नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी ने पूर्वांचल के सबसे बड़े पर्व छठ की तैयारियां शुरू कर दी है. बुधवार को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में पूर्वांचल मोर्चा की अहम बैठक हुई. इसमें पूर्वांचल मोर्चा के कंधे पर 19 और 20 नवंबर को होने वाले छठ पूजा के सफल आयोजन को लेकर पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी. दरअसल छठ पूजा को लेकर अभी से ही राजनीतिक दलों ने तैयारियों शुरू कर दी है. दिवाली के बाद पूर्वांचल के वह लोग जो दिल्ली में ही छठ पूजा मनाएंगे, अभी से तैयारियों में लग गए हैं, जिसके चलते नेता भी अपने हिसाब से उनतक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.
प्रदेश कार्यालय में बैठक: आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी, दिल्ली की सातों सीट पर कब्जा बनाए रखना चाह रही है. इसके लिए जरुरी है की पूर्वांचल के लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपने पक्ष में किया जाए. इसी के मद्देनजर बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली के सभी छठ पूजा समितियों की बैठक प्रदेश कार्यालय में रखी. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष नीरज तिवारी ने की, जिसमें पूर्व सांसद लालबिहारी तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह, कई निगम पार्षद व पूर्व पार्षद सहित पूरे दिल्ली से लगभग 400 छठ पूजा समिति के सदस्य शामिल रहे.
दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष नीरज तिवारी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से केजरीवाल सरकार ने यमुना घाट पर छठ व्रत रोकने, सुविधाओं से वंचित रखने और पूर्वांचलियों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया है, लेकिन इस बार यह नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए निजी घाटों सहित यमुना किनारे छठ व्रत कैसे हो, दिल्ली सरकार, एमसीडी और तमाम एजेंसियों से अधिक से अधिक सुविधा कैसे मिले और व्रत के नाम पर केजरीवाल सरकार कोई घोटाला ना करे ऐसे तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.
दिल्ली में बीते दो दशक की बात करें तो पूर्वांचल के लोगों की तादाद बढ़ी है. अच्छा खासा वोट बैंक होने के चलते सत्ता में काबिज सरकारों को इन्हें नजरअंदाज करना काफी महंगा पड़ता है. नतीजा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल भले ही चुनावी राज्यों में प्रचार प्रसार में जुटे हैं, लेकिन उन्होंने अपने मंत्रियों को अभी से निर्देश दिया है कि छठ पूजा के आयोजन में घाटों पर तमाम सुविधाएं उपलब्ध हों.
ये भी पढ़ें: Security in Delhi: भारत-अफगानिस्तान मैच के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
दिल्ली में पूर्वांचल बहुत इलाके: दिल्ली की कुल आबादी में लगभग 40 से 45 फीसद हिस्सेदारी पूर्वांचल समुदाय के लोगों की है. पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, आनंद विहार, सोनिया विहार, शास्त्री नगर, त्रिनगर, आनंद विहार, भजनपुरा, बुराड़ी, संत नगर, संगम विहार, ओखला, मदनपुर खादर और पंजाबी बस्ती इलाके में इनकी संख्या बहुत ज्यादा है. वहीं बाहरी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर, कालकाजी, छतरपुर, गोविंदपुरी, उत्तरी दिल्ली के मिथिला विहार, किरारी, मंगोलपुरी, उत्तम नगर, विकासपुरी आदि कई इलाकों में रहने वाले पूर्वांचल के लोग, विधानसभा सीटों तक का परिणाम तय करने का दम रखते हैं.
दिल्ली में लगभग 33 फीसद वोटर पूर्वांचल से आते हैं और सभी राजनीतिक दल इस प्रयास में रहते हैं कि कैसे अधिक से अधिक वोटरों को अपने पक्ष में किया जाए. लोकसभा और निगम चुनाव में पूर्वांचली वोटर जहां बीजेपी के साथ दिखते हैं, तो वहीं विधानसभा में इनका ज्यादा रुझान आम आदमी पार्टी के साथ दिखा है. यही कारण है कि बीजेपी इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ 2025 के विधानसभा में भी अधिक से अधिक पूर्वांचली वोट साधने का प्रयास कर रही है.
ये भी पढ़ें: Chandrayan-3 की थीम पर गाजियाबाद में तैयार हो रहा दुर्गा पूजा पंडाल, तीन हफ्ते में बनकर होगा तैयार