नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में स्थित डासना जेल इन दिनों चर्चा में है. दरअसल, डासना जेल में डासना जेल रेडियो की शुरुआत की गई है. इस जेल रेडियो का प्रसारण सभी बैरकों में हो रहा है. सुबह के वक्त जेल रेडियो पर भजन-कीर्तन चलता है जबकि शाम के समय मनोरंजक गाने बजते हैं. इसके अलावा कैदियों के उत्थान के लिए भी सकारात्मक बातें उन तक पहुंचाई जाती हैं.
खास बात यह है कि इस रेडियो प्रोग्राम को प्रेजेंट करने वाले कुछ रेडियो जॉकी भी जेल के बंदी ही हैं. हालांकि कुछ अन्य रेडियो जॉकी से भी मदद ली जाती है. इससे एक तरफ जहां रेडियो के माध्यम से कैदियों का मनोरंजन हो जाता है तो वहीं उन्हें अपने कल्याण से संबंधित बातें भी पता चलती रहती हैं. भजन कीर्तन का साधन भी यही रेडियो बन जाता है. हालांकि जेल में यह रेडियो पहले से चल रहा था. लेकिन इसको अब और ज्यादा डेवलप किया गया है. इससे व्यापक स्तर पर काम शुरू हो गया है. रेडियो जॉकी की मदद से बैरक के अंदर मौजूद कैदी कुछ मनोरंजक बातें भी सुन पाते हैं, जिनमें गीतों के अलावा चुटकुले आदि भी शामिल हैं. रेडियो जॉकी यानी प्रेजेंटर के लिए बकायदा जेल में ही चेंबर तैयार किया गया है जहां से प्रसारण होता है.
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जेल में कुछ कैदियों ने अपनी कला का इस्तेमाल भी किया है. यहां एक आर्ट गैलरी भी लगाई गई है. इसमें शामिल तस्वीरें देखने में काफी खूबसूरत लग रही है. हर तस्वीर में कोई न कई संदेश छिपा हुआ है. यह किसी प्रसिद्ध आर्ट गैलरी जैसी लगती है. इस मनमोहक पेंटिंग को कैदियों ने बनाई है.
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