नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में दिल्ली बाल अधिकार और संरक्षण आयोग सितंबर महीने में 18 साल से ऊपर के बच्चों के लिए सुविधा केंद्र खोले जाने की व्यवस्था कर रहा है. जिसके लिए आयोग दिल्ली में तमाम संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है. डीसीपीसीआर के चेयरमैन रमेश नेगी ने बताया कि DCPCR द्वारा या अन्य दिल्ली में जो भी बाल संरक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं.
उसमें किसी भी अनाथ या घर छोड़कर आए बच्चे को 18 साल तक शरण दी जाती है और 18 साल के बाद उस बच्चे को बाहरी दुनिया में छोड़ दिया जाता है. ऐसे में वह बच्चा बेहद ही अकेला महसूस करता है और इसके अलावा कई परेशानियों से भी जूझता है.
बच्चों की सहायता के लिए बनाए जाएंगे सुविधा केंद्र
रमेश नेगी ने बताया कि जो तमाम संरक्षण आयोग हैं उसमें बच्चों को शिक्षा और बाहरी जीवन से जुड़ी तमाम ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन बावजूद इसके जब बच्चा बाहरी दुनिया में निकलता है तो अपने आप को अकेला महसूस करता है. इस चीज को समझते हुए सुविधा केंद्र बनाए जा रहे हैं जिसमें 18 साल से ऊपर के बच्चों की मदद की जाएगी.18 साल के बाद भी उन्हें बाहरी दुनिया में अकेलापन महसूस ना हो इसके लिए इन सुविधा केंद्र में उनकी सहायता की जाएगी.
15 साल का होने पर दी जाएगी ट्रेनिंग
रमेश नेगी ने बताया कि बच्चों को 18 साल के बाद होने वाली परेशानी को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हरेक चाइल्ड होम में बचपन से ही उन बच्चों को बाहरी दुनिया में जीने की ट्रेनिंग दी जाए. सरकार की ओर से भी एक अभियान चलाया जाना चाहिए जिसमें 15 साल का जब बच्चा हो जाए तो उसे यह बताया जाए कि बाहर उसे कैसे नौकरी करनी है और बाहरी दुनिया में अपने आप को कैसे निखारना है
कश्मीरी गेट पर खोला जाएगा सुविधा केंद्र
रमेश नेगी ने बताया कि फिलहाल DCPCR की ओर से दिल्ली में दो सुविधा केंद्र हैं. जिसमें 18 साल के बाद बच्चों को बाहरी जीवन में जीने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसमें उन्हें नौकरी और शिक्षा से जुड़ी मदद की जाती है इसके अलावा आने वाले 1 महीने के भीतर DCPCR के मेन ऑफिस में एक सुविधा केंद्र खोला जाएगा जहां देशभर से लोग संपर्क कर सकेंगे जो कि कश्मीरी गेट पर होगा.