नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) की ओर से 3 और 4 जून स्नातक और परास्नातक छात्रों के लिए डिग्री मेला का आयोजन होना था. लेकिन आनन फानन में प्रशासन को इसे रद्द पड़ा. एसओएल की वेबसाइट पर यह जानकारी साझा की गई कि यह मेला फिलहाल रद्द कर दिया गया है और रविवार को भी डिग्री लेने के लिए छात्र एसओएल न पहुंचे.
दरअसल, एसओएल ने कुछ दिन पहले अपनी वेबसाइट पर डिग्री मेला के आयोजन की जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि साल 2022 में जिन्होंने एसओएल से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की है, वह अपनी डिग्री लेने के लिए एसओएल आ सकते हैं. बस फिर क्या था, शनिवार को अपनी डिग्री लेने के लिए छात्र भारी संख्या में एसओएल पहुंच गए और चिलचिलाती धूप में छात्रों की लंबी लाइन लग गई. इस दौरान छात्र गेट के बाहर घंटो खड़े रहे पर कार्यक्रम में दाखिल होने वाला गेट नहीं खुला. वहीं गेट खुलने पर छात्रों में अंदर जाने के लिए भगदड़ सी मच गई और छात्र एक दूसरे पर चढ़ते चले गए.
हालांकि इसके बाद जैसे तैसे सभी छात्रों को हटाया गया. भगदड़ से कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी. वहीं छात्रों को बिना डिग्री लिए ही लौटना पड़ा. इस समस्या के लिए छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर अपना गुस्सा जाहिर किया. इन सबके बीच एसओएल की तरफ से दोपहर 3:45 बजे एक नोटिस जारी किया गया.
यह है नोटिस में: नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के बेसमेंट, बहुउद्देशीय हॉल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 3 और 4 जून, 2023 (शनिवार और रविवार) को आयोजित डिग्री मेले के माध्यम से एसओएल के 2022 के पास आउट छात्रों के लिए डिग्री का वितरण रोक दिया गया है. एसओएल ने इसके पीछे कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों और कारण बताए हैं. साथ ही 4 जून 2023 को होने वाले डिग्री मेले के माध्यम से डिग्री वितरण पर भी रोक लगा दी गई है. अब छात्रों को डिग्री सीधे उनके घर के पते पर डाक द्वारा भेजी जाएगी.
एसओएल निदेशक को बर्खास्त करने की मांग: क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने डिग्री मेला को रोकने और छात्रों को हुई परेशानी के लिए कॉलेज प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. संगठन के सदस्य भीम ने कहा कि आज हजारों छात्रों को परेशानी हुई है. एसओएल ने स्नातक करने वाले छात्रों को डिग्री वितरित करने के लिए डिग्री मेले का आयोजन किया था और इसके लिए लाखों रुपए वेन्यू यानी यूनिवर्सिटी स्टेडियम को बुक करने और स्टाफ की हाजिरी के लिए भुगतान करने में खर्च किए गए. लेकिन कुप्रबंधन के कारण भगदड़ मच गई क्योंकि छात्रों को मनमाने ढंग से कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश की अनुमति ही नहीं दी गई और कार्यक्रम को एसओएल द्वारा अचानक रद्द कर दिया गया.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी आजोजन को अचानक रद्द किया गया हो. इससे पहले छात्रों के परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने के बाद परीक्षाएं तक अचानक रद्द की गई हैं. इस घटना के बाद केवाईएस ने एसओएल निदेशक, पायल मागो के तत्काल इस्तीफे की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि एसओएल प्रशासन को डिग्री लेने पहुंचे हजारों छात्रों को परेशानी में डालने के लिए तत्काल माफी मांगनी चाहिए. बताया गया कि आने वाले सप्ताह में केवाईएस, एसओएल में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगा.
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