नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच वार- पलटवार का दौर जारी है. अब केजरीवाल ने उपराज्यपाल के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि LG साहिब आज सुबह आपका पत्र मिला. उन्हें मेरा जवाब. सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हो. दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को उनके हालिया टिप्पणी 'एलजी कौन है?' के संबंध में आज पत्र लिखा. केजरीवाल ने ये आपत्तिजनक टिप्पणी फिनलैंड में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विधानसभा में की थी. केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर एलजी सक्सेना ने कड़ा एतराज जताते हुए चार पन्ने का पत्र लिखा था.
उपराज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है कि बीते कुछ दिनों में आपने विधानसभा के अंदर और बाहर कई आपत्तिजनक बातें कहीं हैं. जैसे कि 'एलजी कौन हैं' और 'कहां से आए हैं', ऐसे प्रश्नों का उत्तर आपको दिया जा सकता है. लेकिन मैं इसका कोई जवाब नहीं दूंगा क्योंकि यह बातचीत बहुत निचले स्तर की होगी. विधानसभा में इस प्रकार की टिप्पणी देना उचित नहीं है. एलजी ने कहा पिछले सप्ताह शुक्रवार को अपने साथ मुख्यमंत्री की हुई मीटिंग की बातों को जिस तरह विधानसभा में मुख्यमंत्री ने रखा वो बिलकुल गलत है.उन्होंने कहा हमने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलने का समय दिया था. वह आते तो प्रेम से चाय- नाश्ता भी करवाते. हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया में बयान दिया गया कि उपराज्यपाल मिलना नहीं चाहते हैं. जबकि इतने कम समय में सड़क मार्ग करते हुए आए 70-80 लोगों के लिए व्यवस्था कर पाना संभव नहीं था.
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उपराज्यपाल ने चिट्ठी में लिखा है कि वह उनके हेड मास्टर नहीं हैं. पिछले 7 साल से वे दिल्ली में ही रह रहे हैं. दिल्ली की उनकी भी फिक्र है. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री को घेरा है और दिल्ली सरकार के स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के गिरते प्रतिशत का जिक्र भी अपने पत्र में किया है. शिक्षकों के फिनलैंड भेजकर ट्रेनिंग को लेकर जिस तरह केजरीवाल ने टिप्पणी की थी इसका भी उन्होंने खंडन करते हुए कहा कि पिछले 7-8 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर जिस तेजी से सुधार होना चाहिए वह नहीं हुआ है.
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आज सुबह LG साहिब का पत्र मिला। उन्हें मेरा जवाब।
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सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हो… pic.twitter.com/3ZTW2rpDG7
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सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हो… pic.twitter.com/3ZTW2rpDG7आज सुबह LG साहिब का पत्र मिला। उन्हें मेरा जवाब।
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सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हो… pic.twitter.com/3ZTW2rpDG7
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क्या है पूरा मामला: विधानसभा में अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने चाहा, तो कल केंद्र में हमारी सरकार होगी. दिल्ली में बीजेपी या किसी की सरकार हो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारा एलजी किसी को तंग नहीं करेगा. हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते हैं, हम लोगों की इज्जत करते हैं. मैंने हमेशा कहा है कि दिल्ली के बच्चे हमारे बच्चे हैं. शिक्षक ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहते हैं, तो बात खत्म हो जानी चाहिए. एलजी साहब ने दो बार ऑब्जेक्शन लगाकर भेजा है. यानी नीयत खराब है. यदि हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, तो गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से क्यों रोकना चाहते हैं. आजादी मिल गई, लेकिन माइंडसेट नहीं सुधऱा. एलजी कह रहे हैं कि इंडिया में करा लें. हमारे बच्चे किसी से कम हैं क्या. दिल्ली के टैक्स के पैसे से भेज रहे हैं. कौन एलजी? हमारे सिर पर आकर बैठ गया. अब वो तय करेंगे कि अपने बच्चों को कहां पढ़ाएंगे.
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