नई दिल्ली: चौधरी अनिल कुमार के दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद से ही दिल्ली कांग्रेस एक नए कलेवर में दिख रही है. चाहे वो श्रमिकों का मुद्दा हो या कांग्रेस की रसोई दिल्ली प्रदेश कांग्रेस मैदान में उतर पड़ी है. इसका नेतृत्व स्वयं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार कर रहे हैं.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण मामलों के मद्देनजर पिछले कई दिनों से दिल्ली में लॉकडाउन घोषित किया गया है. जिसके बाद से ही लगातार श्रमिकों का पलायन जारी है. श्रमिकों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए दिल्ली कांग्रेस ने पार्टी कार्यालय में हेल्पलाइन बनाया है. अब तक 90 हजार श्रमिकों की सूची दिल्ली सरकार को सौंप चुकी है. जो अपने गृह राज्यों को जाना चाहते हैं. इतना ही नहीं श्रमिकों के रहने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को भी शेल्टर होम में तब्दील कर दिया गया है. जहां श्रमिकों के रहने से लेकर उनके टिकट तक की व्यवस्था की जा रही है.
राहुल गांधी का मिला समर्थन
आपको बता दें कि श्रमिकों को हो रही समस्या को ध्यान में रखते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से किए जा रहे प्रयासों को राहुल गांधी का भी साथ मिला है. पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सुखदेव विहार इलाके में फंसे कुछ श्रमिकों से मिले थे और उन्हें उनके घर तक भिजवाने का इंतजाम भी किया था. इसके अलावा कुछ दिनों पहले राहुल गांधी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर का भी दौरा कर चुके हैं. वहां उपस्थित पदाधिकारियों से भी राहत कार्यों के संबंध में जानकारी ली थी.
अनिल चौधरी के हिरासत में लिए जाने पर मचा बवाल
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी को रविवार को अशोक नगर पुलिस ने हिरासत में लिया था. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अवैध तरीके से कुछ श्रमिकों को गाजीपुर बॉर्डर पार कराया था. उनके हिरासत में लेने के बाद से ही कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता अनिल चौधरी के समर्थन में खड़े हो गए थे. उनको हिरासत में लिए जाने को असंवैधानिक बताया था.