नई दिल्ली: कोविड-19 ने कई चीजों पर अपना प्रभाव डाला है, खासतौर पर मध्यमवर्गीय परिवारों के घरेलू बजट में बड़ा बदलाव आया है. महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए रोजमर्रा की चीजों में हैंड सैनिटाइजर, हैंड वॉश, फेस मास्क, साबुन, पोष्टिक खाद्य पदार्थ, इम्यूनिटी बूस्टर समेत कई चीजों को शामिल किया है. जिससे कई मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए मुश्किल की स्थिति भी आ गई है, क्योंकि जहां एक तरफ आय में कमी आई है वहीं दूसरी तरफ खर्चों में वृद्धि हुई है.
ईटीवी भारत ने ऐसे ही अलग-अलग मध्यमवर्गीय परिवारों से कोविड-19 के बाद उनके घरेलू बजट में आए बदलाव को लेकर बात की. दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी में रहने वाली शर्मा फैमिली ने बताया उनके घर में 5 सदस्य हैं. गृहणी रितु शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना का में उनके घर के बजट में काफी बढ़ोतरी हुई है. जहां पहले पूरे महीने का खर्च 10 से 15,000 में चल जाता था अब वही 20 से 25,000 भी कम पड़ते हैं. रितु शर्मा ने कहा कि उनका बेटा अर्णव सेकंड क्लास में पढ़ता है. वहीं बेटी सातवीं क्लास में पढ़ रही है. दोनों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है, जिसके लिए मोबाइल इंटरनेट वाईफाई आदि का खर्चा बढ़ गया है.
लॉकडाउन के कारण गई बहू की नौकरी
इसके अलावा रितु शर्मा की सास कमला शर्मा ने कहा की लॉकडाउन से ही सभी लोग घर में हैं. पहले उनकी बहू रितु शर्मा भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए जाती थी, लेकिन कोरोना में स्कूल बंद होने के चलते नौकरी नहीं रही, वही उनके बेटे की स्टेशनरी की दुकान है उससे भी कुछ खासा खर्च नहीं निकल पाता, ऐसे में कमाई कम हो गई है लेकिन खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं.
घर से आना जाना हुआ कम
दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी के बाद ईटीवी भारत की टीम ने रुख किया दक्षिणी दिल्ली के गिरी नगर का. जहां रहने वाली सिंह फैमिली में 4 सदस्य हैं.घर की सदस्य नीतू सिंह ने बताया कि कोरोना उनके घर के सभी सदस्य घर पर ही हैं उनके बेटे और बेटी की ऑनलाइन क्लास हो रही है. जिसके लिए उन्हें फोन खरीदना पड़ा, साथ ही इंटरनेट का खर्चा भी बढ़ गया, घर से बाहर आना जाना कम हो रहा है. लेकिन यदि जरूरी सामान लेने के लिए बाहर जा रहे हैं तो घर आकर नहाना पड़ता है, और वह कपड़े भी धोने पड़ते हैं, जिसके लिए पानी साबुन सर्फ आदि का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है.
बढ़ा है सैनिटाइज का खर्चा
इसके अलावा यदि कोई घर में आता है तो पूरी तरीके से सैनिटाइज करना पड़ता है, सामान को सैनिटाइज करना पड़ता है जिसके लिए पूरे महीने में 5 लीटर सैनिटाइजर इस्तेमाल हो रहा है. इसके साथ ही नीतू सिंह की बेटी श्रेया सिंह ने कहा कि कोरोनावायरस सबसे बड़ा बदलाव उनकी पढ़ाई को लेकर आया है, क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है जिसके कारण उनके मेंटल हैल्थ पर भी असर पड़ रहा है, इसके लिए वह अपनी हेल्थ पर काम कर रही है, योगा एक्सरसाइज कर रही है. इम्यूनिटी बूस्टर और कई प्रोटीन टेबलेट भी ले रही हैं. इसके अलावा जहां पहले केवल एक बार दूध पीते थे अब रोजाना दो बार हल्दी वाला दूध भी पीना पड़ रहा है.
बढ़ा है राशन का खर्चा
इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम आखिरी पड़ाव पर कालकाजी विधानसभा के कालकाजी इलाके में रहने वाली एक और शर्मा फैमिली से बात की. जिसमें 3 सदस्य हैं. घर की सदस्य पूनम शर्मा ने कहा कि कोरोना में सबसे ज्यादा रसोई का बजट बढ़ा है. जहां पहले महीने में एक गैस सिलेंडर में काम चल जाता था, वहीं अब दो गैस सिलेंडर लग रहे हैं. इसके अलावा राशन में सब्जी आदि ज्यादा इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. क्योंकि सभी घर पर हैं तो खाना पीना ज्यादा हो रहा है. इसके अलावा पहले वह अब पैकेट वाला महंगा दूध लेने को मजबूर हैं, क्योंकि खुला दूध कोरोना कर डर से नहीं ले रहे, इसके साथ ही दवाइयों का खर्चा भी बढ़ गया है.
बेटे की ऑनलाइन क्लास के लिए खरीदना पड़ा टेबलेट
पूनम शर्मा ने कहा कि उनका बेटा मनन शर्मा जो आठवीं कक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है जिसके लिए उन्हें एक लैपटॉप खरीदना पड़ा, जिसकी हर महीने ईएमआई जा रही है इसके अलावा वाईफाई और बिजली, पानी आदि का खर्चा भी बढ़ गया है, साथ ही सैनिटाइजर हैंड वाश, साबुन, सर्फ यह सब खर्चे भी बड़े हुए हैं, पहले पूरे महीने का खर्च 10 से 15000 में चल जाता था वहीं अब 20 से 25000 तक पहुंच रहा है.