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जन्मदिन पर CM केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को किया संबोधित, कहा- BJP को थमाएंगे शून्य

सीएम अरविंद केजरीवाल ने जन्मदिन के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में एक भी सीट नहीं जाने देंगे.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईटीवी भारत etv bharat
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Published : Aug 16, 2019, 8:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछली बार आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थी. इस बार पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बाकी बची 3 सीटें भी इस बार हमें हासिल करनी हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पिछली बार शून्य सीट मिली थी और इस बार बीजेपी को शून्य थमाना है.

सीएम केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को कहा शुक्रिया

शुक्रवार को सिविल लाइन्स स्थित निवास पर पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने पहुंचे थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि चुनाव नजदीक है और ऐसे में हम सबको जी-जान से जुट जाना है. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से पिछली बार 67 सीटें जीत पाए थे, अबकी बार बची हुई 3 सीटें भी किसी अन्य पार्टी के लिए नहीं छोड़ेंगे.

सीएम केजरीवाल ने मनाया 51 वां जन्मदिन

आंदोलन के रास्ते सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपना 51 वां जन्मदिन मनाया. उनका जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था. उनके पिता गोविंद राम केजरीवाल इंजीनियर थे, जिन्होंने मशहूर बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की थी. उनकी मां गीता देवी एक गृहणी हैं. अरविंद ने भी पिता की ही तरह आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की. 1989 में वो जमशेदपुर चले गए और टाटा स्टील में नौकरी की.

सामाजिक कार्यों में रहा लगाव

अरविंद केजरीवाल का दिल इस नौकरी में नहीं लगा और वो सिविल सर्विस की पढ़ाई करने कोलकाता चले गए. यहां उन्होंने मदर टरेसा से मुलाकात की और उनकी संस्था मिशनरीज ऑफ चैरेटी में कुछ वक्त तक काम भी किया. केजरीवाल यहां रामकृष्ण मिशन से भी जुड़े रहे. 1995 में केजरीवाल ने इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन कर लिया. हालांकि यहां भी उन्होंने दो साल का स्टडी ब्रेक ले लिया.

यह ब्रेक उन्हें इस शर्त पर मिला कि जब वो वापस आएंगे तो कम से कम तीन साल तक उन्हें सर्विस करनी पड़ेगी. हालांकि यह भी नहीं हो पाया और अरविंद केजरीवाल ने 18 महीने की नौकरी के बाद इस्तीफा दे दिया. उसके बाद परिवर्तन एनजीओ बनाकर समाजिक कार्यों से जुड़ गए.

आंदोलन के बाद किया राजनीति का रुख

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद वो राजनीति में आए. आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, तब 70 में से 28 सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 49 दिनों बाद ही केजरीवाल की सरकार गिर गई. उसके बाद 2015 में जब दोबारा विधानसभा चुनाव हुआ तो 70 में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती.

'बीजेपी को थमाएंगे शून्य'

दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में अब चंद महीने बचे हुए हैं. इसलिए सीएम केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से तैयारी करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पिछली बार कांग्रेस की तरह इस बार बीजेपी को शून्य थमाना है.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछली बार आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थी. इस बार पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बाकी बची 3 सीटें भी इस बार हमें हासिल करनी हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पिछली बार शून्य सीट मिली थी और इस बार बीजेपी को शून्य थमाना है.

सीएम केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को कहा शुक्रिया

शुक्रवार को सिविल लाइन्स स्थित निवास पर पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने पहुंचे थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि चुनाव नजदीक है और ऐसे में हम सबको जी-जान से जुट जाना है. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से पिछली बार 67 सीटें जीत पाए थे, अबकी बार बची हुई 3 सीटें भी किसी अन्य पार्टी के लिए नहीं छोड़ेंगे.

सीएम केजरीवाल ने मनाया 51 वां जन्मदिन

आंदोलन के रास्ते सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपना 51 वां जन्मदिन मनाया. उनका जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था. उनके पिता गोविंद राम केजरीवाल इंजीनियर थे, जिन्होंने मशहूर बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की थी. उनकी मां गीता देवी एक गृहणी हैं. अरविंद ने भी पिता की ही तरह आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की. 1989 में वो जमशेदपुर चले गए और टाटा स्टील में नौकरी की.

