नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए यूनियन बजट में दिल्ली के लिए कुछ नहीं दिया है. 2022-23 का बजट पूरी तरह से जीरो बजट है, जिसमें आसमान छूती महंगाई और कोविड संक्रमण के कारण आर्थिक मंदी झेल रहे लोगों को कोई राहत नहीं दी है. पेट्रोल-डीजल सहित रसोई गैस की बढ़ती दरों में कमी और पेट्रोल और डीजल पर एक्साईज ड्यूटी में राहत की उम्मीद कर रहे दिल्लीवासी, बजट के बाद खाली हाथ रह गए हैं.
भाजपा की केन्द्र सरकार के सात साल के शासन में महंगाई और बेरोजगारी ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अनिल चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट में अपने पूंजीपति मित्रों के हित साधने का काम किया है जबकि गरीबों और नौकरीपेशा लोगों को राहत देने को पूरी तरह दूर रखा गया है.
अनिल चौधरी ने कहा कि यदि मूल्यांकन किया जाए तो बजट में वेतन भोगियों, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, गरीबों, वंचितों, युवाओं, किसानों और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों, संगठित, असंगठित क्षेत्रों के लिए कुछ नहीं दिया है. बजट के बाद भाजपा सरकार से इन वर्गों की उम्मीदें टूट गई हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से हताहत दिल्लीवासी पिछले दो साल में आर्थिक बदहाल हो चुके हैं. भाजपा की गलत नीतियों के कारण दिल्ली में गरीबी और बेरोजगारी दर चरम पर पहुंच रही है.
ये भी पढ़ें- निर्मला सीतारमण के बजट 2022 में आम आदमी को क्या मिला ?
अनिल चौधरी ने कहा कि यूनियन बजट में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक मदद करने के नाम पर हाशिए पर रखा है, जबकि दिल्ली में निगम चुनाव होने वाले हैं और निगमों के पास डाक्टरों, नर्सों, टीचरों, सफाई कर्मचारियों, पेरोमेडिकल स्टॉफ सहित अन्य वर्गों के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए फंड की कमी होने बावजूद मोदी सराकर ने निगमों की आर्थिक सुदृढ़ता के लिए कोई घोषणा नहीं की.
ये भी पढ़ें- बजट नकारात्मक और किसान विरोधी है, दिल्ली नगर निगम को नहीं मिला कोई पैसा: मनीष सिसोदिया
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली वालों को उनके हाल छोड़ दिया है. दिल्ली सरकार के पास दिल्ली के विकास और कल्याण के लिए पर्याप्त धन होने के बावजूद दिल्ली सरकार फिजूलखर्ची और अपने प्रचार के लिए विज्ञापनों पर करदाताओं की राशि को खर्च कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 बजट में मोदी सरकार का एकमात्र उदेश्य अपने कुटिल राजनीतिक रणनीति को पूरा करना है. बजट में केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली के विकास के लिए कोई कोशिश नहीं की गई है.