नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से दिल्ली वाले बचे रहे इसलिए सरकार ने लॉकडाउन किया है. कोशिश है कि तीसरे चरण में कम्युनिटी संक्रमण से लोगों को बचाया जाए. बावजूद जिस तरह छिटपुट घटनाएं सामने आ रही हैं कि लॉक डाउन के दौरान भी लोग सड़कों पर निकल रहे हैं, यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरी दिल्ली वालों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. दिल्ली में स्थित केंद्र, राज्य, निगम और निजी सभी अस्पतालों को मिला दें तब भी सारे इंतजाम नाकाफी साबित होंगे.
अस्पतालों में बंद हुई ओपीडी और रूटीन सर्जरी
कोरोना को हराने के लिए दिल्ली के लगभग एक दर्जन से ज्यादा बड़े अस्पताल को तैयार किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर सोमवार से एम्स, सफदरजंग सहित कई बड़े अस्पतालों में ओपीडी और रूटीन सर्जरी को बंद कर दिया गया है. ताकि कर्मचारी और अधिकारी कोरोना से निपटने की तैयारियां कर सकें.
कम्युनिटी स्तर पर फैला तो होगी मुसीबत
दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या 30 के करीब है. लेकिन तीसरे चरण में यह कब 3000 व तीन लाख हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. संदिग्ध लोग व मरीजों को सामान्य अस्पतालों में सामान्य वार्ड में भर्ती नहीं किया जा सकता. क्योंकि इससे संक्रमण और फैलेगा. इसलिए प्रत्येक अस्पताल में इसकी अलग से तैयारी की जा रही है.
6 बड़े अस्पताल को किया जा रहा तैयार
अभी दिल्ली के 6 बड़े अस्पताल सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, जीटीबी, लोकनायक, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी, बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में इलाज शुरू कर दिया गया है. वहीं, एम्स, लेडी हार्डिंग, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, राम मनोहर लोहिया, इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेज और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल में जांच शुरू की जा चुकी है.
दिल्ली सरकार के इंतजाम
कोरोना संक्रमित मरीज़ो को आइसोलेशन में रखने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से अभी 25 अस्पतालों में कुल 776 बेड इंतजाम किए गए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीडीए के नरेला, द्वारका में जो फ्लैट खाली है वहां भी आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे. इसके अलावा निर्माणाधीन अस्पताल बुराड़ी में भी 200 बेड बनाए जा रहे हैं. लेकिन दुनिया के अन्य देशों में जिस तरह जिस रफ्तार से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, ऐसी स्थिति दिल्ली में उत्पन्न हुई तो यह सारे इंतजाम नाकाफी हो जाएंगे. ऐसी स्थिति ही ना आए इसलिए दिल्ली को भी लॉक डाउन किया गया है. लोग घरों में बंद नहीं रहेंगे तो कर्फ्यू तक लगाया जा सकता है.
ऐसी है दिल्ली सरकार की तैयारियां
दिल्ली के कुल 25 अस्पतालों में कोरोना के इलाज की तैयारी की जा रही है. इसमें 19 सरकारी और 6 प्राइवेट हॉस्पिटल है. सभी अस्पतालों में रूटीन सर्जरी पर रोक लगा दी गई है. विभाग का फोकस कोरोना मरीजों की संख्या को नियंत्रित करने पर हैं. सभी रेजीडेंट डॉक्टरों को इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है. उनकी ड्यूटी और कोरोना मरीज के इलाज में लगाई जा सकती है. सरकार ने सभी अस्पतालों को कहा है कि उनके यहां हर मशीन काम करनी चाहिए. दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को उनके यहां 25 फीसद अतिरिक्त मैन पावर रखने की अनुमति दे दी है.
प्राइवेट अस्पतालों में 52 फीसद बेड
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में बजट का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य के लिए सरकार खर्च करती है. लेकिन 52 फीसद बेड प्राइवेट अस्पतालों में है. वहीं केंद्र सरकार, एमसीडी अस्पतालों में 28 फीसद बेड़ की संख्या है और महज 20 फीसद हिस्सा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में है.
किसके पास कितने अस्पताल | संख्या | बेड की संख्या |
दिल्ली सरकार | 38 | 11770 |
नगर निगम | 51 | 3505 |
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) | 2 | 221 |
केंद्र सरकार | 21 | 9716 |
प्राइवेट अस्पताल | 1175 | 29502 |
दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए बेड की संख्या-
निजी अस्पताल | बेड की संख्या |
बत्रा हॉस्पिटल | 10 |
फॉर्टिस, ओखला | 15 |
फॉर्टिस, शालीमार बाग | 20 |
फॉर्टिस, वसंत कुंज | 13 |
होली फैमिली | 18 |
अपोलो | 50 |
मणिपाल, द्वारका | 4 |
माता चानन देवी | 5 |
मैक्स, साकेत | 5 |
मेट्रो हॉस्पिटल, प्रीत विहार | 4 |
सैंटम हॉस्पिटल, प्रशांत विहार | 5 |
गंगाराम अस्पताल | 16 |
सेंट स्टीफेंस | 4 |
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल, द्वारका | 10 |