नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस आजकल लगातार केजरीवाल सरकार को विभिन्न मुद्दों को लेकर घेर रही है. इसी क्रम में शनिवार को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारून यूसुफ ने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर केजरीवाल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. वहीं डीटीसी के बेड़े में बसें न बढ़ाने को लेकर भी दिल्ली सरकार को निशाने पर लिया.
'पराली पर फोड़ रहे ठीकरा'
ईटीवी भारत से बातचीत में हारून यूसुफ ने कहा कि आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 467 है, सड़कों पर गड्ढे हैं और सड़कें धूल से पटी पड़ी हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल प्रदूषण के लिए पराली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हारून यूसुफ ने कहा कि अभी पराली कहीं नहीं जल रही, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक हो रहा है.
'दिल्ली के लिए जानलेवा है प्रदूषण'
दिल्ली में 25 फीसदी प्रदूषण कम करने के केजरीवाल सरकार के दावे पर हारून यूसुफ ने कहा कि इनके दावे के अनुसार देखें तो प्रदूषण का स्तर साढ़े 500 से ज्यादा होना चाहिए था, जिसे ये कम करके 400 तक लाए हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह इनकी उपलब्धि है. प्रदूषण को कोरोना से जोड़ते हुए हारून यूसुफ ने इसे दिल्ली वालों के लिए जानलेवा बताया.
'7 साल से नहीं आई एक भी बस'
हारून यूसुफ ने कहा कि कोरोना के दौर में बढ़ता प्रदूषण दिल्ली वालों के फेफड़े खराब कर रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार बेहोशी की हालत में है. उन्होंने यह भी कहा कि बीते 7 साल से डीटीसी के बेड़े में एक भी बस नहीं आई है. महिलाओं के लिए इन्होंने फ्री बस की घोषणा की, लेकिन जब बसें रहेंगी ही नहीं तो फ्री में कौन यात्रा करेगा.
'2 साल बाद नहीं बचेंगी बसें'
डीटीसी के बेड़े में कम होती बसों की संख्या पर चिंता जताते हुए हारून यूसुफ ने कहा कि अगर यही हाल रहा और अगले 2 साल तक बसें नहीं आईं, तो डीटीसी के बेड़े में एक भी बसें नहीं बचेंगी. उनका यह भी कहना था कि प्रदूषण के इस खराब दौर में लोगों को बसों के लिए दो-ढाई घण्टे इंतजार करना पड़ रहा है.