नई दिल्ली: दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच वार-पलटवार जारी है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और प्रदेश उपाध्यक्ष बरखा सिंह ने मंगलवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप की खबर पर दुख जताते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल एवं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पर सवाल खड़े किए.
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अपनी पीठ थपथपाने और दूसरों के खिलाफ जहर उगलने वाले नेताओं के मुख से इस घटना पर दो शब्द नहीं कहे गए. क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मुख्य अभियुक्त का नाम शाकिर है ? और आम आदमी पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठना ही नहीं चाहती.
बिधूड़ी ने इस घटना पर आम आदमी पार्टी के नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अब तक इस घटना पर अपना मुंह क्यों नहीं खोला ? महिला के परिवार से भी मुलाकात नहीं की. आम आदमी पार्टी को इस भयानक घटना के बीच भी अपने वोटों की चिंता है. इस घटना में एक दलित महिला से दरिंदगी हुई. लेकिन आम आदमी पार्टी की निगाह में दलितों का कोई सम्मान नहीं है और न ही उनकी जान की कोई परवाह है.
पूरी दिल्ली में सीसीटीवी लगाने का दावा करने वाली सरकार जीबी पंत अस्पताल में सीसीटीवी क्यों नहीं लगवा पाई ? नर्सिंग यूनियन का कहना है कि लिफ्ट के पास भी सीसीटीवी नहीं है. सुरक्षाकर्मी को ही लिफ्ट में अश्लील हरकत करते पकड़ा जा चुका है. उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य सामान की चोरी आए दिन होती रही है लेकिन फिर भी इसी कंपनी का ठेका क्यों रहा जारी ? आम आदमी पार्टी सरकार की इस ठेकेदार में क्या दिलचस्पी है?
बीजेपी नेत्री बरखा सिंह ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल महिलाओं के प्रति अपनी एक उदार छवि दिखाती हैं, वह भी इस घटना के 9 दिन बितने के बाद भी अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पाई हैं. स्वाति मालिवाल सिर्फ मीडिया फुटेज और आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता की तरह काम करती हैं क्योंकि महिला आयोग का पूरा दफ्तर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ही भरा रहता है.
उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने कई बार लचर सिक्योरिटी को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया. महिलाओं के मुद्दे पर अगर स्वाति मालिवाल को बोलने से डर लगता है तो वे तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें नहीं तो दिल्ली महिला मोर्चा मुख्यमंत्री आवास और स्वाति मालीवाल के घर के सामने धरना प्रदर्शन करेगी. उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग की है कि मृतका के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.