नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के हॉट स्पॉट्स की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी दिख रही है. बीते लगातार पांच दिनों से दिल्ली में कोरोना के 5 हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान कोरोना के कंटेनमेंट जोंस के आंकड़े में कमी नहीं हुई है. कंटेनमेंट जोंस की संख्या पर भी कोरोना की तीसरी लहर का असर दिख रहा है और इसका कुल आंकड़ा 5772 हो चुका है.
अब तक बन चुके हैं 12238 हॉट स्पॉट
बुधवार शाम दिल्ली सरकार द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 24 घंटे में ही 103 इलाकों को कंटेन किया जा चुका है. इससे ठीक एक दिन पहले 117 इलाके कंटेनमेंट जोन बने थे. वहीं नवंबर महीने में ही 2413 हॉट स्पॉट्स चिह्नित हो चुके हैं. गौर करने वाली बात यह भी है कि कोरोना की शुरुआत से अब तक दिल्ली में कुल 12238 कंटेनमेंट जोन्स बनाए जा चुके हैं.
कंटेनमेंट नीति में हुआ था बदलाव
कंटेनमेंट जोंस से जुड़े दिल्ली सरकार के अब तक के आंकड़े के अनुसार, इन कुल 12238 कंटेनमेंट जोंस में से अब तक 6466 कंटेनमेंट जोंस डी-कंटेन हो गए हैं. इसके अलावा, 1813 कंटेनमेंट जोंस आने वाले दिनों में डी-कंटेन किए जा सकते हैं. गौरतलब है कि एक अगस्त को दिल्ली सरकार ने अपनी कंटेनमेंट नीति में बदलाव किया था, जिसके बाद 716 पर पहुंच गई संख्या 496 रह गई थी.
दक्षिणी पश्चिमी में सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाने शुरू किए, जिसका असर यह हुआ कि 21 जून के बाद से ही अब तक 11904 कंटेनमेंट जोंस बन चुके हैं. कंटेनमेंट जोंस की जिलावार संख्या देखें, तो अभी सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोंस दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली में हैं. यहां यह संख्या 1470 है, वहीं सबसे कम 180 कंटेनमेंट जोन उत्तरी दिल्ली में हैं.
कंटेनमेंट जोंस का जिलावार आंकड़ा
इसके अलावा पूर्वी दिल्ली में 191, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 202, शाहदरा में 242, नई दिल्ली में 272, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली में 439, पश्चिमी दिल्ली में 529, मध्य दिल्ली में 603, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में 809 और दक्षिणी दिल्ली में 835 कंटेनमेंट जोन हैं. कंटेनमेंट जोंस की इस बढ़ती संख्या को लेकर जब हमने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया, तो उनका कहना था कि छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोंस बनाए जा रहे हैं, इसलिए संख्या बढ़ रही है.
इसलिए बढ़ रही संख्या...
सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह हमारी कंटेनमेंट नीति के अनुसार ही हो रहा है. उन्होंने बताया कि जहां भी तीन से ज्यादा कोरोना के केस निकलते हैं, उस इलाके को कंटेनमेंट जोन में बदल दिया जाता है, ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसका असर भी दिख रहा है और अब संक्रमण दर कम होने लगी है, साथ ही कोरोना के मामले भी कम हो रहे हैं.