुछ ठोस कदम उठते दिखे.

दिल्ली सरकार के जिम्मे केवल नीतियां

दिल्ली सरकार ने बीते पांच साल में वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में क्या कुछ काम किया है, इसे लेकर हमने बातचीत की आम आदमी पार्टी नेता जैस्मीन शाह से. उन्होंने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में दिल्ली सरकार के पास सिर्फ नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है, उन्हें जमीन पर उतारने का काम नगर निकाय के जिम्मे है, जो अपनी काम में पूरी तरह से फेल साबित हुई है.

एमसीडी जिम्मेदार लेकिन फेल

जैस्मीन शाह ने बताया कि साफ सफाई के मामले में भाजपा शासित एमसीडी कितनी नाकाम रही है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि बीते पांच साल में एमसीडी द्वारा लाखों रुपए खर्चकर बनाए गए 80 प्रतिशत टॉयलेट आज भी बंद हैं, वहीं दिल्ली सरकार ने बीते पांच साल में वर्ल्ड क्लास कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए, जो आज भी उसी तरह लोगों के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं.

काम के प्रस्ताव को एलजी ने नकारा

यह पूछने पर कि वादा तो आम आदमी पार्टी ने किया था कि दिल्ली को कूड़ा से मुक्त करेंगे, तो फिर एमसीडी पर ठीकरा क्यों, इसपर जैस्मीन शाह का जवाब था कि हमने प्रस्ताव बनाया था कि इस क्षेते में दिल्ली सरकार को काम करने दिया जाए, लेकिन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव को नकार दिया और कहा कि यह निगम का काम है और उसे करने दिया जाना चाहिए, दिल्ली सरकार केवल वित्तीय सहायता करे.

एमसीडी को 1500 करोड़ ज्यादा दिए

वित्तीय सहयोग की बात पर जैस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली को कूड़े की समस्या से निजात दिलाया जा सके इसके लिए दिल्ली सरकार ने एमसीडी को डेढ़ हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए, लेकिन आज की तारीख में भी कूड़े की समस्या दिल्ली की सबसे बडी समस्या है और उसकी लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा जिम्मेदार है.


Conclusion:इलेक्ट्रिक वेस्ट के लिए बनी थी नीति

इलेक्ट्रिक और केमिकल वेस्ट भी दिल्ली के बड़ी समस्या है. इस दिशा में दिल्ली सरकार ने क्या कुछ किया है यह पूछने पर जैस्मीन शाह ने बताया कि पीछे साल आम आदमी पार्टी सरकार ने इलेक्ट्रिक वेस्ट को लेकर एक नीति बनाई थी, लेकिन एमसीडी ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया.
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