नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों को लेकर लड़ाई और इससे उत्पन्न मतभेद, पिछले दिनों हुए पत्राचार से भी कम नहीं हुआ है. दो दिन पहले दिल्ली के विकास से संबंधित योजनाओं, जनहित से जुड़े कार्य आदि पर चर्चा के लिए उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा था कि वे पहले की तरह मीटिंग में हिस्सा लें और साप्ताहिक मीटिंग को जारी रखें. लेकिन जब मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल कार्यालय से संपर्क कर मीटिंग के लिए जल्द से जल्द समय मुकर्रर करने को कहा तो उपराज्यपाल कार्यालय ने शुक्रवार से पहले का समय देने से इनकार (delhi cm did not get time from delhi lg office) कर दिया.
अब दिल्ली में अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच चल रहे टकराव के बाद दोनों की मुलाकात कब होगी, इसपर सबकी नजरें टिकी हैं. दिल्ली सरकार के सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री को मीटिंग के लिए आमंत्रित करने के बावजूद उपराज्यपाल कार्यालय ने उन्हें अभी तुरंत इस समय देने से इनकार कर दिया है. उधर, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि खुद मुख्यमंत्री ने और उपराज्यपाल ने भी अपने पत्र में यही लिखा था कि दोनों अपने शेड्यूल को देखते हुए आपसी सहमति से मीटिंग के लिए कोई समय निर्धारित कर लें, क्योंकि उपराज्यपाल का इस हफ्ते का पूरा शेड्यूल पहले से तैयार हो चुका है. इसी वजह से मुख्यमंत्री को एकदम से समय दे पाना संभव नहीं हो पाया है.
वहीं दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारों को लेकर चल रहे मौजूदा टकराव पर चर्चा करने के लिए उपराज्यपाल ने सोमवार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था. इसपर मुख्यमंत्री ने तुरंत एलजी के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए उनके पत्र का जवाब दिया था. सीएम अरविंद केजरीवाल मंगलवार को ही उपराज्यपाल से मिलना चाह रहे थे, लेकिन जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीटिंग का अपॉइंटमेंट लेने के लिए उपराज्यपाल कार्यालय से संपर्क कर समय मांगा तो अधिकारियों ने यह कहते हुए समय देने से मना कर दिया कि उपराज्यपाल इस वक्त बेहद व्यस्त चल रहे हैं और शुक्रवार शाम चार बजे से पहले उनसे मीटिंग नहीं हो सकेगी.
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बता दें कि दिल्ली के एलजी और सीएम के बीच अक्टूबर महीने से पहले तक प्रत्येक शुक्रवार को शाम चार बजे साप्ताहिक मीटिंग होती थी. लेकिन शराब नीति घोटाले की सीबीआई जांच और उसके बाद अन्य मामलों में उपराज्यपाल के हस्तक्षेप से नाराज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सप्ताहिक मीटिंग में जाना बंद कर दिया था. अक्टूबर महीने में उन्होंने बताया चूंकि अभी गुजरात चुनाव और एमसीडी के भी चुनाव हो रहे हैं, इस व्यस्तता के चलते वे मीटिंग में नहीं शिरकत कर सकते हैं. तभी से दोनों के बीच होने वाली मीटिंग स्थगित है. इसे शुरू करने के लिए सोमवार को उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. बीते कुछ दिनों में नगर निगम में पार्षदों के मनोनीत करने तथा पीठासीन अधिकारी को नियुक्त करने आदि को लेकर मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल के बीच तकरार चल रही है. पिछले सप्ताह लगातार तीन दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को अपने कर्तव्य व अधिकारों की याद दिलाते हुए पत्र लिखा और उनके फैसलों को गलत बताया था.
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