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विदेशी नागरिकों को धमकी देकर की 90 करोड़ की ठगी, 54 लोग गिरफ्तार - दिल्ली में बढ़ रहीं साइबर क्राइम की घटनाएं

दिल्ली की साइबर सेल ने करीब चार हजार लोगों से 90 करोड़ की ठगी करने वाले कॉल सेंटर का खुलासा किया है. साइबर सेल की टीम ने 54 लोगों को गिरफ्तार कर 89 कम्प्यूटर बरामद किए हैं.

Busted call center cheating crores
करोड़ों की ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश
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Published : Dec 16, 2020, 5:33 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 7:32 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिका सहित विभिन्न देश में मौजूद लोगों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है. उन्होंने कुल 54 लोगों को गिरफ्तार कर 89 डेक्सटॉप एवं सीपीयू बरामद किए हैं. अभी तक की जांच में 4000 से ज्यादा लोगों से लगभग 100 करोड़ की ठगी का खुलासा हुआ है. यह ठगी बीते ढाई वर्ष के दौरान की गई है. आरोपी कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. इस गैंग के बैंक खाते साइबर सेल ने फ्रीज कर दिए हैं. वहीं दुबई में बैठे उसके सरगना की तलाश जारी है.

दिल्ली मे 90 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का खुलासा

89 कम्प्यूटर, 50 मोबाइल बरामद, 54 लोग गिरफ्तार
साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय के अनुसार उनकी टीम को सूचना मिली थी कि मोती नगर इलाके में एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. इसके जरिए वह लोगों के साथ ठगी और जबरन उगाही कर रहे हैं. अमेरिका सहित कई देशों के लोगों को धमकी देकर उनसे बिटकॉइन एवं गिफ्ट कार्ड के बहाने रुपए लिए जा रहे हैं. इस जानकारी पर छानबीन करते हुए साइबर सेल के एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रवीण एसआई अवधेश और पवन की टीम ने छापा मारकर 54 लोगों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया जिनमें 9 महिलाएं शामिल हैं. यहां से 89 डेक्सटॉप, सीपीयू एवं 50 मोबाइल भी जब्त किए गए हैं. इनमें से पांच आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस ने रिमांड पर लिया है.


पढ़ें: राजौरी गार्डन में ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़, दिल्ली से तेलंगाना तक फैला हुआ था जाल


दुबई में बैठा सरगना पूरे फर्जीवाड़े को देता था अंजाम
डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि इस गैंग का सरगना दुबई में बैठा हुआ है. वहां से टीम लीडर के जरिए कॉल सेंटर खुलवा कर वह लोगों के साथ ठगी को अंजाम देता था. उसके निर्देश पर कॉल सेंटर में बैठे कर्मचारी विदेश में बैठे लोगों को लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी के अधिकारी बनकर संपर्क करते थे. वह खुद को सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन, ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन या यूएस मार्शल सर्विस का अधिकारी बताकर बात करते थे. उन्हें बताया जाता कि उनके बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं क्योंकि उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर क्राइम सीन पर मिले हैं. उनके बैंक अकाउंट के जरिए अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था. मेक्सिको एवं कोलंबिया से खरीदे जा रहे ड्रग्स में उनके लिप्त होने का पता चला है.



गिरफ्तारी का डर दिखाकर खाता कर देते थे खाली
आरोपियों द्वारा विदेश में बैठे शिकार को बताया जाता कि इस मामले में उनकी तुरंत गिरफ्तारी बनती है. यह सुनते ही विदेशी नागरिक घबरा जाते थे. इसके बाद उन्हें छोड़ने के बदले में वह उनके बैंक खाते में मौजूद रकम से बिटकॉइन या गूगल गिफ्ट कार्ड ख़रीदवाते थे. उन्हें इसे सरकार के खाते में ट्रांसफर करवाने की बात कही जाती लेकिन वास्तव में यह बिटकॉइन एवं गूगल गिफ्ट कार्ड इन जालसाजों के पास आ जाते थे. पीड़ित को बाद में पूरे फर्जीवाड़े का पता लगता था. आरोपी बीते ढाई साल में चार हजार से ज्यादा लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे.


दुबई में बैठे सरगना की तलाश
डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि गैंग का सरगना पहले भारत में ही रहता था. वह छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहा है. लेकिन इस दौरान उसे लगा कि कॉल सेंटर के जरिए विदेशी लोगों से ठगी की जा सकती है. इसलिए उसने यह कॉल सेंटर खोल लिया. वह खुद दुबई में बैठकर टीम लीडर की मदद से पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था. इसके लिए वह ना केवल इन कर्मचारियों को वेतन देता था बल्कि मोटी रकम हाथ लगने पर उन्हें कमीशन भी देता था.

