नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ रहे साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस एक महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है. इसके तहत प्रत्येक जिले में साइबर यूनिट को मजबूत किया जा रहा है. कुछ समय बाद इसे थाने में बदल दिया जाएगा. जहां साइबर अपराध की FIR भी दर्ज होंगी. यह पुलिस यूनिट अन्य अपराधों की जांच नहीं करेगी. इसका इस्तेमाल केवल साइबर अपराध एवं साइबर अपराधियों के लिए ही किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, राजधानी में साइबर अपराधों में बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. झारखंड के जामताड़ा, बिहार के नालंदा, हरियाणा के मेवात और राजस्थान के भरतपुर से बड़ी संख्या में साइबर ठग लगातार सक्रिय रहते हैं. वह आए दिन नए तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उनसे ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं.
ऐसे कई गैंग दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा पकड़े भी गए हैं, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं. लोकल पुलिस के पास पहले से कई गंभीर अपराध जांच के लिए होते हैं जिसकी वजह से वह साइबर ठगी को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती है.
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इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने यह तय किया है कि साइबर अपराध की जांच के लिए विशेष यूनिट प्रत्येक जिले में बनाई जाएगी. आने वाले समय में उसे जिला साइबर पुलिस स्टेशन में तब्दील किया जाएगा. प्रत्येक जिले में होने वाले सभी साइबर अपराध की शिकायत इन्हीं थानों में होगी. यहां पर ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा जिन्होंने साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण लिया हो.
यह पुलिसकर्मी आने वाली शिकायतों को लेकर जांच करेंगे और साइबर अपराधियों को पकड़ने का काम करेंगे. कमिश्नर राकेश अस्थाना का मानना है कि साइबर अपराध पर काम करने वाली विशेष यूनिट ऐसे अपराधों पर लगाम लगाएगी.
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दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि साइबर अपराध अन्य अपराधों से पूरी तरह अलग हैं. दिल्ली पुलिस लंबे समय से अपराध को लेकर बेहतरीन काम करती रही है, लेकिन साइबर अपराध जिस तरह बढ़ रहा है, उसके लिए पुलिस को भी बड़ी तैयारी करनी होगी.
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उन्होंने बताया कि ऐसी चर्चा है कि पुलिस कमिश्नर प्रत्येक जिले में साइबर यूनिट खोल रहे हैं जो जल्द थाने में तब्दील हो जाएंगी. इसके बनने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. अभी के समय में प्रत्येक थाने में साइबर अपराध की शिकायत तो ली जाती है, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के पास अन्य अपराध की जांच का बोझ होता है. इस वजह से वह साइबर अपराध के मामलों की तरफ ध्यान ही नहीं दे पाते.
पूर्व एसीपी के मुताबिक, साइबर अपराध से निपटने के लिये पुलिस को तैयार करने की आवश्यकता है. इसके लिए उन्हें साइबर अपराध से संबंधित ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है जो पिछले कुछ वर्षों से किया जा रहा है. उन्हें साइबर से संबंधित गैजेट उपलब्ध कराने होंगे. इसके बाद पुलिस टीम जब काम करेगी तो निश्चित तौर पर साइबर अपराध में कमी आएगी.