नई दिल्ली: मेट्रो परिचालन के समय सभी मेट्रो स्टेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास होती है. यात्रियों से लेकर उनके सामान तक की जांच सीआईएसएफ के जवान करते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच ये जांच करना सीआईएसएफ जवानों के लिए आसान नहीं होगा. इसके लिए उन्हें खास तरह का प्रशिक्षण और उपकरण दिए गए हैं. इसका इस्तेमाल कर वो बिना यात्री को छुए उनकी जांच कर सकेंगे.
मेट्रो सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे सीआईएसएफ के डीआईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि पहले की तरह सुरक्षा को लेकर स्टेशन पर जवान पूरी मुस्तैदी से तैनात रहेंगे. ड्यूटी शुरू करने और समाप्त करने के समय उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. तापमान सामान्य होने पर ही वो अपनी ड्यूटी शुरू कर सकेंगे.
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जवानों को मास्क, सेनेटाइजर और फेस शील्ड दी गई है, ताकि कोरोना से उनका बचाव हो सके. ये जवान शिफ्ट्स में काम करेंगे. ड्यूटी के दौरान वो आपस में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे.
दिया गया है विशेष प्रशिक्षण
डीआईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि मेट्रो स्टेशन पर अभी के समय में यात्रियों की जांच एक बड़ी चुनौती है. सुरक्षा के लिए जवानों को यात्रियों की जांच करना आवश्यक है, वो भी उनसे दूरी बनाकर. इसके लिए उन्हें खास प्रशिक्षण दिया गया है. उन्हें जांच करने वाली मशीन मॉडिफाई करके दी गई है, ताकि वो यात्रियों से दूरी बनाकर उनकी जांच कर सकें.
उनकी जेब में जांच के दौरान कुछ संदिग्ध मिलता है, तो यात्री खुद उसे जेब से बाहर निकालकर दिखाएंगे. इसके साथ ही यात्रियों के बैग की जांच के दौरान सीआईएसएफ के जवान उसे नहीं खोलेंगे. इसकी जगह यात्रियों को ही अपना बैग खोलकर दिखाना होगा.
गाइडलाइन्स का पालन जरूरी
डीआईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि मेट्रो परिसर में कोरोना संबंधित गाइडलाइंस का पालन करवाने की जिम्मेदारी डीएमआरसी के पास रहेगी, लेकिन इस पर सीआईएसएफ के जवान भी नजर रखेंगे. ना केवल स्टेशन पर खड़े जवान बल्कि सीसीटीवी के जरिये मॉनिटरिंग कर रहे जवान भी यात्रियों पर नजर रखेंगे. उन्हें अगर कोई कोविड नियमों का उल्लंघन करते हुए मिलता है, तो इसकी जानकारी डीएमआरसी द्वारा अधिकृत शख्स को दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशन पर भीड़ को काबू करने के लिए डीएमआरसी की तरफ से अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है. आवश्यकता पड़ने पर सीआईएसएफ के जवान भी इसमें सहयोग देंगे.