नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान भी खुल रही केमिस्ट और मेडिकल के दुकानदारों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच दवाओं की बिक्री में कमी आई है. दवा विक्रेताओं का कहना है लॉकडाउन के चलते प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है. वहीं वाहनों की संख्या की कमी के चलते रोड एक्सीडेंट में भी कमी आई है. जिसके चलते जिस प्रकार पहले दवाइयों की बिक्री होती थी उस प्रकार अब नहीं हुई है.
दवा विक्रेता उमेश गुप्ता ने बताया कि अधिकतर मेडिसिन फार्मेसी जो है, वो ओपीडी और नर्सिंग होम पर आधारित होती हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते कई अस्पतालों की ओपीडी बंद होने और यहां तक कि नर्सिंग होम भी नहीं खुले होने के कारण जो दवाएं लोग खरीदते थे. वो नहीं खरीदी जा रही है. इसके साथ ही बढ़ते प्रदूषण और बाहर का खाना खाने से कई बार जो आम बीमारियां लोगों में होती थी, उनमें अब कमी आई है. जिसके चलते उन दवाओं की बिक्री भी नहीं हुई है.
दवाओं की बिक्री हुई कम
हालांकि, ये अच्छी बात है कि जो आम बीमारियां हैं वो अब लोगों में ज्यादा नहीं हो रही है. लॉकडाउन के चलते अधिकतर लोग घरों में हैं. सड़कें खाली हैं. लॉकडाउन 4 से पहले सड़कों पर वाहनों की संख्या भी कम थी. जिसके कारण जो पहले सड़क हादसे हुआ करते थे उन में भी कमी आई है, जिससे दवाओं की बिक्री भी कम हुई है.
लोगों ने शुरुआत में खरीदी अधिक दवाई
इसके अलावा लोगों में इन दिनों कोरोना महामारी का डर एक दहशत का रूप ले चुका है. लोग इस बीमारी से काफी डरे हुए हैं. शुरुआत में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. तो कई लोगों ने इसी दहशत के चलते दवाओं की अधिक से अधिक खरीददारी कर ली थी. जिसके कारण भी दवाओं की बिक्री में कमी आई थी, लेकिन मौजूदा हालात को समझते हुए ये जरूरी है कि लोग पैनिक ना करें और बीमारी से बचाव के साथ सावधानी बरतें.