नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में काम कर रहे शिक्षक पिछले 10 दिनों से 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं रविवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को अपना समर्थन देने के लिए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण वालिया भी पहुंची.
इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस हर तरह से अतिथि शिक्षकों के साथ खड़ी है. इसके साथ ही उन्होंने अतिथि शिक्षकों को कानूनी मदद देने की भी बात कही. वहीं शिक्षकों को संबोधित कर रही कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण वालिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से अतिथि शिक्षकों के हित में बात करती रही है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि किसी भी तरह से अतिथि शिक्षकों को उनकी परेशानी से निजात दिलाई जाए. साथ ही उन्होंने शिक्षकों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजी गई पॉलिसी को भी दिखाने की बात को स्वीकारा और कहा कि सरकार को अपना फैसला लेते वक्त अतिथि शिक्षकों को भी शामिल करना चाहिए था. जिससे कि अतिथि शिक्षकों के मन में किसी प्रकार का सवाल ना रहे.
प्रदर्शन के दौरान कई शिक्षक हुए बेहोश
वहीं बीजेपी कार्यालय पर 60 साल की पॉलिसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों की तबीयत लगातार बिगड़ती रही, जिसमें प्रदर्शन कर रहे 3 से अधिक शिक्षक बेहोश हो गए जिनको उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बता दें कि प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक लगातार भाजपा हाय हाय, मनोज तिवारी मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अतिथि शिक्षक अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी लेकर पहुंचे थे.
'चुनाव में सिखाएंगे सबक'
लगातार 10 दिन से प्रदर्शन करें अतिथि शिक्षकों का रोष अब चरम सीमा तक पहुंच चुका है. उनका कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने हमें फुटबॉल बनाकर रखा है. कोई एलजी हाउस भेजता है, तो कोई सिसोदिया आवास भेजता है तो कभी हम बीजेपी दफ्तर पर धरना देते हैं. लेकिन किसी के पास इतनी फुर्सत नहीं कि वह हमारी सुध ले सके. वहीं प्रदर्शन करें एक अतिथि शिक्षक ने कहा कि हमारे इस अपमान का बदला हम चुनाव के समय लेंगे. प्रदर्शन करें अतिथि शिक्षक इमरान ने कहा कि सरकार ने दो तरफा राजनीति खेल कर जो हमारे साथ किया है उसके बाद अब हम किसी सरकार को सत्ता में नहीं आने देंगे और नोटा का बटन दबाएंगे.
वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के सदस्य शोएब राणा ने कहा कि अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन आचार संहिता लगने के बाद भी जारी रहेगा. उनका कहना है कि जैसे हम अभी तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते आए हैं वैसे आगे भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर ही धरना देंगे. साथ ही कहा कि कांग्रेस की सांसद किरण वालिया ने अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन का समर्थन किया है. साथ ही यह आश्वासन भी दिया है कि वह कानूनी रूप से अतिथि शिक्षकों की सहायता करेंगे. शोएब राणा ने कहा कि सभी अतिथि शिक्षकों की तरफ से कांग्रेस से यही मांग है कि उनके वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल अतिथि शिक्षकों के पक्ष में कोर्ट में केस लड़ें जिससे कि अतिथि शिक्षकों को सहारा भी मिल सके और इंसाफ भी.
एलजी ने हस्तक्षेप से किया इंकार
बता दें कि लगातार प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों के हाथ केवल निराशा ही लग रही है. जहां एक तरफ दिल्ली सरकार पर या तोहमत लगाई जा रही है कि उन्होंने पॉलिसी के नाम पर अतिथि शिक्षकों को केवल झांसा ही दिया है. तो वहीं दूसरी तरफ उपराज्यपाल ने भी न्यायालय में मामला लंबित होने की वजह से उसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से साफ इंकार कर दिया है.