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दिल्ली सरकार ने ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर प्रक्रिया में किए बदलाव - दिल्ली सरकार ने ट्रांसफर की प्रक्रिया को बदला

दिल्ली सरकार ने ऑटो परमिट की कालाबाजारी की शिकायतों के मद्देनजर ऑटो पंजीकरण और ट्रांसफर की प्रक्रिया को बदल दिया है.

दिल्ली सरकार ने ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर प्रक्रिया में किए बदलाव
दिल्ली सरकार ने ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर प्रक्रिया में किए बदलाव
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Published : Jun 22, 2022, 10:45 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने ऑटो परमिट की कालाबाजारी की शिकायतों को देखते हुए ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर की प्रक्रिया में बदलाव किया है. इसके तहत लोन नहीं चुकाने की स्थिति में फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को अब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सीधे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही, लोन डिफ्लटर होने पर फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को बिना परमिट के पहले वित्तीय सस्थांनों के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद ही वो किसी अन्य थर्ड पार्टी के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर किया जा सकेगा. इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि नियम होने के बावजूद बहुत से वास्तविक लोन डिफ्टरों को फाइनेंसरों की तरफ से परेशान किया जा रहा है, केजरीवाल सरकार ऐसे सभी भ्रष्टाचारों के खिलाफ लड़ने और परेशानी को समाप्त करने में विश्वास करती है.

वहीं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि "ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर की प्रक्रिया में नए बदलाव के मुताबिक मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाहन फाइनेंसरों को भुगतान करने में असफल होने के कारण पंजीकृत मालिक से ऑटो कब्जा करने की स्थित में फाइनेंसरों के नाम पर पहले ऑटो को ट्रासंफर किया जाएगा. इसके साथ ही ऑटो मालिक को इस पंजीकरण की एक कापी उनके पते पर भेजकर सूचना दी जाएगी. ऐसे सभी मामलों में किसी अन्य खरीदार को वाहन को सीधा ट्रांसफर करने और परमिट की अनुमति नहीं होगी. इस तरह के कब्जा किए गए वाहन को कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार फाइनेंसर द्वारा नीलामी में बेचा जा सकता है. वहीं जो व्यक्ति नीलामी के माध्यम से ऐसा वाहन खरीदता है, वह परिवहन विभाग से संपर्क कर एमवी अधिनियम, 1988 के प्रावधान के तहत अपने नाम पर पंजीकरण करा सकता है. नीलामी के माध्यम से खरीदने वाला दिल्ली का निवासी होना चाहिए, जिसके पास दिल्ली के पते का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस हो. इसके अलावा, खरीदार के पास परिवहन विभाग से ऑटो-रिक्शा (टीएसआर) के लिए जारी वैध एलओआई और वैध परमिट होना चाहिए."

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि "यह कोविड से पहले के परिदृश्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां ऑटो चालक भारी ऋण को चुकाने में असमर्थता का खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि विभाग द्वारा सख्त बदलाव के साथ यह उपाय इस तरह के परेशानी को कम करेगा और बहुत सारे ऑटो चालकों को राहत देगा."

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नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने ऑटो परमिट की कालाबाजारी की शिकायतों को देखते हुए ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर की प्रक्रिया में बदलाव किया है. इसके तहत लोन नहीं चुकाने की स्थिति में फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को अब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सीधे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही, लोन डिफ्लटर होने पर फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को बिना परमिट के पहले वित्तीय सस्थांनों के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद ही वो किसी अन्य थर्ड पार्टी के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर किया जा सकेगा. इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि नियम होने के बावजूद बहुत से वास्तविक लोन डिफ्टरों को फाइनेंसरों की तरफ से परेशान किया जा रहा है, केजरीवाल सरकार ऐसे सभी भ्रष्टाचारों के खिलाफ लड़ने और परेशानी को समाप्त करने में विश्वास करती है.

वहीं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि "ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर की प्रक्रिया में नए बदलाव के मुताबिक मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाहन फाइनेंसरों को भुगतान करने में असफल होने के कारण पंजीकृत मालिक से ऑटो कब्जा करने की स्थित में फाइनेंसरों के नाम पर पहले ऑटो को ट्रासंफर किया जाएगा. इसके साथ ही ऑटो मालिक को इस पंजीकरण की एक कापी उनके पते पर भेजकर सूचना दी जाएगी. ऐसे सभी मामलों में किसी अन्य खरीदार को वाहन को सीधा ट्रांसफर करने और परमिट की अनुमति नहीं होगी. इस तरह के कब्जा किए गए वाहन को कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार फाइनेंसर द्वारा नीलामी में बेचा जा सकता है. वहीं जो व्यक्ति नीलामी के माध्यम से ऐसा वाहन खरीदता है, वह परिवहन विभाग से संपर्क कर एमवी अधिनियम, 1988 के प्रावधान के तहत अपने नाम पर पंजीकरण करा सकता है. नीलामी के माध्यम से खरीदने वाला दिल्ली का निवासी होना चाहिए, जिसके पास दिल्ली के पते का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस हो. इसके अलावा, खरीदार के पास परिवहन विभाग से ऑटो-रिक्शा (टीएसआर) के लिए जारी वैध एलओआई और वैध परमिट होना चाहिए."

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि "यह कोविड से पहले के परिदृश्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां ऑटो चालक भारी ऋण को चुकाने में असमर्थता का खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि विभाग द्वारा सख्त बदलाव के साथ यह उपाय इस तरह के परेशानी को कम करेगा और बहुत सारे ऑटो चालकों को राहत देगा."

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