नई दिल्ली: दिल्ली सहित कई राज्यों में वारदात करने वाले ईरानी गैंग के एक बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान कासिम जाफरी उर्फ जोजु के रूप में की गई है. कुछ ही समय पहले उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक शख्स से 915 ग्राम सोना लूट लिया था. क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी बनकर उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था. इससे पहले भी वह कई वारदातों में शामिल रहा है. इससे पहले दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी है.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार करोल बाग के एक जौहरी का कर्मचारी बीते 10 जून को ऑटो से चांदनी चौक जा रहा था. उसके पास मौजूद बैग में 915 ग्राम सोने के गहने थे. दोपहर के समय वह जब बाड़ा हिन्दू राव इलाके में पहुंचा तो दो बाइक पर सवार चार युवकों में ऑटो को रोक लिया. उन्होंने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उसके बैग की तलाशी ली. गहने से संबंधित दस्तावेज कर्मचारी नहीं दिखा सका. उन्होंने उसे बिल लाने के लिए ऑटो में बिठाया और गहने लेकर फरार हो गए. पीड़ित की शिकायत पर बाड़ा हिंदूराव थाने में इस बाबत ठगी की एफआईआर दर्ज की गई थी.
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भोपाल से गिरफ्तार हुआ आरोपी
कोतवाली स्थित क्राइम ब्रांच की टीम ने वारदात करने वाले ईरानी गैंग के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. आरोपियों के हुलिए की जानकारी ली गई. पुलिस टीम को पता चला कि वारदात में शामिल बदमाश भोपाल में मौजूद है. इस जानकारी पर एसीपी राजेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम ने छापा मारकर एक आरोपी कासिम जाफरी को पकड़ लिया. उसने पुलिस को बताया कि वारदात में उसके साथ हबीब, शहजोर और सरताज शामिल थे. फिलहाल यह तीनों आरोपी फरार चल रहे हैं. पुलिस टीम आरोपी को दिल्ली ले आई है. उसे लोकल पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
ऐसे वारदात करता है ईरानी गैंग
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार ईरानी गैंग के कई मॉड्यूल देशभर में आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं. यह लोग खुद को पुलिस, क्राइम ब्रांच, सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स आदि का कर्मचारी बनकर रोकते हैं. अपने हुलिए से वह बिल्कुल पुलिस वाले लगते हैं जिससे आम लोग धोखा खा जाते हैं. कई बार वह सफारी सूट पहनकर वारदात करते हैं. सबसे पहले वह अपने शिकार को चिन्हित करते हैं. इसके बाद वह आसानी से अपने शिकार को तलाशी के बहाने रोकते हैं और उनके पास मौजूद नकदी एवं गहने लेकर फरार हो जाते हैं.
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17 साल की उम्र में शुरू किया अपराध
आरोपी 35 वर्षीय कासिम महाराष्ट्र के भिवंडी का रहने वाला है. वह पांचवी कक्षा तक पढ़ा है. उसके समाज के कई लोग इसी तरह से ईरानी गैंग में काम करते हैं. 17 साल की उम्र से ही उसने गैंग में अपराध करना शुरू कर दिया था. सबसे पहले उसे पुणे पुलिस ने पकड़ा था. उस समय वह नाबालिग था. अहमदाबाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से 25 वारदातों को सुलझाया था. वर्ष 2019 में उसे लोधी कालोनी पुलिस ने गिरफ्तार कर तीन मामलों को सुलझाया था. पुलिस उसके गैंग से जुड़े अन्य साथियों को लेकर उससे पूछताछ कर रही है.