नई दिल्ली: दिल्ली सरकार शैक्षणिक सत्र 2020-21 से सरकारी स्कूलों में जीरो पेपर वर्क पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय की ओर से सरकारी स्कूलों के एचओएस को निर्देश दिया गया है कि सभी शिक्षकों को टैबलेट मुहैया कराए जाए, जिससे कि वो डिजिटली सशक्त हो सकें और छात्रों की हाजिरी से लेकर एसेसमेंट तक के सभी कार्य टैबलेट के जरिए कर सकें.
इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी स्कूलों के हेड ऑफ स्कूल को ये निर्देश दिया गया है कि वो सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षकों के पास टैबलेट हों.
आईटी ब्रांच को दें जानकारी
ये भी कहा गया है कि अगर किसी शिक्षक के पास टैबलेट नहीं है तो उन्हें उन शिक्षकों का टैबलेट मुहैया कराए जाएं जो या तो रिटायर हो गए हैं, या स्कूल छोड़ चुके हैं. इसके अलावा अगर स्कूल के पास टैबलेट का स्टॉक नहीं है तो उसकी जानकारी आईटी ब्रांच के पास भेजी जाए जिससे टैबलेट खरीदने के लिए जरूरी फंड दिया जा सके.
शिक्षा निदेशालय के सख्त निर्देश
शिक्षा निदेशालय के सख्त निर्देश हैं कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और सभी शिक्षकों को टैबलेट मुहैया कराया जाए. साथ ही कहा गया है कि शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन टैबलेट के जरिए हुआ है या नहीं इस पर कड़ी निगरानी भी रखी जाएगी और इसमें किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
शिक्षक को मिलेंगे पैसे
बता दें कि शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए 15000 रुपये की राशि निर्धारित की गई है. वहीं शिक्षकों को कहा गया है कि वो टेबलेट खरीदकर बिल हेड ऑफ स्कूल को दे दें और टैबलेट का पैसा शिक्षकों को बिल जमा करने के कुछ दिन बाद दे दिया जाएगा.