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दिल्ली: होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के लिए बनेंगे 5 स्वास्थ्य सेंटर

दिल्ली सरकार ने कोरोना मरीजों को होम क्वारंटाइन में रखने के लिए साथ ही उन्हें हर सुविधा मुहैया कराने के लिए पांच स्वास्थ्य सेंटर बनाने की योजना तय की है. ये सेंटर उन मरीजों की देखभाल करेंगे जिन्हें सरकार ने कोरोना के आंशिक रूप से लक्षण होने के चलते घर पर रहने के निर्देश दिये है.

delhi government scheme to make 5 health centers
होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के लिए तैयार होंगे स्वास्थ्य सेंटर
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Published : May 10, 2020, 12:42 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना मरीजों को होम क्वारंटाइन में रखने व घर पर सुविधा देने के लिए प्रत्येक जिले को पांच भागों में विभाजित कर पांच स्वास्थ्य सेंटर बनाने की योजना दिल्ली सरकार ने बनाई है. प्रत्येक सेंटर पर एक इंचार्ज व दो स्वास्थ्य कर्मी होंगे.

होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के लिए तैयार होंगे स्वास्थ्य सेंटर
टीम कोरोना मरीज की देगी रिपोर्ट

स्वास्थ्य कर्मियों की टीम मरीजों के घर पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी. स्वास्थ्य निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जेड एस मारक के अनुसार प्रत्येक जिले के 5 हिस्से कर प्रत्येक हिस्से में एक मेडिकल सेंटर चिन्हित किया जाएगा. यह सेंटर मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए नोडल प्वाइंट का काम करेगा.



कोरोना के इलाज के लिए प्रशिक्षण

मेडिकल सेंटर के इंचार्ज को डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस अधिकारी के माध्यम से कोरोना इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रत्येक जिले में 10 लोगों को इंचार्ज बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि हर जिले में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित इंचार्ज सभी सेंटर की मॉनिटरिंग कर सकें. इस गाइडलाइन के तहत प्रत्येक सेंटर दो आशा कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना होगा.



स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य कर्मियों की टीम को ऑटो द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर पहुंचना होगा. इन ऑटो चालकों को स्वास्थ्य टीम के साथ घूमने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अधिकृत किया जाएगा. प्रत्येक ऑटो चालक को प्रतिदिन 1,200 रुपये दिए जाएंगे. इस स्वास्थ्य टीम को थर्मल स्केनर, पल्स ऑक्सीमीटर, एन 95 मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर दिया जाएगा. स्वास्थ्यकर्मियों के आने की पूर्व सूचना मरीजों को दी जाएगी.

फिर ऑटो चालक दोनों स्वास्थ्य कर्मी को घर से बिठाकर कोरोना मरीज के घर तक ले जाएगा. दोनों साथ में देखेंगे कि मरीज के लिए अलग कमरा है या नहीं. घर में कोई अन्य ज्यादा बीमार व्यक्ति तो नहीं है. अगर घर के सदस्यों की कोरोना जांच कराना जरूरी है, तो यह टीम तय करेगी. मरीज को डॉक्टर से जांच या फिर कोरोना पॉजिटिव मरीज को अस्पताल भेजने की जरूरत है या नहीं, यह टीम तय करेगी.

आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा

मरीज के परिवार को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. मरीज के घर के बाहर स्टीकर लगाया जाएगा. इसके बाद यही टीम प्रतिदिन टेलीफोन से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी. मरीज के घर पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी दोनों स्वास्थ्य कर्मी अपने इंचार्ज को रात 10 बजे तक देंगे.



7 निजी अस्पतालों को कोरोना मान्यता

बता दें कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, दिल्ली सरकार ने अब सरकारी अस्पतालों के अलावा 7 निजी अस्पतालों में भी कोरोना के इलाज के लिए मान्यता दे दी है. लेकिन इसके अलावा जिन मरीजों में आंशिक रूप से लक्षण हैं, उन्हें घर पर ही रहने के निर्देश सरकार ने जारी किए हैं. अब प्रत्येक जिले में जो यह पांच हेल्थ सेंटर बनाए जाएंगे, वह इन मरीजों की देखभाल करेंगे.

नई दिल्ली: कोरोना मरीजों को होम क्वारंटाइन में रखने व घर पर सुविधा देने के लिए प्रत्येक जिले को पांच भागों में विभाजित कर पांच स्वास्थ्य सेंटर बनाने की योजना दिल्ली सरकार ने बनाई है. प्रत्येक सेंटर पर एक इंचार्ज व दो स्वास्थ्य कर्मी होंगे.

होम क्वॉरेंटाइन मरीजों के लिए तैयार होंगे स्वास्थ्य सेंटर
टीम कोरोना मरीज की देगी रिपोर्ट

स्वास्थ्य कर्मियों की टीम मरीजों के घर पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी. स्वास्थ्य निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जेड एस मारक के अनुसार प्रत्येक जिले के 5 हिस्से कर प्रत्येक हिस्से में एक मेडिकल सेंटर चिन्हित किया जाएगा. यह सेंटर मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए नोडल प्वाइंट का काम करेगा.



कोरोना के इलाज के लिए प्रशिक्षण

मेडिकल सेंटर के इंचार्ज को डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस अधिकारी के माध्यम से कोरोना इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रत्येक जिले में 10 लोगों को इंचार्ज बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि हर जिले में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित इंचार्ज सभी सेंटर की मॉनिटरिंग कर सकें. इस गाइडलाइन के तहत प्रत्येक सेंटर दो आशा कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना होगा.



स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य कर्मियों की टीम को ऑटो द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर पहुंचना होगा. इन ऑटो चालकों को स्वास्थ्य टीम के साथ घूमने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अधिकृत किया जाएगा. प्रत्येक ऑटो चालक को प्रतिदिन 1,200 रुपये दिए जाएंगे. इस स्वास्थ्य टीम को थर्मल स्केनर, पल्स ऑक्सीमीटर, एन 95 मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर दिया जाएगा. स्वास्थ्यकर्मियों के आने की पूर्व सूचना मरीजों को दी जाएगी.

फिर ऑटो चालक दोनों स्वास्थ्य कर्मी को घर से बिठाकर कोरोना मरीज के घर तक ले जाएगा. दोनों साथ में देखेंगे कि मरीज के लिए अलग कमरा है या नहीं. घर में कोई अन्य ज्यादा बीमार व्यक्ति तो नहीं है. अगर घर के सदस्यों की कोरोना जांच कराना जरूरी है, तो यह टीम तय करेगी. मरीज को डॉक्टर से जांच या फिर कोरोना पॉजिटिव मरीज को अस्पताल भेजने की जरूरत है या नहीं, यह टीम तय करेगी.

आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा

मरीज के परिवार को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. मरीज के घर के बाहर स्टीकर लगाया जाएगा. इसके बाद यही टीम प्रतिदिन टेलीफोन से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी. मरीज के घर पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी दोनों स्वास्थ्य कर्मी अपने इंचार्ज को रात 10 बजे तक देंगे.



7 निजी अस्पतालों को कोरोना मान्यता

बता दें कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, दिल्ली सरकार ने अब सरकारी अस्पतालों के अलावा 7 निजी अस्पतालों में भी कोरोना के इलाज के लिए मान्यता दे दी है. लेकिन इसके अलावा जिन मरीजों में आंशिक रूप से लक्षण हैं, उन्हें घर पर ही रहने के निर्देश सरकार ने जारी किए हैं. अब प्रत्येक जिले में जो यह पांच हेल्थ सेंटर बनाए जाएंगे, वह इन मरीजों की देखभाल करेंगे.

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