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Black Fungus: नकली इंजेक्शन बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, डॉक्टर समेत 10 गिरफ्तार - duplicate injections of black fungus delhi crime branch

Delhi crime Branch busted a gang who involved in fake injections of black fungus
Black Fungus: नकली इंजेक्शन बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश
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Published : Jun 20, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 4:28 PM IST

15:09 June 20

क्राइम ब्रांच ने किया पर्दाफाश

Delhi crime Branch busted a gang who involved in fake injections of black fungus
डॉक्टर समेत 10 गिरफ्तार

नई दिल्ली: ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के नकली इंजेक्शन बेचने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट में शामिल दो डॉक्टरों सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी नकली दवा तैयार कर उसे सप्लाई कर रहे थे. इनके पास से 3293 नकली इंजेक्शन बरामद हुए हैं. यह इंजेक्शन डॉक्टर अल्तमस के निजामुद्दीन स्थित घर से बरामद हुए हैं.

 

ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर की गई कार्रवाई

क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि हमें ड्रग कंट्रोलर ऑफिस से यह सूचना मिली कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के कुछ नकली इंजेक्शन बनाकर बेचे जा रहे हैं. हमें यह भी जानकारी प्राप्त हुई थी जो दवा खुले बाजार में नहीं बेची जा सकती वह खुले बाजार में बिक रही है. जिसके बाद क्राइम ब्रांच और ड्रग कंट्रोलर की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई में वसीम खान को गिरफ्तार किया. वसीम खान से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसे मयंक से दवाई की सप्लाई मिलती थी. जिसके बाद मयंक को गिरफ्तार किया गया. मयंक की निशानदेही पर फिर क्राइम ब्रांच ने शिवम भाटिया को गिरफ्तार किया है. इस मामले में कुल 10 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है कि वह दवाई कैसे बनाते थे और दवाई बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल करते थे.




असली डब्बे में नकली दवाइयों की सप्लाई
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि आरोपियों ने नकली दवाई बनाने के लिए ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 300 एक्सपायर्ड इंजेक्शन खरीदें. इसके साथ ही नॉर्मल फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले दवाइयों की भी आरोपियों ने खरीद की. जिसके बाद उसे विदेशी कंपनी के नाम से नकली डब्बो में पैक किया गया. आरोपियों के पास कुल 3293 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कितने इंजेक्शन असली हैं और कितने नकली.

पहले भी जा चुका है जेल 
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि इस गैंग के साथ पकड़ा गया डॉक्टर अल्तमश पर पहले से ही 5 फ्रॉड के केस दर्ज है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रेमेडिसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, जहां से उसे जमानत मिल गई थी. आरोपी नॉर्मल फंगल की दवाई बाजार से खरीदते थे और उसके नकली डब्बे में पैक करके 12 हजार रुपय में बेचा जा रहा था. क्राइम ब्रांच इस पूरे मामले में डॉक्टर की भी राय लेगी कि इन दवाइयों के इस्तेमाल से कितना नुकसान हो सकता है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक आरोपियों द्वारा कितने मरीजों को नकली दवाइयां बेची गई है. मोनिका भारद्वाज ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि अब तक इनके द्वारा कुल 400 लोगों को यह नकली दवाइयां बेची गई है.

15:09 June 20

क्राइम ब्रांच ने किया पर्दाफाश

Delhi crime Branch busted a gang who involved in fake injections of black fungus
डॉक्टर समेत 10 गिरफ्तार

नई दिल्ली: ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के नकली इंजेक्शन बेचने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट में शामिल दो डॉक्टरों सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी नकली दवा तैयार कर उसे सप्लाई कर रहे थे. इनके पास से 3293 नकली इंजेक्शन बरामद हुए हैं. यह इंजेक्शन डॉक्टर अल्तमस के निजामुद्दीन स्थित घर से बरामद हुए हैं.

 

ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर की गई कार्रवाई

क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि हमें ड्रग कंट्रोलर ऑफिस से यह सूचना मिली कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के कुछ नकली इंजेक्शन बनाकर बेचे जा रहे हैं. हमें यह भी जानकारी प्राप्त हुई थी जो दवा खुले बाजार में नहीं बेची जा सकती वह खुले बाजार में बिक रही है. जिसके बाद क्राइम ब्रांच और ड्रग कंट्रोलर की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई में वसीम खान को गिरफ्तार किया. वसीम खान से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसे मयंक से दवाई की सप्लाई मिलती थी. जिसके बाद मयंक को गिरफ्तार किया गया. मयंक की निशानदेही पर फिर क्राइम ब्रांच ने शिवम भाटिया को गिरफ्तार किया है. इस मामले में कुल 10 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है कि वह दवाई कैसे बनाते थे और दवाई बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल करते थे.




असली डब्बे में नकली दवाइयों की सप्लाई
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि आरोपियों ने नकली दवाई बनाने के लिए ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 300 एक्सपायर्ड इंजेक्शन खरीदें. इसके साथ ही नॉर्मल फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले दवाइयों की भी आरोपियों ने खरीद की. जिसके बाद उसे विदेशी कंपनी के नाम से नकली डब्बो में पैक किया गया. आरोपियों के पास कुल 3293 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कितने इंजेक्शन असली हैं और कितने नकली.

पहले भी जा चुका है जेल 
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि इस गैंग के साथ पकड़ा गया डॉक्टर अल्तमश पर पहले से ही 5 फ्रॉड के केस दर्ज है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रेमेडिसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, जहां से उसे जमानत मिल गई थी. आरोपी नॉर्मल फंगल की दवाई बाजार से खरीदते थे और उसके नकली डब्बे में पैक करके 12 हजार रुपय में बेचा जा रहा था. क्राइम ब्रांच इस पूरे मामले में डॉक्टर की भी राय लेगी कि इन दवाइयों के इस्तेमाल से कितना नुकसान हो सकता है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक आरोपियों द्वारा कितने मरीजों को नकली दवाइयां बेची गई है. मोनिका भारद्वाज ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि अब तक इनके द्वारा कुल 400 लोगों को यह नकली दवाइयां बेची गई है.

Last Updated : Jun 20, 2021, 4:28 PM IST

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