नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार के लिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र आखिरी मौका होगा, जब वह सरकार द्वारा जनहित के लिए लिए गए फैसलों को विधानसभा के पटल पर रख कर उसे पास कराएगी.
सोमवार से दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र प्रारंभ होने जा रहा है. शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में चार बिल रखे जाएंगे. चर्चा यह है कि जिस तरह यह आखिरी मौका होगा, सत्ता पक्ष के विधायक अपनी बात ठीक से रख सकें, इसलिए सत्र को बढ़ाया भी जा सकता है.
सरकार को घेरने की कोशिश
दो दिवसीय विधानसभा सत्र में अनाधिकृत कॉलोनियों का मुद्दा भी विपक्ष जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है. तो पिछले दिनों भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दिल्ली में दूषित पानी को लेकर जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई थी, उस पर भी विपक्ष सरकार को पुरजोर तरीके से घेरने की कोशिश करेगा.
दिल्ली कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी
शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में जो चार बिल सरकार की तरफ से रखे जाएंगे, इसमें दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल, श्रम विभाग और जीएसटी से संबंधित दो बिल हैं. इन दोनों बिलों में से 2 को दिल्ली कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
बिल के बारे में पहले किया गया सूचित
दरअसल, पिछले दिनों दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन बिलों को बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था. लेकिन लागू करने में जब तक या विधानसभा से स्वीकृत नहीं हो जाता लागू नहीं किया जा सकता. इस बिल के बारे में विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पहले ही सूचित कर दिया गया है.
नौकरी की गारंटी वाली पढ़ाई
बता दें कि दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल पास होने के बाद इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से दिल्ली सरकार नौकरी की गारंटी वाली पढ़ाई कराएगी. दिल्ली के युवाओं को उद्योगों की जरूरत और नौकरी के हिसाब से तैयार करने के लिए दिल्ली में यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. इसमें 85 फीसद सीटें दिल्ली के बच्चों के लिए होंगी. वहीं स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल अकादमी का स्तर पर खिलाड़ियों को पढ़ाई करने से राहत दिलाएगी. उनको नौकरी के लिए किसी और डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी.