नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) तेजी से फैल रही है. तेजी से बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर बृज मोहन सिंह ने खास बातचीत की.
दिल्ली में कोरोना को लेकर आपकी पार्टी क्या कर रही है?
- देखिए, जब से देश में लॉकडाउन का ऐलान हुआ तभी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देश के सभी कार्यकर्ताओं को एक आदेश दिया है, उसके तहत हमलोग #Needy प्रोग्राम चला रहे हैं. जहां भी जिसको जरुरत है, उसे सूखा राशन भी दे रहे हैं. साथ ही 'बीजेपी की रसोई' भी चल रही है, जिसे लोग 'मोदी रसोई' कहते हैं. जिसमें चार किलो चावल, आटा, चायपती और अन्य जरूरी चीजें होती हैं. वो राशन के रूप में दी जा रही हैं.
जो लोग दिल्ली में रह रहे हैं, जिनके पास राशन कार्ड दूसरे राज्यों के हैं. उनको राशन मिल पाएगा क्या, उनके लिए क्या व्यवस्था है?
- जी हां! उनके लिए भी व्यवस्था की गई है, कोई भी व्यक्ति जिनका राशन कार्ड दिल्ली का नहीं है लेकिन दिल्ली में रहता है. इनके लिए एक ई-कूपन जनरेट हो रहा है, उसे लेकर वो राशन पा सकता है.
अब यहां सवाल ये उठ रहा है कि दिल्ली सरकार को जो बांटने की जिम्मेदारी दी गई है. उसमें दिल्ली सरकार ने ऐसी क्या गड़बड़ी कर दी है पता नहीं, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. आपको बता दें कि दिल्ली बीजेपी के लोग मदद के लिए आगे नहीं आते तो पता नहीं मजदूरों की स्थिति क्या होती. यहां तक अफवाह उड़ाकर उनको घर भेजने की भी कवायद हुई थी, जिसका एक बुरा दृश्य सामने आया था.
दिल्ली में केजरीवाल जो रसोई चला रहे हैं, उसकी खूब चर्चा हो रही है, क्या है उसकी हकीकत?
- मैं बड़े दुख के साथ कहना चाहूंगा कि अगर अरविंद केजरीवाल या उनका कोई व्यक्ति सुन रहा हो तो वो खुद इस बात को देखें कि हर गली में दिल्ली सरकार जो खाना बांट रही है. उसको लेकर अफरा-तफरी मची हुई है. खाने के नाम पर इतना खराब क्वालिटी का खाना. अगर कही 200 लोग हैं, वहां 100 लोगों को भी खाना मिल जाए वही बहुत है. इस समय दिल्ली को स्वयं सेवी संस्थानों ने संभाला है. लेकिन इस समय श्रेय लेने की जो होड़ और वास्तविक सुविधा ना मिलना दुखद है.
राशन कार्ड पर जो भी राशन आता है वो केंद्र सरकार ही देती है. वो जो फ्री का राशन मिल रहा है, वहां अरविंद केजरीवाल अपनी फोटो लगवा रहे हैं. उनके विधायक फोटो लगवा रहे हैं. इस समय में केजरीवाल को फोटो चमकाने की लगी है.
लोग ये कह रहे हैं कि अगर शुरुआती दौर में ही कोरोना को लेकर दिल्ली पुलिस सही तरीके से तफ्तीश करती तो शायद मामला यहां तक नहीं पहुंचता?
- नहीं, दिल्ली पुलिस का काम काबिले तारीफ है, और जो मरकज जैसी घटनाएं घटी हैं, इस पर बोलना सहीं नहीं है क्योंकि ये जांच का विषय है. जहां तक दिल्ली पुलिस की बात है तो लोग उन्हें 'दिल की पुलिस' कहने लगे है जो धन्यवाद के पात्र हैं.