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सीएम केजरीवाल ने सदन में फाड़ी कृषि बिलों की कॉपी, कहा- हर दिन जा रही एक किसान की जान

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Published : Dec 17, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 7:53 PM IST

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कृषि कानूनों के मुद्दे पर सम्बोधन दिया. सीएम ने कहा कि कानूनों के मुद्दे पर किसान नहीं, बल्कि भाजपा नेता भ्रमित हैं. इस दौरान सीएम ने तीनों बिलों की कॉपी भी फाड़ी.

CM Arvind Kejriwal
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में अपने सम्बोधन की शुरुआत किसान राम सिंह को श्रद्धांजलि देने से की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शहादत देने से पहले जो लिखा वो बेहद कष्टकर था. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अंग्रेजों के समय 1907 में भी ऐसा आंदोलन हुआ था, जिसका नाम था- "पगड़ी सम्भाल जट्टा". सीएम ने बताया कि वो आंदोलन 9 महीने तक चला था.

सीएम ने कहा- हर दिन जा रही एक किसान की जान

'अंग्रेजों ने वापस लिया था कानून'

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उस आंदोलन की लीडरशिप भगत सिंह के पिता और चाचा ने की थी. उस वक्त भी अंग्रेज सरकार ने कहा था कि कानून में कुछ संसोधन कर लेते हैं, लेकिन अंत मे उन्हें कानून वापस लेने पड़े थे. सीएम ने सवाल किया कि क्या भगत सिंह ने इसीलिए शहादत दी थी कि आजाद भारत में भी ऐसे कानून के खिलाफ आंदोलन करना होगा. आज हर किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन कर रहा है.

'भाजपा नेता समझा रहे फायदे'

भाजपा नेताओं द्वारा कृषि कानूनों के मुद्दे पर की जा रही महापंचायत को लेकर भी मुख्यमंत्री ने निशाना साधा. सीएम ने कहा कि आज योगी आदित्यनाथ ने बरेली में 20 हजार किसानों की रैली की है, उनसे कहा गया कि किसानों को इसके फायदे समझाओ. वे कह रहे हैं कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, तुम्हारी मंडी बंद नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें फायदा क्या है? ये तो था ही हमारे पास.

सीएम केजरीवाल ने कहा-

भाजपा वालों ने सिर्फ एक फायदा बताया है कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है. आज धान का एमएसपी 1800 है, लेकिन बिहार और यूपी में ये 900 और 1000 पर बिक रहा है. वे बोल रहे हैं कि कहीं भी बेच लो, अरे बताओ कि कहां बेचें? अगर ये कानून रहा तो बड़े-बड़े पूंजीपति अनाज की कीमतें महंगी कर देंगे.

किसानों को भ्रमित किए जाने के भाजपा के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नहीं, भाजपाइयों को भ्रमित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि भाजपाइयों को अफीम खिला दिया गया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील ने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा है कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

'किसानों की करेंगे वकालत'

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई थी कि इस आंदोलन के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. इस पर हमारे वकील ने कहा कि केंद्र मांगें मान ले, तो धरना वापस हो जाएगा. केजरीवाल ने बताया कि इस पर केंद्र के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार का वकील किसानों का वकील बन बैठा है. मैं कहता हूं कि तुम भी किसानों का वकील बनो.

सीएम केजरीवाल ने सदन में फाड़ी कृषि बिलों की कॉपी

'चुनाव की फंडिंग के लिए कानून'

केजरीवाल ने यहां तक कहा कि किसानों का नहीं तो क्या दलालों का वकील बनोगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि बिना वोटिंग के बिल पास हो गए. भाजपा ने चुनावों को कितना महंगा कर दिया है. ये कानून भाजपा के चुनावों की फंडिंग के लिए बनाए गए हैं और देश जितनी जल्दी समझ ले, उतना अच्छा होगा.

