नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से मकान के मालिकाना हक को लेकर दिल्ली में चलाई जा रही पीएम उदय योजना को आसान किया गया है. अब मकान के मालिकाना हक के लिए वसीयत की अनिवार्यता नहीं होगी. इसके अलावा रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड को भी इस संशोधन के बाद मान्यता होगी.
डीडीए सूत्रों के अनुसार दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के निवासियों की सुविधा के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएम उदय योजना की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य दस्तावेजों में वसीयत को हटाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने पीएम उदय योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए जीपीएस के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड प्रस्तुत करने की भी अनुमति दी है. अभी के समय में वसीयत एक अनिवार्य दस्तावेज होने के कारण पीएम उदय योजना के अंतर्गत लगभग 2000 आवेदन मंजूरी के लिए प्रतीक्षित हैं.
विनियम 2019 में इन संशोधन के उपरांत ऐसे आवेदनों को वसीयत के ना होने की स्थिति में आगे बढ़ाया जा सकेगा. इससे मामलों के निपटाने में तेजी आएगी और प्रक्रिया आसान करने की सुविधा होगी. आने वाले समय में इस संशोधन से आवेदनों की संख्या में भी इजाफा होगा. डीडीए सूत्रों के अनुसार बहुत सारे आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें आवेदकों ने पीएम उदय योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु जीपीएस के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट को उपलब्ध कराया है. नियमों में गिफ्ट एक दस्तावेज के रूप में होने के कारण इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सका था. अब रजिस्टर्ड गिफ्ट के साथ आवेदनों पर भी पीएम उदय योजना के अंतर्गत संपत्ति अधिकार के लिए विचार हेतु मान्यता दी जा सकेगी.
डीडीए के अनुसार पीएम उदय योजना के अंतर्गत 15 जुलाई तक कुल 1,05,076 आवेदन आए हैं जिनमें से 41,183 मामलों के निपटारे किए जा चुके हैं. वही 26438 आवेदन को पहले ही अस्वीकार किया गया है. इसके अलावा 62,792 आवेदकों को उनकी कमियों को बताते हुए अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं.
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