नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि केस में सूरत की अदालत द्वारा दो साल की सजा होने के बाद देश के राजनीतिक हलकों में खलबली मची हुई है. बात अगर दिल्ली के नेताओं पर चल रहे मानहानि के मुकदमों की करें, तो यह सूची काफी लंबी है. इसमें भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों के पांच-पांच नेताओं पर मानहानि के केस चल रहे हैं. भाजपा नेताओं पर दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानहानि का केस किया है. इसमें भाजपा नेता व सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस, भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना व मनजिंदर सिंह सिरसा शामिल हैं.
दरअसल मनीष सिसोदिया ने इन नेताओं पर सरकारी स्कूल में बनवाए गए कमरों के मामले में, उनके ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के कथित झूठे आरोपों को लेकर मानहानि का केस दर्ज कराया था. इस केस में राउज एवेन्यू कोर्ट पांचों आरोपी नेताओं को बरी करने से इनकार कर चुकी है. कोर्ट ने इन पर आरोप तय करने के लिए छह जनवरी की तारीख तय की थी और मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है. अगर कोर्ट में इन नेताओं पर सिसोदिया की ओर से लगाए गए मानहानि के आरोप सिद्ध होते हैं तो इनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इसी तरह उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से उनके वकील ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आप के पांच नेताओं, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, दुर्गेश भारद्वाज और जस्मिन शाह पर दो करोड़ रुपये का मानहानि का केस किया है. इन नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष रहते हुए 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. उपराज्यपाल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि, कोर्ट इन नेताओं को उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से रोके. उनका यह भी कहना है कि, इन नेताओं ने ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ये आरोप लगाए थे.
यह भी पढ़ें-Rahul Gandhi Convict: राहुल गांधी के समर्थन में केजरीवाल बोले- मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं
एलजी वीके सक्सेना ने कोर्ट से आप नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे अपमानजनक ट्वीट और पोस्ट भी हटाने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था. साथ ही ब्याज सहित दो करोड़ रुपये का हर्जाना व मुआवजा देने की भी मांग की थी. कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता अरुण राघव ने बताया कि, अगर मानहानि केस में सारे सबूत मिलते हैं और गवाह भी गवाही देते हैं, तो आरोप साबित होने पर सजा और हर्जाना दोनों का प्रावधान है. लेकिन, इस केस में सजा होने पर ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए तुरंत जमानत भी मिलने का भी प्रावधान है.
यह भी पढ़ें-Rahul convicted : क्या राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हो जाएगी, क्या है कानूनी प्रावधान, जानें