'गद्दारी नहीं करूंगा'

मुख्यमंत्री ने बिल की कॉपी दिखाते हुए कहा कि मैं किसान आंदोलन का समर्थन करता हूं और तीनों कानूनों को सदन के सामने फाड़ता हूं. सीएम द्वारा इन बिलों की कॉपी फाड़ने के दौरान सदन में जय जवान जय किसान के नारे लगने लगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने देश के जवानों और देश के किसानों के साथ गद्दारी नहीं करूंगा और केंद्र से कहूंगा कि अंग्रेजों से बदतर ना बनें.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि अंग्रेजों ने 9 महीने में कानून वापस लिया था, आप 20 दिन में वापस ले लें. सीएम केजरीवाल के सम्बोधन के बाद ध्वनीमत से तीनों कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पास हो गया.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में अपने सम्बोधन की शुरुआत किसान राम सिंह को श्रद्धांजलि देने से की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शहादत देने से पहले जो लिखा वो बेहद कष्टकर था. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अंग्रेजों के समय 1907 में भी ऐसा आंदोलन हुआ था, जिसका नाम था- "पगड़ी सम्भाल जट्टा". सीएम ने बताया कि वो आंदोलन 9 महीने तक चला था.

सीएम ने कहा- हर दिन जा रही एक किसान की जान

'अंग्रेजों ने वापस लिया था कानून'

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उस आंदोलन की लीडरशिप भगत सिंह के पिता और चाचा ने की थी. उस वक्त भी अंग्रेज सरकार ने कहा था कि कानून में कुछ संसोधन कर लेते हैं, लेकिन अंत मे उन्हें कानून वापस लेने पड़े थे. सीएम ने सवाल किया कि क्या भगत सिंह ने इसीलिए शहादत दी थी कि आजाद भारत में भी ऐसे कानून के खिलाफ आंदोलन करना होगा. आज हर किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन कर रहा है.

'भाजपा नेता समझा रहे फायदे'

भाजपा नेताओं द्वारा कृषि कानूनों के मुद्दे पर की जा रही महापंचायत को लेकर भी मुख्यमंत्री ने निशाना साधा. सीएम ने कहा कि आज योगी आदित्यनाथ ने बरेली में 20 हजार किसानों की रैली की है, उनसे कहा गया कि किसानों को इसके फायदे समझाओ. वे कह रहे हैं कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, तुम्हारी मंडी बंद नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें फायदा क्या है? ये तो था ही हमारे पास.

सीएम केजरीवाल ने कहा-

भाजपा वालों ने सिर्फ एक फायदा बताया है कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है. आज धान का एमएसपी 1800 है, लेकिन बिहार और यूपी में ये 900 और 1000 पर बिक रहा है. वे बोल रहे हैं कि कहीं भी बेच लो, अरे बताओ कि कहां बेचें? अगर ये कानून रहा तो बड़े-बड़े पूंजीपति अनाज की कीमतें महंगी कर देंगे.

किसानों को भ्रमित किए जाने के भाजपा के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नहीं, भाजपाइयों को भ्रमित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि भाजपाइयों को अफीम खिला दिया गया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील ने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा है कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

'किसानों की करेंगे वकालत'

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई थी कि इस आंदोलन के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. इस पर हमारे वकील ने कहा कि केंद्र मांगें मान ले, तो धरना वापस हो जाएगा. केजरीवाल ने बताया कि इस पर केंद्र के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार का वकील किसानों का वकील बन बैठा है. मैं कहता हूं कि तुम भी किसानों का वकील बनो.

सीएम केजरीवाल ने सदन में फाड़ी कृषि बिलों की कॉपी

'चुनाव की फंडिंग के लिए कानून'

केजरीवाल ने यहां तक कहा कि किसानों का नहीं तो क्या दलालों का वकील बनोगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि बिना वोटिंग के बिल पास हो गए. भाजपा ने चुनावों को कितना महंगा कर दिया है. ये कानून भाजपा के चुनावों की फंडिंग के लिए बनाए गए हैं और देश जितनी जल्दी समझ ले, उतना अच्छा होगा.

'गद्दारी नहीं करूंगा'

मुख्यमंत्री ने बिल की कॉपी दिखाते हुए कहा कि मैं किसान आंदोलन का समर्थन करता हूं और तीनों कानूनों को सदन के सामने फाड़ता हूं. सीएम द्वारा इन बिलों की कॉपी फाड़ने के दौरान सदन में जय जवान जय किसान के नारे लगने लगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने देश के जवानों और देश के किसानों के साथ गद्दारी नहीं करूंगा और केंद्र से कहूंगा कि अंग्रेजों से बदतर ना बनें.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि अंग्रेजों ने 9 महीने में कानून वापस लिया था, आप 20 दिन में वापस ले लें. सीएम केजरीवाल के सम्बोधन के बाद ध्वनीमत से तीनों कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पास हो गया.

Last Updated : Dec 17, 2020, 7:53 PM IST
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