नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने आज एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया. बीजेपी ने दिल्ली की कोविड स्थिति को बिगाड़ने के लिये अरविंद केजरीवाल सरकार की लापरवाही को दोषी मानते हुये कहा है कि केजरीवाल सरकार पर आपराधिक मुकदमा चलना चाहिये. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि मंत्री इमरान हुसैन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाये और ऑक्सीजन वितरण के लिये विशेषज्ञ कमेटी बने.
'दिल्ली सरकार की है लापरवाही'
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की कोविड स्थिति सारे देश से बदतर होने का मुख्य कारण अरविंद केजरीवाल सरकार की लापरवाही है. केन्द्र सरकार के द्वारा लगभग छह माह पूर्व अक्टूबर में दिल्ली सरकार को बड़े संकट की तैयारी रखने की चेतावनी दे दी गई थी. पर मुख्यमंत्री ने दिल्ली का स्वास्थ ढांचा सुचारू करने की जगह अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक का समय केन्द्र पर राजनीतिक दोषारोपण में बरबाद किया और दिल्ली में एक भी बेड, आक्सीजन बेड या प्लांट बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया.
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिसम्बर में केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पीएम रिलीफ फंड से 8 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आर्थिक संसाधन दिये, लेकिन सरकार ने उस पर कोई काम नहीं किया. इसी के साथ केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार को आक्सीजन टैंकरों की भी आपातकालीन व्यवस्था रखने को कहा, जिस पर भी दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया.
उन्होंने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि आज संकट के चलते डेढ माह बीत चुका है फिर भी दिल्ली सरकार लोगों को अस्पताल में बेड नहीं उपलब्ध करवा पा रही है. केन्द्र से पूरा ऑक्सीजन मिलने के बाद भी अस्पताल हों या होम आइसोलेशन के मरीज सभी के आगे आक्सीजन संकट बना हुआ है. बीते चार दिनों में एक मंत्री इमरान हुसैन के पास से 650 आक्सीजन सिलेंडर एवं आम आदमी पार्टी समर्थक नवनीत कालरा के होटलों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद होने के बाद तो ऐसा लग रहा है की संइयां भये कोतवाल, तो डर काहे का वाली स्थिति है.
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'दिल्ली सरकार ने नहीं कराई कोई व्यवस्था'
सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास अपना कोई ऑक्सीजन उत्पादन नहीं होता है. देश में बड़ी उद्योग कम्पनियां ऑक्सीजन बना कर बेचती हैं या फिर अस्पतालों के पास अपने आक्सीजन प्लांट होते हैं. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार आज संकट के समय केन्द्र सरकार से इस तरह ऑक्सीजन मांगने का प्रदर्शन करती है मानो ऑक्सीजन देना केन्द्र की जिम्मेदारी है.
सच्चाई यह है कि केन्द्र ने आपातकालीन स्थिति को देखते हुये देश के सारे ऑक्सीजन को मेडिकल उपयोग के लिये दिये जाने का आदेश दिया है और उसका आवश्यकता अनुरूप बंटवारा करवा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने दिसम्बर 2020 में अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने को कहा, टैंकर व्यवस्था करने को कहा, पर केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया. मार्च 2021 में फिर केन्द्र ने ऑक्सीजन संकट पर आगाह कर टैंकरों की व्यवस्था करने को कहा, पर केजरीवाल सरकार फिर हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि जब संकट सिर से ऊपर हो गया, केन्द्र ने दिल्ली का ऑक्सीजन आवंटन भी बढ़ा दिया, तब केजरीवाल सरकार ने 26 अप्रैल को ऑक्सीजन टैंकरों के लिये विज्ञापन दिया. उस समय तक देश भर की सरकारें सभी टैंकर आरक्षित कर चुकी थीं और दिल्ली को कोई टैंकर नहीं मिला.
अप्रैल 26 को स्थिति यह थी कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे थे. दिल्ली के पास बढ़ा हुआ ऑक्सीजन आवंटन था पर वह दिल्ली को मिल नहीं रहा था. स्थिति इतनी बिगड़ी कि केन्द्रीय गृह सचिव को दिल्ली के मुख्य सचिव को सख्त पत्र लिखना पड़ा और न्यायालय ने भी दिल्ली सरकार पर आलोचनात्मक टिप्पणी की.