नई दिल्ली: प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार 4 से 15 नवंबर के बीच ऑड इवन लागू करने जा रही है. इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मान लिया है कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत खराब है.
ऑड इवन पहले भी दिल्ली में पूरी तरह से असफल रहा है. ऑड इवन को लागू करने से ज्यादा पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाना ज्यादा जरूरी है. जबकि केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री इसमें नाकाम साबित हुए हैं.
'शहर में खराब स्थिति के लिए सिर्फ केजरीवाल जिम्मेदार'
मनोज तिवारी ने कहा कि ऑड इवन योजना तभी सही साबित हो सकती है जब राज्य में सरकारी परिवहन व्यवस्था ठीक हो. केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से झूठ बोला है की दिल्ली की हालत दिन-ब-दिन सुधरती जा रही है. लेकिन शहर में खराब स्थिति के लिए सिर्फ केजरीवाल जिम्मेदार है.
प्रदूषण को रोकने के लिए ऑड इवन योजना में महिलाओं को इस बार भी पिछली बार की तरह छूट मिलेगी. हालांकि इस बार की छूट कुछ अलग शर्तों के साथ मिलेगी. शर्तों के अनुसार यदि महिला गाड़ी चला रही हो, गाड़ी में सभी महिलाएं बैठी हो या महिला के साथ 12 साल से कम उम्र का बच्चा ( लड़का या लड़की ) बैठे हो तो उन्हें छूट मिलेगी.
'सीएनजी वाहन स्टीकर का हुआ था दुरुपयोग'
इस बार पहले चरण की तरह प्राइवेट सीएनजी वाहनों को छूट नहीं मिलेगी. इसका कारण पिछली बार सीएनजी वाहन स्टीकर का दुरुपयोग हुआ था. कमर्शियल सीएनजी वाहनों को छूट मिलेगी. मुख्यमंत्री केजरीवाल दुपहिया वाहनों को भी ऑड इवन के दायरे में लाने का भी विचार कर रहे हैं.
यदि इस बार ऑड इवन के दायरे में दुपहिया वाहनों को भी लाया गया तो दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. ऑड इवन योजना के लागू होने से लोगों के रोजगार भी ठप पड़ जाएंगे. जिसका खामियाजा केजरीवाल सरकार को उठाना पड़ सकता है.