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500 अनाधिकृत कॉलोनियों की बाउंड्री का खाका तैयार, DDA ने मांगे सुझाव

डीडीए के अनुसार उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया एवं रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर 500 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों की बाउंड्री को गूगल मैप के जरिए खींचा है. इसके लिए 2015 की सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि उस समय तक की कॉलोनियों को ही पास किया जाएगा.

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Published : Nov 17, 2019, 7:50 AM IST

दिल्ली विकास प्राधिकरण

नई दिल्ली: केंद्र सरकार 1700 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों को पास करने जा रही है. ऐसे में डीडीए को इन कॉलोनियों की बाउंड्री तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बता दें कि डीडीए ने वर्ष 2015 की सैटेलाइट इमेज के जरिए 500 कॉलोनियों की बाउंड्री को नक्शे पर तैयार किया है. डीडीए इसे अपनी वेबसाइट पर डालने जा रहा है. जिससे इस पर अगर किसी को आपत्ति हो तो वह अपने सुझाव दे सके. जिसके बाद नक्शे को फाइनल कर दिया जाएगा.

डीडीए के अनुसार उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया एवं रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर 500 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों की बाउंड्री को गूगल मैप के जरिए खींचा है. इसके लिए 2015 की सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि उस समय तक की कॉलोनियों को ही पास किया जाएगा. पहले चरण के सभी मान चित्रों को डीडीए ने अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है, जहां जाकर आम लोग इसे देख सकते हैं.

वेबसाइट पर दे सकते हैं सुझाव

आरडब्लूए के अध्यक्ष एवं सचिवों से डीडीए ने अपील की है कि वह वेबसाइट पर जाकर खींची गई बाउंड्री को देख लें और इससे संबंधित अपने सुझाव 15 दिन के भीतर डीडीए को दें. डीडीए की वेबसाइट पर उस कॉलोनी के बारे में जानकारी दी जा सकती है. इसमें किसी प्रकार की दिक्कत या कमी उन्हें लगती है, तो वह इसकी जानकारी दे सकते हैं. इससे डीडीए समय रहते उसमें सुधार करेगा. उन्हें इस गलती के लिए कारण और उससे संबंधित दस्तावेज भी डीडीए की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कमेटी का ही होगा.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार 1700 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों को पास करने जा रही है. ऐसे में डीडीए को इन कॉलोनियों की बाउंड्री तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बता दें कि डीडीए ने वर्ष 2015 की सैटेलाइट इमेज के जरिए 500 कॉलोनियों की बाउंड्री को नक्शे पर तैयार किया है. डीडीए इसे अपनी वेबसाइट पर डालने जा रहा है. जिससे इस पर अगर किसी को आपत्ति हो तो वह अपने सुझाव दे सके. जिसके बाद नक्शे को फाइनल कर दिया जाएगा.

डीडीए के अनुसार उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया एवं रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर 500 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों की बाउंड्री को गूगल मैप के जरिए खींचा है. इसके लिए 2015 की सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि उस समय तक की कॉलोनियों को ही पास किया जाएगा. पहले चरण के सभी मान चित्रों को डीडीए ने अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है, जहां जाकर आम लोग इसे देख सकते हैं.

वेबसाइट पर दे सकते हैं सुझाव

आरडब्लूए के अध्यक्ष एवं सचिवों से डीडीए ने अपील की है कि वह वेबसाइट पर जाकर खींची गई बाउंड्री को देख लें और इससे संबंधित अपने सुझाव 15 दिन के भीतर डीडीए को दें. डीडीए की वेबसाइट पर उस कॉलोनी के बारे में जानकारी दी जा सकती है. इसमें किसी प्रकार की दिक्कत या कमी उन्हें लगती है, तो वह इसकी जानकारी दे सकते हैं. इससे डीडीए समय रहते उसमें सुधार करेगा. उन्हें इस गलती के लिए कारण और उससे संबंधित दस्तावेज भी डीडीए की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कमेटी का ही होगा.

Intro:नई दिल्ली
केंद्र सरकार 1700 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों को पास करने जा रही है. ऐसे में डीडीए को इन कॉलोनियों की बाउंड्री तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीडीए ने वर्ष 2015 की सेटेलाइट इमेज के जरिए 500 कॉलोनियों की बाउंड्री को नक्शे पर तैयार किया है. डीडीए इसे अपनी वेबसाइट पर डालने जा रहा है ताकि इस पर अगर किसी को आपत्ति हो तो वह अपने सुझाव दे सकें. इसके बाद नक़्शे को फाइनल कर दिया जाएगा.


Body:डीडीए के अनुसार उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया एवं रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर 500 से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों की बाउंड्री को गूगल मैप के जरिए खींचा है. इसके लिए 2015 की सेटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि उस समय तक की कॉलोनियों को ही पास किया जाएगा. पहले चरण के सभी मान चित्रों को डीडीए ने अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है, जहां जाकर आम लोग इसे देख सकते हैं.





Conclusion:वेबसाइट पर दे सकते हैं सुझाव
आरडब्लूए के अध्यक्ष एवं सचिवों से डीडीए ने अपील की है कि वह वेबसाइट पर जाकर खींची गई बाउंड्री को देख लें और इससे संबंधित अपने सुझाव आदि 15 दिन के भीतर डीडीए को दें. डीडीए की वेबसाइट पर उस कॉलोनी के बारे में जानकारी दी जा सकती है. इसमें किसी प्रकार की दिक्कत या कमी उन्हें लगती है तो वह इसकी जानकारी दे सकते हैं. इससे डीडीए समय रहते उसमें सुधार करेगा. उन्हें इस गलती के लिए कारण और उससे संबंधित दस्तावेज भी डीडीए की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कमेटी का ही होगा.
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