नई दिल्ली : सुकेश चंद्रशेखर की चिट्ठियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) पर लगातार हमलावर है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने मंगलवार को पंत मार्ग स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और इसके नेताओं पर जमकर हमला बोला. मनोज तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में पार्क बनाना चाहती है, दिल्ली को साफ-सुथरा रखना चाहती है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी एक ठग से 500 करोड़ रुपये एकत्र करवाकर केवल और केवल चुनाव लड़ना चाहती है. मनोज तिवारी ने सत्येंद्र जैन पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ठग सुकेश चंद शेखर (Satyendar Jain and Sukesh) का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहिए ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके. सांसद मनोज तिवारी ने सत्येंद्र जैन पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ठग सुकेश चंद शेखर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहिए ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके.
मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए जा रहे आरोप का जवाब देते हुए कहा कि अगर सुकेश चंद्रशेखर से कोई जबरदस्ती पत्र लिखवा रहा है, तो यह भी केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नतीजा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुकेश जिस मंडोली जेल में बंद है, वह केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आता है और साथ ही जेल मंत्री भी जेल के अंदर बंद हैं तो ऐसे में अगर जेल के अंदर से पत्र लिखा जा रहा है तो यह सिर्फ जेल प्रशासन और केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नतीजा है. आम आदमी पार्टी किस मुंह से भाजपा को दोष दे रही है. मनोज तिवारी ने कहा कि पंजाब चुनाव शराब माफियाओं से वसूल किए गए पैसों से लड़ा गया और ऐसे ही आने वाले चुनाव के लिए सुकेश चंद्रशेखर जैसे लोगों से पैसे वसूलने का काम किया जा रहा था, जिसकी पोल खुल चुकी है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी को भ्रष्टाचार करते देख भाजपा कभी बर्दास्त नहीं करेगी.
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जानिए क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट : कोई भी इंसान झूठ बोल रहा है या नहीं, इसका पता लगाने लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता है. इसे पॉलीग्राफ टेस्ट भी कहते हैं. यह टेस्ट करने के लिए एक मशीन का प्रयोग किया जाता है. जिसे आम भाषा में झूठ पकड़ने वाली मशीन भी कहा जाता है. अब आसान भाषा में इस मशीन के काम करने के तरीके को समझते हैं. यह एक ऐसी मशीन है जो शरीर में आने वाले बदलावों को दर्ज करती है और बताती है कि इंसान सच बोल रहा है या झूठ. जानिए, यह मशीन कैसे झूठ का पता लगा लेती है.
शरीर में आने वाले बदलावों को दर्ज करती है मशीन: मशीन पॉलीग्राफ का मतलब है किसी ग्राफ में कई तरह के बदलाव का आना. इस टेस्ट के दौरान भी शरीर में आने वाले कई तरह के बदलाव को देखा जाता है. जैसे- सवाल-जवाब के दौरान जिससे सवाल पूछा जा रहा है उसका हार्ट रेट या ब्लड प्रेशर घटना-बढ़ना, सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में बदलाव आना और पसीना आना. जब इंसान झूठ बोलता है तो उसके शरीर में एक डर और घबराहट पैदा होती है. पॉलीग्राफ मशीन इसी को रिकॉर्ड करती है. पॉलीग्राफ मशीन से कई वायर निकले होते हैं. कुछ तारों में सेंसर्स होते हैं. कुछ वायर ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को मॉनिटर करते हैं. वहीं, कुछ सांस के घटने-बढ़ने पर नजर रखते हैं. इन सब चीजों को टेस्ट लेने वाला अधिकारी मॉनिटर पर देखता रहता है. शरीर के अंगों के असामान्य तौर पर काम करने पर तथ्यों को छिपाने की पुष्टि होती है. सवाल पूछने पर अपराधी को कितना पसीना आता है, उसका ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कितना बढ़ता है और सांसों की गति सामान्य से कितनी तेज और धीमी होती है, यह सब कुछ पॉलीग्राफ मशीन रिकॉर्ड करती है. इसकी रिपोर्ट के आधार पर यह तय होता है कि इंसान चीजें छिपा रहा है या सब कुछ सामान्य चल रहा है.
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