नई दिल्लीः डॉक्टर की खुदकुशी के मामले (Deoli Doctor Suicide Case) में आरोपी देवली विधानसभा से विधायक प्रकाश जारवाल (MLA Prakash Jarwal) का भविष्य अब सीएफएसएल से होने वाली जांच पर आकर टिक गया है. एफएसएल से स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आने के चलते अदालत ने उनके आवाज के नमूने की जांच सीबीआई की लैब से करवाने के आदेश दिए हैं. इस रिपोर्ट से तय होगा कि डॉक्टर को धमकाने वाले प्रकाश जारवाल थे या नहीं.
अगर आवाज मैच कर जाती है तो उन्हें इस मामले में सजा भी हो सकती है. जानकारी के अनुसार देवली इलाके में रहने वाले एक डॉक्टर ने अप्रैल 2020 में खुदकुशी कर ली थी. खुदकुशी करने से कुछ समय पहले उनके मोबाइल पर विधायक प्रकाश जारवाल के मोबाइल से कॉल आया था. यह कॉल डॉक्टर के नौकर रेवधर भट्ट ने उठाई थी और मोबाइल में यह कॉल रिकॉर्ड हो गई थी.
इसमें कॉल करने वाले ने कहा था कि अगर जल्द ही डॉक्टर ने उनसे बात नहीं की तो वह परलोक सिधार जाएगा. इस कॉल के कुछ देर बाद डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. खुदकुशी के बाद इस मामले में नेबसराय थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी. छानबीन के बाद पुलिस में आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया था.
विधायक की आवाज नहीं हो सकी मैच
इस मामले में पुलिस ने जब डॉक्टर के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो यह साफ हो गया कि धमकी भरा कॉल प्रकाश जारवाल के मोबाइल से किया गया था. इसलिए एफएसएल में उस बातचीत की रिकॉर्डिंग को जांच के लिए भेजा गया जो मोबाइल में रिकॉर्ड हुई थी. इसके साथ ही डॉक्टर के नौकर रेवधर एवं विधायक प्रकाश जारवाल के आवाज का नमूना भी जांच के लिए भेजा गया.
अदालत में पेश की गई एफएसएल की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोबाइल में मौजूद रिकॉर्डिंग से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है. नौकर रेवधर की आवाज का नमूना रिकॉर्डिंग में मौजूद आवाज से मेल खा रहा है. लेकिन इस बात की स्पष्ट तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी कि दूसरी आवाज विधायक प्रकाश जारवाल की है या नहीं.
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सीबीआई की सीएफएसएल में होगी नमूने की जांच
विधायक प्रकाश जारवाल के अधिवक्ता रवि दराल ने अदालत को बताया कि इस मामले में विधायक प्रकाश जारवाल निर्दोष हैं. वहीं पुलिस की तरफ से अदालत में अपील की गई कि मामला विधायक से जुड़ा होने के चलते इस रिकॉर्डिंग की जांच सीबीआई की सीएफएसएल से करवाने के आदेश दिए जाएं.
अदालत ने पुलिस की अपील को मंजूर करते हुए सीएफएसएल से इस रिकॉर्डिंग की जांच के लिए आदेश दिए हैं. अब सीएफएसएल की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि विधायक की आवाज रिकॉर्डिंग में है या नहीं. अदालत ने इस मामले में सीएफएसएल जांच करवाने के बाद उसकी रिपोर्ट को जल्द से जल्द अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है.