नई दिल्ली: कोरोना वायरस का साया अब भारत में भी दिखाई दे रहा है. राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में संदिग्धों की टेस्टिंग हो रही है. ऐसे में यहां पर मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जो मरीज यहां पर अपनी जांच कराने आ रहे हैं, वह खुले में खड़े हैं. ऐसे में अन्य मरीजों पर भी इसका असर पड़ सकता है.
इमर्जेमसी में 1500 मरीज, OPD में 2000 से ज्यादा
गौर करने वाली बात यह है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है. यहां प्रतिदिन 1500 से ज्यादा मरीज इमरजेंसी में आते हैं तो वहीं 2000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं. कई बार यह संख्या 4000 तक पहुंच जाती है. लेकिन कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए जो मरीज मौजूदा हालत में पहुंच रहे हैं, वह खुले में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
डेढ़ से दो घन्टे में आता स्क्रिनिंग के लिए नंबर
अहम बात यह है कि जिन लोगों में खासी, जुकाम आदि की शिकायत है, वह खुले में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार के बाद उनकी स्क्रीनिंग हो रही है. ऐसे में अस्पताल में आने वाले अन्य मरीज उनके इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं क्योंकि यह वायरस खुले में सक्रिय रहकर असर करता है. ऐसे में अन्य मरीजों के साथ बड़ी लापरवाही सामने आ रही हैं.
अलग से बनाया जाए एरिया
आरएमएल अस्पताल में जिस तरीके से खुले में खड़े होकर घंटों अपनी स्क्रीनिंग का इंतजार कर रहे हैं मरीज तो वहीं दूसरी ओर अन्य मरीजों की सेफ्टी के लिए अस्पताल प्रशासन को अलग से इंतजाम करने की जरूरत है. जिससे कि इमरजेंसी में जो मरीज आ-जा रहे हैं. वह कोरोना के संक्रमण से प्रभावित ना हों.
फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों के मुताबिक पूरे बंदोबस्त कर दिए गए हैं और इमरजेंसी में आकर लोग पहले स्क्रिनिंग करा रहे हैं. अगर डॉक्टरों को उन मरीज में से कोई संक्रमित लगता है तो उन्हें वार्ड नंबर 5 स्थित आइसोलेशन वार्ड में भेजा जा रहा है.