नई दिल्ली: अमेरिका सहित विभिन्न देश में मौजूद लोगों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है. उन्होंने कुल 54 लोगों को गिरफ्तार कर 89 डेक्सटॉप एवं सीपीयू बरामद किए हैं. अभी तक की जांच में 4000 से ज्यादा लोगों से लगभग 100 करोड़ की ठगी का खुलासा हुआ है. यह ठगी बीते ढाई वर्ष के दौरान की गई है. आरोपी कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. इस गैंग के बैंक खाते साइबर सेल ने फ्रीज कर दिए हैं. वहीं दुबई में बैठे उसके सरगना की तलाश जारी है.

दिल्ली मे 90 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का खुलासा

89 कम्प्यूटर, 50 मोबाइल बरामद, 54 लोग गिरफ्तार
साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय के अनुसार उनकी टीम को सूचना मिली थी कि मोती नगर इलाके में एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. इसके जरिए वह लोगों के साथ ठगी और जबरन उगाही कर रहे हैं. अमेरिका सहित कई देशों के लोगों को धमकी देकर उनसे बिटकॉइन एवं गिफ्ट कार्ड के बहाने रुपए लिए जा रहे हैं. इस जानकारी पर छानबीन करते हुए साइबर सेल के एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रवीण एसआई अवधेश और पवन की टीम ने छापा मारकर 54 लोगों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया जिनमें 9 महिलाएं शामिल हैं. यहां से 89 डेक्सटॉप, सीपीयू एवं 50 मोबाइल भी जब्त किए गए हैं. इनमें से पांच आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस ने रिमांड पर लिया है.


पढ़ें: राजौरी गार्डन में ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़, दिल्ली से तेलंगाना तक फैला हुआ था जाल


दुबई में बैठा सरगना पूरे फर्जीवाड़े को देता था अंजाम
डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि इस गैंग का सरगना दुबई में बैठा हुआ है. वहां से टीम लीडर के जरिए कॉल सेंटर खुलवा कर वह लोगों के साथ ठगी को अंजाम देता था. उसके निर्देश पर कॉल सेंटर में बैठे कर्मचारी विदेश में बैठे लोगों को लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी के अधिकारी बनकर संपर्क करते थे. वह खुद को सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन, ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन या यूएस मार्शल सर्विस का अधिकारी बताकर बात करते थे. उन्हें बताया जाता कि उनके बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं क्योंकि उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर क्राइम सीन पर मिले हैं. उनके बैंक अकाउंट के जरिए अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था. मेक्सिको एवं कोलंबिया से खरीदे जा रहे ड्रग्स में उनके लिप्त होने का पता चला है.



गिरफ्तारी का डर दिखाकर खाता कर देते थे खाली
आरोपियों द्वारा विदेश में बैठे शिकार को बताया जाता कि इस मामले में उनकी तुरंत गिरफ्तारी बनती है. यह सुनते ही विदेशी नागरिक घबरा जाते थे. इसके बाद उन्हें छोड़ने के बदले में वह उनके बैंक खाते में मौजूद रकम से बिटकॉइन या गूगल गिफ्ट कार्ड ख़रीदवाते थे. उन्हें इसे सरकार के खाते में ट्रांसफर करवाने की बात कही जाती लेकिन वास्तव में यह बिटकॉइन एवं गूगल गिफ्ट कार्ड इन जालसाजों के पास आ जाते थे. पीड़ित को बाद में पूरे फर्जीवाड़े का पता लगता था. आरोपी बीते ढाई साल में चार हजार से ज्यादा लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे.


दुबई में बैठे सरगना की तलाश
डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि गैंग का सरगना पहले भारत में ही रहता था. वह छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहा है. लेकिन इस दौरान उसे लगा कि कॉल सेंटर के जरिए विदेशी लोगों से ठगी की जा सकती है. इसलिए उसने यह कॉल सेंटर खोल लिया. वह खुद दुबई में बैठकर टीम लीडर की मदद से पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था. इसके लिए वह ना केवल इन कर्मचारियों को वेतन देता था बल्कि मोटी रकम हाथ लगने पर उन्हें कमीशन भी देता था.

Last Updated : Dec 16, 2020, 7:32 PM IST
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