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पाम ऑयल पर सेस 5.5 फीसदी बढ़ा, इसका महंगाई पर क्या होगा असर?

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Published : Feb 10, 2021, 1:44 PM IST

पाम ऑयल का सबसे ज्यादा उत्पादन इंडोनेशिया में होता है तो वहीं दूसरे नंबर पर मलेशिया है. भारत इंडोनेशिया से 70 करीब फीसदी और मलेशिया से करीब 30 फीसदी तेल आयात करता है.

पाम ऑयल के दामों में बढ़ोतरी, देखें रिपोर्ट
पाम ऑयल के दामों में बढ़ोतरी, देखें रिपोर्ट

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2021-22 में तेल की कीमतों में इजाफा किया गया है. इन तेलों में सबसे ज्यादा पाम ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इस पर शुल्क और उपकर 5.5 फीसदी बढ़ा दिया गया है. भारत में सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है.

पाम ऑयल के दामों में बढ़ोतरी, देखें रिपोर्ट

पॉम ऑयल महंगा होने से व्यापार पर होगा असर

पाम ऑयल एक वनस्पति तेल है, इसका इस्तेमाल होटल और रेस्तरां में खाद्य तेल के रूप में किया जाता है. बाजार में पाम ऑयल के महंगे होने से व्यापार पर भी असर पड़ेगा. अग्रवाल स्वीट्स शॉप के मालिक दीपक गर्ग ने बताया कि हम तो इसका प्रयोग नहीं करते. लेकिन मार्केट में कई दुकानदार इसका उपयोग करते हैं. इसके मंहगे होने से महंगाई भी बढ़ जाएगी.

वहीं कालकाजी की कृष्णा मार्केट में जनरल स्टोर के मालिक संजय ने बताया कि करीब करीब 10 साल पहले पाम ऑयल की बहुत डिमांड थी. लेकिन अब इसकी मांग में कमी हो गई है.

Cess  tax on palm oil increased by 5.5 percent in delhi
व्यापार पर होगा असर

'घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम'

पाम ऑयल पर बढ़ी कीमतों के बारे में अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने बताया कि हो सकता है सरकार ने ये कदम तेल का आयात करने के लिए उठाया हो. ताकि घरेलू उत्पाद को बढ़ावा मिल सके.

Cess  tax on palm oil increased by 5.5 percent in delhi
इंडोनेशिया और मलेशिया से करते हैं आयात

इंडोनेशिया और मलेशिया से करते हैं आयात

पाम ऑयल का सबसे ज्यादा उत्पादन इंडोनेशिया में होता है तो वहीं दूसरे नंबर पर मलेशिया है. भारत इन दोनों देशों से पाम तेल आयात करता है. इसमें से इंडोनेशिया से 70 करीब फीसदी और मलेशिया से करीब 30 फीसदी तेल आयात किया जाता है. अब देखना होगा कि पाम ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ता है.

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2021-22 में तेल की कीमतों में इजाफा किया गया है. इन तेलों में सबसे ज्यादा पाम ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इस पर शुल्क और उपकर 5.5 फीसदी बढ़ा दिया गया है. भारत में सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है.

पाम ऑयल के दामों में बढ़ोतरी, देखें रिपोर्ट

पॉम ऑयल महंगा होने से व्यापार पर होगा असर

पाम ऑयल एक वनस्पति तेल है, इसका इस्तेमाल होटल और रेस्तरां में खाद्य तेल के रूप में किया जाता है. बाजार में पाम ऑयल के महंगे होने से व्यापार पर भी असर पड़ेगा. अग्रवाल स्वीट्स शॉप के मालिक दीपक गर्ग ने बताया कि हम तो इसका प्रयोग नहीं करते. लेकिन मार्केट में कई दुकानदार इसका उपयोग करते हैं. इसके मंहगे होने से महंगाई भी बढ़ जाएगी.

वहीं कालकाजी की कृष्णा मार्केट में जनरल स्टोर के मालिक संजय ने बताया कि करीब करीब 10 साल पहले पाम ऑयल की बहुत डिमांड थी. लेकिन अब इसकी मांग में कमी हो गई है.

Cess  tax on palm oil increased by 5.5 percent in delhi
व्यापार पर होगा असर

'घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम'

पाम ऑयल पर बढ़ी कीमतों के बारे में अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने बताया कि हो सकता है सरकार ने ये कदम तेल का आयात करने के लिए उठाया हो. ताकि घरेलू उत्पाद को बढ़ावा मिल सके.

Cess  tax on palm oil increased by 5.5 percent in delhi
इंडोनेशिया और मलेशिया से करते हैं आयात

इंडोनेशिया और मलेशिया से करते हैं आयात

पाम ऑयल का सबसे ज्यादा उत्पादन इंडोनेशिया में होता है तो वहीं दूसरे नंबर पर मलेशिया है. भारत इन दोनों देशों से पाम तेल आयात करता है. इसमें से इंडोनेशिया से 70 करीब फीसदी और मलेशिया से करीब 30 फीसदी तेल आयात किया जाता है. अब देखना होगा कि पाम ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ता है.

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