सामाजिक कार्यों में रहा लगाव

अरविंद केजरीवाल का दिल इस नौकरी में नहीं लगा और वो सिविल सर्विस की पढ़ाई करने कोलकाता चले गए. यहां उन्होंने मदर टरेसा से मुलाकात की और उनकी संस्था मिशनरीज ऑफ चैरेटी में कुछ वक्त तक काम भी किया. केजरीवाल यहां रामकृष्ण मिशन से भी जुड़े रहे. 1995 में केजरीवाल ने इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन कर लिया. हालांकि यहां भी उन्होंने दो साल का स्टडी ब्रेक ले लिया.

यह ब्रेक उन्हें इस शर्त पर मिला कि जब वो वापस आएंगे तो कम से कम तीन साल तक उन्हें सर्विस करनी पड़ेगी. हालांकि यह भी नहीं हो पाया और अरविंद केजरीवाल ने 18 महीने की नौकरी के बाद इस्तीफा दे दिया. उसके बाद परिवर्तन एनजीओ बनाकर समाजिक कार्यों से जुड़ गए.

आंदोलन के बाद किया राजनीति का रुख

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद वो राजनीति में आए. आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, तब 70 में से 28 सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन 49 दिनों बाद ही केजरीवाल की सरकार गिर गई. उसके बाद 2015 में जब दोबारा विधानसभा चुनाव हुआ तो 70 में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती.

'बीजेपी को थमाएंगे शून्य'

दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में अब चंद महीने बचे हुए हैं. इसलिए सीएम केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से तैयारी करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पिछली बार कांग्रेस की तरह इस बार बीजेपी को शून्य थमाना है.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछली बार आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थी. इस बार आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बाकी बची 3 सीटें भी इस बार हमें हासिल करनी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पिछली बार 0 सीट मिली थी. अब भाजपा को शून्य थमाना है.Body:शुक्रवार को सिविल लाइन्स स्थित अपने निवास पर पार्टी के कार्यकर्ता जब अरविंद केजरीवाल को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने पहुंचे उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक है, और ऐसे में हम सबको जी-जान से जुट जाना है. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से पिछली बार 67 सीटें जीत पाए थे अबकी बार बची हुई 3 सीटें भी किसी अन्य पार्टियों के लिए नहीं छोड़नी है.

आंदोलन के रास्ते सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को अपना 51 वां जन्मदिन मनाया. अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था. उनके पिता गोविंद राम केजरीवाल इंजीनियर थे जिन्होंने मशहूर बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की थी. उनकी मां गीता देवी एक गृहणी हैं. अरविंद ने भी पिता की ही तरह इंजीनियरिंग की आईआईटी खड़गपुर से 1989 में केजरीवाल जमशेदपुर चले गए टाटा स्टील में नौकरी करने. केजरीवाल का दिल इस नौकरी में नहीं लगा. वो सिविल सर्विस की पढ़ाई करने कोलकाता चले गए. यहां उन्होंने मदर टरेसा से मुलाकात की और उनके संस्था मिशनरीज ऑफ चैरेटी में कुछ वक्त तक काम भी किया. केजरीवाल यहां रामकृष्ण मिशन से भी जु़ड़े रहे. 1995 में केजरीवाल ने इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन कर लिया. हालांकि यहां भी उन्होंने दो साल का स्टडी ब्रेक ले लिया. यह ब्रेक उन्हें इस शर्त पर मिला कि जब वो वापस आएंगे तो कम से कम तीन साल तक उन्हें सर्विस करनी पड़ेगी. हालांकि यह भी नहीं हो पाया और अरविंद केजरीवाल ने 18 महीने की नौकरी के बाद इस्तीफा दे दिया. उसके बाद परिवर्तन एनजीओ बनाकर समाजिक कार्यों से जुड़ गए.

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद राजनीति में आने के बाद आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा तब 70 में से 28 सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई लेकिन 49 दिनों बाद ही केजरीवाल की सरकार गिर गई. उसके बाद 2015 में जब दोबारा विधानसभा चुनाव हुआ तो 70 में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती. दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में अब चंद महीने बचे हुए हैं.

समाप्त, आशुतोष झा


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