नई दिल्ली: महिला आयोग ने गुरुवार को दिल्ली के चन्ना मार्केट, करोल बाग से झारखंड की रहने वाली एक 16 साल की लड़की को रेस्क्यू करवाया है. लड़की झारखंड के गुमला पालकोट इलाके की मूल निवासी है. इस लड़की की गुमशुदगी को लेकर किसी व्यक्ति ने ट्विटर पर झारखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस को एक ट्वीट किया था, जिस पर दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए लड़की का पता लगवाया.
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शेल्टर होम में रखा गया
आयोग के मुताबिक जैसे ही उनकी टीम को लड़की की जानकारी मिली वह उसके घर पहुंचे और वहां से उसे निकलवाया. जिसके बाद चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सामने पेश किया गया, जहां से लड़की को फिलहाल शेल्टर होम में रखवाया गया है. साथ ही आयोग की टीम इस बात पर संज्ञान ले रही है कि लड़की का नकली आधार कार्ड कैसे बनवाया गया.
ट्रैफिकिंग का एक उदाहरण
आयोग के मुताबिक ये मामला झारखंड और अन्य राज्यों से दिल्ली में ट्रैफिकिंग किए जाने वाले मामलों का एक उदाहरण है. आयोग ने बताया कि पिछले 5 सालों में दिल्ली महिला आयोग ने झारखंड समेत कई अलग-अलग राज्यों से अनेकों लड़कियों और बच्चों को दिल्ली के अलग-अलग कोनों से रेस्क्यू करवाया है. वहीं इसको लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर भी लड़कियों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया था.
अच्छी सैलरी का लालच लाते हैं दिल्ली
आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा झारखंड, ओडिसा और अन्य राज्यों से बच्चों को बड़े स्तर पर प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा दिल्ली लाया जाता है. बच्चों को अच्छी तनख्वाह का लालच देकर दिल्ली लाते हैं और बुरे हालातों में बिना पगार या बहुत कम पगार के घरों में काम पर लगवा देते हैं. ऐसी सैकड़ों लड़कियां हैं, जिन्हें दिल्ली महिला आयोग ने रेस्क्यू किया है और उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि आयोग की टीम 24 घंटे सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं, जिससे कि हम महिलाओं तक मदद पहुंचा पा रहे हैं.