नई दिल्ली: दिल्ली दंगों और यूएपीए मामलों का सामना कर रहे उमर खालिद की अंतरिम जमानत याचिका पर कड़कड़डूमा कोर्ट सोमवार को फैसला सुना सकता (umar khalid interim bail plea) है. इससे पहले 7 दिसंबर को कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल आरोपी उमर खालिद की तरफ से बहन की शादी में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत की मांग की गई है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इसका विरोध करते हुए एक हलफनामे के जरिए कोर्ट को सूचित किया है कि यदि उमर खालिद को जमानत दी जाएगी तो सामाजिक अशांति फैलने का खतरा है. इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत अपना फैसला सुनाएंगे.
इससे पहले दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एलएम नेगी द्वारा दायर अपने हलफनामा में कहा था कि 28 दिसंबर को खालिद की बहन की शादी से संबंधित तथ्यों का सत्यापन किया गया है. हालांकि विवाह के तथ्य के सत्यापन के बावजूद अहम तथ्य यह है कि खालिद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत बेहद गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है. उसकी नियमित जमानत अर्जी अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है और अपील याचिका भी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. पुलिस ने कहा कि खालिद की मां एक बुटीक चला रही हैं और पिता वेलफेयर पार्टी आफ इंडिया नामक एक राजनीतिक दल का नेतृत्व कर हैं और वे अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करने में सक्षम हैं.
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पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर खालिद को अंतरिम जमानत दी गई तो वह इस दौरान इंटरनेट मीडिया के उपयोग से गलत सूचना फैला सकता है जिससे समाज में अशांति पैदा होने की संभावना है. साथ ही वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है. वहीं खालिद ने कोर्ट को सुनवाई के दौरान ही आश्वासन दिया था कि वह केवल लोगों से मिलेगा और मीडिया से बात नहीं करेगा. कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुना सकता है.
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