नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि ऑटो रिक्शा परमिट घोटाले में बुराड़ी परिवहन अथॉरिटी के अधिकारी सहित 14 लोगों की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया है. इस गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भ्रष्ट सरकार की एक और भ्रष्टाचार की परत खुलकर सामने आई है.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में ऐसा कोई विभाग नहीं है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त न हो. वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण जांच चल रही है. अब ये धीरे धीरे साबित हो रहा है कि प्रशासनिक व नैतिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले अरविंद केजरीवाल का दिल्ली सरकार के किसी भी विभाग पर नियंत्रण नहीं है.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ऑटो यूनियनों द्वारा मई 2022 में हाई कोर्ट में केस दर्ज कराने के बाद, कोर्ट के आदेश पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा गिरफ्तारी की गई. इससे साबित होता है कि ऑटो रिक्शा परमिट के रिन्यूअल और ट्रांसफर करने की धोखाधड़ी केजरीवाल सरकार की देखरेख में ही हो रही है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले सीएम केजरीवाल ने ऑटो रिक्शा वालों के हित में काम करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद ऑटो वालों के परमिट देने में धोखाधड़ी हो रही है और गैर कानूनी रूप से दूसरे लोगों को परमिट दिए जा रहे है.
उन्होंने कहा कि सुशासन और पारदर्शी प्रशासन देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 9 वर्षों के शासन में रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार हुए हैं. शराब घोटाले, क्लासरूम निर्माण घोटाला, डीटीसी बस खरीद और रखरखाव अनुबंध घोटाला, शौचालय परिसर निर्माण घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला जैसे कई घोटाले सामने आए. स्वास्थ्य के साथ सीएम आवास का निर्माण में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है. इन घोटालों में मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्री और विधायक संलिप्त हैं. सीएम केजरीवाल का कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से अछूता नहीं बचा है.
अनिल चौधरी ने कहा कि केजरीवाल ने जान-बूझकर कोई भी मंत्रालय अपने पास नहीं रखा, ताकि वह अपनी सरकार के हर विभाग में हुए भ्रष्टाचारों पर अपना नियंत्रण रख सकें. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में सक्षम विधायकों की कमी के कारण पहली बार विधायक बनी आतिशी को वित्त, राजस्व, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित 12 महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं. जेल जाने के बाद बर्खास्त होने पर मनीष सिसोदिया की जगह आतिशी पर महत्वपूर्ण मंत्रालयों का बोझ डाला गया है.
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