नई दिल्ली: सर्विसेज के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी पूरे विपक्ष का समर्थन चाहती है. नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है. वहीं, कल यानी शनिवार को वह तेलंगाना के CM केसीआर से हैदराबाद में मुलाकात करेंगे.
आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का पुरजोर विरोध कर रही है. इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश में आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ निकल पड़े हैं. आम आदमी पार्टी को अध्यादेश का ऐसा मुद्दा मिल गया है जिस पर वह विपक्षी दलों के साथ संसद में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से रखना चाह रही है. अध्यादेश के ख़िलाफ़ संसद में कांग्रेस का समर्थन मांगने के लिए अरविंद केजरीवाल ने अब कांग्रेस नेताओं से मिलने का समय माँगा है.
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Meeting Hon’ble CM of Telengana tomo in Hyderabad to seek support against unconstitutional and undemocratic ordinance passed by BJP govt against the orders of Hon’ble SC.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023
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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा था. उसके बाद केजरीवाल अपने साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा, मंत्री आतिशी के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने कोलकाता गए थे. उसके बाद महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर उद्धव ठाकरे व अगले दिन शरद पवार से मुलाकात कर समर्थन मांगा था. शरद पवार, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे से मिलने के बाद राहुल गांधी और मलिकार्जुन खरगे से समय माँगा है.
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Sought time this morning to meet Cong President Sh Kharge ji and Sh Rahul Gandhi ji to seek Cong support in Parl against undemocratic n unconstitutional ordinance passed by BJP govt and also to discuss general assault on federal structure and prevailing political situation
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023
हालांकि, कांग्रेस ने इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया है. या यूं कहें कि कांग्रेस के कुछ नेता आम आदमी पार्टी को अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन देने के मूड में हैं तो कुछ नहीं. इसके पीछे सभी अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री रहे और बाद में केंद्रीय मंत्री रहे अजय माकन और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के पुत्र व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित खुलकर कह रहे हैं कि किसी भी सूरत में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करना चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह तो मानते हैं कि अध्यादेश लाकर संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश की गई है. लेकिन वे दिल्ली में आप सरकार को समर्थन देने के खिलाफ हैं.
अजय माकन लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी का समर्थन करना ठीक नहीं होगा. इसके दो मुख्य कारण हैं. सर्वप्रथम, केजरीवाल का समर्थन करके, हम अपने अनेक सम्मानित नेताओं बाबा साहब अम्बेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल, गृह मंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव द्वारा लिए गए विवेकपूर्ण निर्णयों के विरोध में खड़े नजर आएंगे. दूसरा, यदि यह अध्यादेश पारित नहीं होता है, तो केजरीवाल को एक अद्वितीय विशेषाधिकार प्राप्त होगा, जिससे शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज जैसे पूर्व के मुख्यमंत्रियों को वंचित रहना पड़ा था. अजय माकन ने अध्यादेश का विरोध करने के खिलाफ प्रस्तुत किए जा रहे प्रशासनिक, राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोणों पर विचार करने को जरूरी बताया है.