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पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की दस्तावेजों की जांच की मांग पर फैसला टला, अब 1 दिसंबर को फैसला

Delhi excise scam case: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से दस्तावेजों की जांच की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टल गया है. अब कोर्ट इस पर एक दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी.

राउज एवेन्यू कोर्ट
राउज एवेन्यू कोर्ट
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 30, 2023, 6:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी सत्येंद्र जैन की ओर से दस्तावेजों की जांच की मांग कराने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने 1 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने 25 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि दस्तावेजों की जांच की इजाजत नहीं दी जा सकती है. ईडी ने कहा कि जैन की इस याचिका का मकसद सिर्फ ट्रायल में देरी करना है, इसलिए उनकी याचिका खारिज कर जुर्माना लगाया जाए. ईडी ने कोर्ट से कहा कि जैन की तरफ से पहले भी 16 बार अलग-अलग याचिका दाखिल कर मामले में सुनवाई टालने की मांग की जा चुकी है.

वहीं, सत्येंद्र जैन की ओर से कहा गया कि हम ट्रायल में देरी नहीं कर रहे हैं, बल्कि संविधान के तहत आरोपी को मिले अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. तब कोर्ट ने जैन के वकील से पूछा कि आप इस स्टेज पर दस्तावेजों की जांच क्यों करना चाहते हैं. तब वकील ने कहा कि चूंकि जांच के दौरान एजेंसी ने जो दस्तावेज और बयान दर्ज किया है. हम उनको देखने की मांग कर रहे हैं. जो दस्तावेज जांच एजेंसी के पास हैं, आरोप तय करते समय उनमें से कुछ दस्तावेज काफी अहम हो सकते हैं.

बता दें, सत्येंद्र जैन की ओर से 18 नवंबर को दस्तावेजों की जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान जैन के वकील ने कहा था कि ईडी द्वारा जो लिस्ट दी गई है वह पूरी नहीं है. जुलाई 2022 के बद इस मामले के सह-आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने सत्येंद्र जैन को नहीं दी है. उन्होंने कहा था कि जुलाई 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया है तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.

जैन की ओर से कहा गया था कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन जो लिस्ट हमें दिया गया है उसमें योगेश मलिक का नाम नहीं है. आखिरकार ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है.

आपराधिक मानहानि केस: वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले की सुनवाई टाल दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को करने का आदेश दिया है. आज कोर्ट में शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता छैल बिहारी का क्रास-एग्जामिनेशन होना था, लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए.

छैल बिहारी ने कोर्ट से आज पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. वहीं, इस मामले के आरोपियों सत्येंद्र जैन, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना भी पेश नहीं हुए. इन्होंने भी आज कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को पेश होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी सत्येंद्र जैन की ओर से दस्तावेजों की जांच की मांग कराने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने 1 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने 25 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि दस्तावेजों की जांच की इजाजत नहीं दी जा सकती है. ईडी ने कहा कि जैन की इस याचिका का मकसद सिर्फ ट्रायल में देरी करना है, इसलिए उनकी याचिका खारिज कर जुर्माना लगाया जाए. ईडी ने कोर्ट से कहा कि जैन की तरफ से पहले भी 16 बार अलग-अलग याचिका दाखिल कर मामले में सुनवाई टालने की मांग की जा चुकी है.

वहीं, सत्येंद्र जैन की ओर से कहा गया कि हम ट्रायल में देरी नहीं कर रहे हैं, बल्कि संविधान के तहत आरोपी को मिले अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. तब कोर्ट ने जैन के वकील से पूछा कि आप इस स्टेज पर दस्तावेजों की जांच क्यों करना चाहते हैं. तब वकील ने कहा कि चूंकि जांच के दौरान एजेंसी ने जो दस्तावेज और बयान दर्ज किया है. हम उनको देखने की मांग कर रहे हैं. जो दस्तावेज जांच एजेंसी के पास हैं, आरोप तय करते समय उनमें से कुछ दस्तावेज काफी अहम हो सकते हैं.

बता दें, सत्येंद्र जैन की ओर से 18 नवंबर को दस्तावेजों की जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान जैन के वकील ने कहा था कि ईडी द्वारा जो लिस्ट दी गई है वह पूरी नहीं है. जुलाई 2022 के बद इस मामले के सह-आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने सत्येंद्र जैन को नहीं दी है. उन्होंने कहा था कि जुलाई 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया है तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.

जैन की ओर से कहा गया था कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन जो लिस्ट हमें दिया गया है उसमें योगेश मलिक का नाम नहीं है. आखिरकार ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है.

आपराधिक मानहानि केस: वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा नेता छैल बिहारी गोस्वामी की ओर दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले की सुनवाई टाल दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को करने का आदेश दिया है. आज कोर्ट में शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता छैल बिहारी का क्रास-एग्जामिनेशन होना था, लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए.

छैल बिहारी ने कोर्ट से आज पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. वहीं, इस मामले के आरोपियों सत्येंद्र जैन, राघव चड्ढा, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना भी पेश नहीं हुए. इन्होंने भी आज कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को पेश होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया.

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