नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 को वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ जो वारदात हुई, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. नाराज जनता सड़क पर उतर आई और महिला सुरक्षा देश में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया.
संसद को महिला कानून में बदलाव करना पड़ा. अब इस घटना के 7 साल दिन बात निर्भया के गुनाहगारों की फांसी पर अदालत ने मुहर लगाते हुए वह तारीख और समय भी तय कर दिया है जब उन्हें फांसी दी जाएगी.
बस में बैठने पर निर्भया के साथ दुर्व्यवहार किया
बता दें कि 16 दिसंबर की देर शाम निर्भया अपने दोस्त के साथ फिल्म देख कर घर लौट रही थी. वह वसंत विहार स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही थी. उसी दौरान वहां पर एक प्राइवेट बस आई, जिसने दोनों को बिठा लिया. अंदर बैठने पर उन्होंने महसूस किया कि वहां मौजूद लड़के सवारी नहीं बल्कि आपस में दोस्त हैं. यह लड़के शराब के नशे में थे.
कुछ देर बाद उन्होंने बस में मौजूद निर्भया के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया. दोस्त ने विरोध किया तो उसकी पिटाई कर दी. इसके बाद उन्होंने निर्भया के साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया बल्कि वह बर्बरता की, जिसने उसका इलाज कर रहे डॉक्टर को भी झकझोर दिया. वारदात के बाद वह निर्भया एवं उसके दोस्त को झाड़ियों में फेंककर फरार हो गए थे.
नाबालिग सहित पकड़े गए थे छह आरोपी
इस मामले में न केवल वसंत विहार पुलिस बल्कि पूरी दिल्ली पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी. पुलिस को पहले इस बस के बारे में पता चला और फिर नाबालिग सहित छह आरोपी पकड़े गए थे.
वहीं इस मामले में गिरफ्तार किए गए राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली थी. वहीं नाबालिक को 3 साल सजा पूरी करने के बाद बाल सुधार गृह से छोड़ दिया गया था. इस मामले के बचे हुए चार आरोपी पवन, अक्षय, विनय शर्मा और मुकेश फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है, जिन्हें अदालत से मौत की सजा सुनाई जा चुकी है.
7 साल बाद हुआ डेथ वारंट जारी
इस मामले में निचली से लेकर सर्वोच्च अदालत ने इन चारों दोषियों को फांसी की सजा दे रखी है. इसके बावजूद आरोपियों को अभी तक फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया गया. इसे लेकर निर्भया की मां ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपील की थी. इस अपील पर मंगलवार को फैसला आया है, जिसमें अदालत ने आखिरकार 22 जनवरी की सुबह 7 बजे का समय फांसी के लिए मुकर्रर कर दिया है. इस समय पर इन चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. अदालत ने उन्हें 14 दिन का समय क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने के लिए दिया है.
घटनाक्रम
- 16 दिसंबर 2012- वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया.
- 17 दिसंबर 2012- पुलिस ने वारदात में शामिल बस को तलाशकर उसमें बैठे राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
- 18 दिसंबर 2012- विनय शर्मा, मुकेश और पवन को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
- 21 दिसंबर 2012- एक नाबालिग आरोपी को आईएसबीटी से पकड़ा गया. वहीं औरंगाबाद से अक्षय को गिरफ्तार किया गया.
- 25 दिसंबर 2012- मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निर्भया के बयान दर्ज किया.
- 26 दिसंबर 2012- निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल भेजा गया.
- 29 दिसंबर 2012- सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ा.
- 11 मार्च 2013- तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
- 13 सितंबर 2013- निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई.
- 13 मार्च 2014- दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा
- 5 मई 2017- सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा
- 9 जुलाई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया.
- 7 जनवरी 2020- निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी सुबह 7 बजे का समय अदालत ने तय किया.