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प्रिंसिपल सेक्रेटरी से दिल्ली शिक्षा निदेशक ने लगाई गुहार, बीएलओ ड्यूटी से शिक्षकों को हटाने की मांग

दिल्ली के शिक्षा निदेशक ने केजरीवाल सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (रेवेन्यू) डिविजनल कमिश्नर अश्वनी कुमार को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने शिक्षकों को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ड्यूटी से हटाने की मांग करने के साथ, इसके नुकसान भी बताए हैं.

Divisional Commissioner Ashwani Kumar
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Published : Jul 31, 2023, 8:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी (रेवेन्यू) डिविजनल कमिश्नर अश्वनी कुमार से शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने पत्र लिखकर मांग की है कि बीएलओ ड्यूटी पर लगाए जाने वाले शिक्षक के संबंध में आदेश को रद्द करें. अपने पत्र में उन्होंने कहा है, आप जानते हैं कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 चल रहा है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, सितंबर माह में होने वाले फर्स्ट टर्म के एग्जाम की तैयारी करवा रहे हैं. इस संबंध में यह आपके ध्यान में लाया गया है कि कई सब डिविजनल मजिस्ट्रेट आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे पूर्णकालिक बीएलओ ड्यूटी के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों को तैनात किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, यदि इस महत्वपूर्ण समय में शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में तैनात किया जाता है, तो छात्रों को पढ़ाई का नुकसान होना तय है. कार्ड धारकों के सत्यापन के लिए राज्य की ओर से शिक्षकों की सेवाओं की मांग करना गैरकानूनी है. इसके अलावा, बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009/2010 की धारा 27 किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाती है.

शिक्षा निदेशक ने की ये मांग: हिमांशु गुप्ता ने कहा कि आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप संबंधित अधिकारी को बीएलओ ड्यूटी के लिए शिक्षकों की तैनाती के सभी आदेशों को रद्द करने का निर्देश दें. यदि संभव हो तो खेल संवर्ग के कुछ शिक्षकों को छुट्टियों पर लगाया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-Eye Flu In Delhi: आई फ्लू से कैसे खुद का करें बचाव, शिक्षा विभाग ने जारी की एडवाइजरी

क्या कहते हैं सरकारी स्कूल के शिक्षक: सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक और गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन से जुड़े संत राम ने बताया कि शिक्षक का मूल कार्य शिक्षा देना ही है. लेकिन आजकल शिक्षण के अलावा सभी गैर जरूरी कार्य भी करवाए जा रहे हैं. इससे शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है. यह संभव नहीं है कि कोई और बच्चों को पढ़ाने का काम इतनी कुशलता से कर पाए. वहीं बीएलओ पूरे समय चलने वाला पद है, जिसपर विभाग को उचित स्टाफ रखना चाहिए. इसमें रिटायर्ड गेस्ट स्टाफ को भी रखा जा सकता है. इससे उन लोगों का भला होगा जो बेरोजगार हैं और बच्चों की शिक्षा भी नहीं रुकेगी. निदेशक महोदय ने उचित समय पर पत्र लिखा है. अब इसता क्या असर होता है, यह आने वाले समय में पता चलेगा.

यह भी पढ़ें-Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे, क्या हुआ इससे बदलाव? जानें छात्र-प्रोफेसर की राय

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी (रेवेन्यू) डिविजनल कमिश्नर अश्वनी कुमार से शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने पत्र लिखकर मांग की है कि बीएलओ ड्यूटी पर लगाए जाने वाले शिक्षक के संबंध में आदेश को रद्द करें. अपने पत्र में उन्होंने कहा है, आप जानते हैं कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 चल रहा है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, सितंबर माह में होने वाले फर्स्ट टर्म के एग्जाम की तैयारी करवा रहे हैं. इस संबंध में यह आपके ध्यान में लाया गया है कि कई सब डिविजनल मजिस्ट्रेट आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे पूर्णकालिक बीएलओ ड्यूटी के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों को तैनात किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, यदि इस महत्वपूर्ण समय में शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में तैनात किया जाता है, तो छात्रों को पढ़ाई का नुकसान होना तय है. कार्ड धारकों के सत्यापन के लिए राज्य की ओर से शिक्षकों की सेवाओं की मांग करना गैरकानूनी है. इसके अलावा, बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009/2010 की धारा 27 किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाती है.

शिक्षा निदेशक ने की ये मांग: हिमांशु गुप्ता ने कहा कि आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप संबंधित अधिकारी को बीएलओ ड्यूटी के लिए शिक्षकों की तैनाती के सभी आदेशों को रद्द करने का निर्देश दें. यदि संभव हो तो खेल संवर्ग के कुछ शिक्षकों को छुट्टियों पर लगाया जा सकता है.

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क्या कहते हैं सरकारी स्कूल के शिक्षक: सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक और गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन से जुड़े संत राम ने बताया कि शिक्षक का मूल कार्य शिक्षा देना ही है. लेकिन आजकल शिक्षण के अलावा सभी गैर जरूरी कार्य भी करवाए जा रहे हैं. इससे शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है. यह संभव नहीं है कि कोई और बच्चों को पढ़ाने का काम इतनी कुशलता से कर पाए. वहीं बीएलओ पूरे समय चलने वाला पद है, जिसपर विभाग को उचित स्टाफ रखना चाहिए. इसमें रिटायर्ड गेस्ट स्टाफ को भी रखा जा सकता है. इससे उन लोगों का भला होगा जो बेरोजगार हैं और बच्चों की शिक्षा भी नहीं रुकेगी. निदेशक महोदय ने उचित समय पर पत्र लिखा है. अब इसता क्या असर होता है, यह आने वाले समय में पता चलेगा.

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