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गोली मारकर हुई थी त्रिलोचन सिंह की हत्या, जम्मू में रची गई थी साजिश

जम्मू कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक नया खुलासा किया है. शुक्रवार को आये पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुसाला हुआ है कि त्रिलोचन सिंह के सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी. अब दिल्ली पुलिस की टीम इस हत्या के प्राइम सस्पेक्ट हरप्रीत सिंह की तलाश कर रही है.

trilochan singh
गोली मारकर की गई थी त्रिलोचन सिंह की हत्या.
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Published : Sep 11, 2021, 6:59 AM IST

नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह की हत्या गोली मारकर की गई थी. यह खुलासा शुक्रवार को अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट से हुआ है. इसमें पता चला है कि सिर में गोली मारकर त्रिलोचन सिंह की हत्या की गई है. वहीं हत्या का आरोप हरप्रीत सिंह घटना के बाद से ही फरार चल रहा है. उसके बारे में कोई महत्वपूर्ण इरपुट पुलिस को नहीं मिला है.

त्रिलोचन सिंह की हत्या के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को पता चला है कि वह बीते अगस्त माह में भी दिल्ली आए थे. उस समय भी हरमीत उनकी हत्या करने के इरादे से जम्मू से दिल्ली आया था. लेकिन उस समय हरमीत को ऐसा मौका नहीं मिला कि वह हत्या कर सके. इसलिए बाद में वह वापस लौट गया था. लेकिन बीते दो सितंबर को जब त्रिलोचन सिंह हरप्रीत सिंह के घर आये तो इस बार हरमीत को यह मौका मिल गया. मौके का फायदा उठाते हुए उसने सिर पर गोली मारकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गया.

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छानबीन के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि यह हत्या अचानक नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई है. हरमीत ने पहले से यह तय कर रखा था कि वह त्रिलोचन सिंह को मारेगा. लेकिन जम्मू में उसके लिए ऐसा करना बेहद मुश्किल था. दरअसल त्रिलोचन सिंह का जम्मू में बड़ा कद था. उनके आसपास हमेशा उनके मित्र, समर्थक आदि लोगों का जमावड़ा रहता था. इसलिए हरमीत ने यह तय किया था कि वह दिल्ली में उनकी हत्या करेगा. दो सितंबर को अगर वह इस हत्या को अंजाम नहीं देता तो त्रिलोचन सिंह कनाडा चले जाते. इसलिए उसने दो सितंबर के दिन हत्या के लिए चुना था.

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पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर हरप्रीत की गर्लफ्रेंड से बातचीत की है. उसने पुलिस को बताया कि वह 4 सितंबर को यूपी से हरप्रीत से मिलने आई थी. 5 सितंबर को हरप्रीत ने यह मकान खाली कर दिया था. वहां रहने के दौरान उसे यह महसूस नहीं हुआ कि घर में कोई शव रखा हुआ है. कमरे में एसी चल रहा था जिसकी वजह से कोई दुर्गंध भी उस समय नहीं आ रही थी. युवती ने हरप्रीत को लेकर कई अहम जानकारी पुलिस के साथ साझा की है, जिसकी मदद से उसकी तलाश की जा रही है. अभी तक की जांच से पता चला है कि हरमीत ने इस हत्या को अंजाम दिया और हरप्रीत ने इस कांड में उसकी मदद की.

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बता दें कि गुरुवार को पश्चमी दिल्ली के एक मकान से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह का शव मिला था. वह कनाडा जाने के लिए 2 सितंबर को दिल्ली आए थे. 3 सितंबर को उन्हें कनाडा जाना था लेकिन वह कनाडा नहीं पहुंचे. उनका मोबाइल हत्या के बाद हरप्रीत इस्तेमाल कर रहा था. 8 सितंबर को त्रिलोचन सिंह के एक दोस्त ने जब उनके मोबाइल पर कॉल किया तो हरप्रीत ने बताया कि उनकी हत्या हो चुकी है. इसके बाद जम्मू पुलिस के इनपुट पर उनका शव बरामद हुआ था.

नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह की हत्या गोली मारकर की गई थी. यह खुलासा शुक्रवार को अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट से हुआ है. इसमें पता चला है कि सिर में गोली मारकर त्रिलोचन सिंह की हत्या की गई है. वहीं हत्या का आरोप हरप्रीत सिंह घटना के बाद से ही फरार चल रहा है. उसके बारे में कोई महत्वपूर्ण इरपुट पुलिस को नहीं मिला है.

त्रिलोचन सिंह की हत्या के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को पता चला है कि वह बीते अगस्त माह में भी दिल्ली आए थे. उस समय भी हरमीत उनकी हत्या करने के इरादे से जम्मू से दिल्ली आया था. लेकिन उस समय हरमीत को ऐसा मौका नहीं मिला कि वह हत्या कर सके. इसलिए बाद में वह वापस लौट गया था. लेकिन बीते दो सितंबर को जब त्रिलोचन सिंह हरप्रीत सिंह के घर आये तो इस बार हरमीत को यह मौका मिल गया. मौके का फायदा उठाते हुए उसने सिर पर गोली मारकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गया.

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छानबीन के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि यह हत्या अचानक नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई है. हरमीत ने पहले से यह तय कर रखा था कि वह त्रिलोचन सिंह को मारेगा. लेकिन जम्मू में उसके लिए ऐसा करना बेहद मुश्किल था. दरअसल त्रिलोचन सिंह का जम्मू में बड़ा कद था. उनके आसपास हमेशा उनके मित्र, समर्थक आदि लोगों का जमावड़ा रहता था. इसलिए हरमीत ने यह तय किया था कि वह दिल्ली में उनकी हत्या करेगा. दो सितंबर को अगर वह इस हत्या को अंजाम नहीं देता तो त्रिलोचन सिंह कनाडा चले जाते. इसलिए उसने दो सितंबर के दिन हत्या के लिए चुना था.

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पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर हरप्रीत की गर्लफ्रेंड से बातचीत की है. उसने पुलिस को बताया कि वह 4 सितंबर को यूपी से हरप्रीत से मिलने आई थी. 5 सितंबर को हरप्रीत ने यह मकान खाली कर दिया था. वहां रहने के दौरान उसे यह महसूस नहीं हुआ कि घर में कोई शव रखा हुआ है. कमरे में एसी चल रहा था जिसकी वजह से कोई दुर्गंध भी उस समय नहीं आ रही थी. युवती ने हरप्रीत को लेकर कई अहम जानकारी पुलिस के साथ साझा की है, जिसकी मदद से उसकी तलाश की जा रही है. अभी तक की जांच से पता चला है कि हरमीत ने इस हत्या को अंजाम दिया और हरप्रीत ने इस कांड में उसकी मदद की.

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बता दें कि गुरुवार को पश्चमी दिल्ली के एक मकान से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह का शव मिला था. वह कनाडा जाने के लिए 2 सितंबर को दिल्ली आए थे. 3 सितंबर को उन्हें कनाडा जाना था लेकिन वह कनाडा नहीं पहुंचे. उनका मोबाइल हत्या के बाद हरप्रीत इस्तेमाल कर रहा था. 8 सितंबर को त्रिलोचन सिंह के एक दोस्त ने जब उनके मोबाइल पर कॉल किया तो हरप्रीत ने बताया कि उनकी हत्या हो चुकी है. इसके बाद जम्मू पुलिस के इनपुट पर उनका शव बरामद हुआ था.

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