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Jantar Mantar Protest: केंद्रीय कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर किया प्रदर्शन, NPS रद्द करने की मांग - Restoration of Old Pension Scheme

केंद्रीय कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन. केंद्रीय कर्मी पुरानी पेंशन के अलावा NPS में किसी तरह से भी बदलाव पर सहमत नहीं हैं.

पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन
पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन
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Published : Jun 21, 2023, 5:07 PM IST

पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: नई पेंशन स्कीम के विरोध में और पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को देश भर से केंद्रीय कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर पर जुटे और मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया. अलग-अलग राज्यों से कर्मचारी यूनियन के संगठन से जुड़े लोग पहुंचे, जिनमें महिलाएं भी शामिल थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नई पेंशन स्कीम, एनपीएस को रद्द करने की मांग की. साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

लेडी हार्डिंग अस्पताल के महासचिव विशंभर दयाल ने बताया कि यह हमारे पूरे जीवन की मेहनत है और जब हमें रिटायरमेंट के बाद हमारी मेहनत का फल मिलना चाहिए तो ये बेकार है. पुरानी पेंशन स्कीम अच्छी है जितने भी एमएलए विधायक मंत्री हैं अपनी तो पेंशनर को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. साथ ही अपना महंगाई भत्ता भी बढ़वा रहे हैं. जो केंद्रीय कर्मचारी हैं. सरकारी कर्मचारी हैं. उनके लिए नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई, जो बिल्कुल मंजूर नहीं है. अभी हमारा सांकेतिक धरना प्रदर्शन है.

दिल्ली केंद्रीय कर्मचारी रेलवे यूनियन की तरफ से आए संजीव सेन ने बताया कि आज हमारा विरोध प्रदर्शन एनपीएस को लेकर है. सरकार ने हमारी आंखों में धूल झोंकी है. नई पेंशन स्कीम को लागू किया है. हम चाहते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए. सरकार ने कमेटी बनाकर एनपीएस में सुधार की बात कही लेकिन कोई सुधार उसमें नहीं हुआ है. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती हैं तो आगे चलकर सड़क पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: एशियन चैंपियनशिप की तैयारी: अभ्यास करने साई सेंटर सोनीपत लौटे प्रदर्शनकारी पहलवान

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में मूल वेतन पर सरकार के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने को अपनी मंजूरी दे दी. वहीं न्‍यूनतम कर्मचारी योगदान 10 प्रतिशत ही रखा गया. मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत से अधिक के योगदान पर इनकम टैक्‍स कानून की धारा 80सी के तहत टैक्‍स लाभ देने को भी अपनी मंजूदी प्रदान की है. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत तक की रकम निकालने को भी मंजूरी दी है, जो अभी तक 40 प्रतिशत तय थी. लेकिन केंद्रीय कर्मी पुरानी पेंशन के अलावा NPS में किसी तरह से भी बदलाव पर सहमत नहीं हैं.

ये भी पढ़ें: किसानों के आंदोलन का हो रहा राजनीतिकरण, विपक्षी पार्टियां किसानों के बहाने सरकार पर साध रही निशाना

पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: नई पेंशन स्कीम के विरोध में और पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को देश भर से केंद्रीय कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर पर जुटे और मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया. अलग-अलग राज्यों से कर्मचारी यूनियन के संगठन से जुड़े लोग पहुंचे, जिनमें महिलाएं भी शामिल थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नई पेंशन स्कीम, एनपीएस को रद्द करने की मांग की. साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

लेडी हार्डिंग अस्पताल के महासचिव विशंभर दयाल ने बताया कि यह हमारे पूरे जीवन की मेहनत है और जब हमें रिटायरमेंट के बाद हमारी मेहनत का फल मिलना चाहिए तो ये बेकार है. पुरानी पेंशन स्कीम अच्छी है जितने भी एमएलए विधायक मंत्री हैं अपनी तो पेंशनर को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. साथ ही अपना महंगाई भत्ता भी बढ़वा रहे हैं. जो केंद्रीय कर्मचारी हैं. सरकारी कर्मचारी हैं. उनके लिए नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई, जो बिल्कुल मंजूर नहीं है. अभी हमारा सांकेतिक धरना प्रदर्शन है.

दिल्ली केंद्रीय कर्मचारी रेलवे यूनियन की तरफ से आए संजीव सेन ने बताया कि आज हमारा विरोध प्रदर्शन एनपीएस को लेकर है. सरकार ने हमारी आंखों में धूल झोंकी है. नई पेंशन स्कीम को लागू किया है. हम चाहते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए. सरकार ने कमेटी बनाकर एनपीएस में सुधार की बात कही लेकिन कोई सुधार उसमें नहीं हुआ है. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती हैं तो आगे चलकर सड़क पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में मूल वेतन पर सरकार के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने को अपनी मंजूरी दे दी. वहीं न्‍यूनतम कर्मचारी योगदान 10 प्रतिशत ही रखा गया. मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत से अधिक के योगदान पर इनकम टैक्‍स कानून की धारा 80सी के तहत टैक्‍स लाभ देने को भी अपनी मंजूदी प्रदान की है. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत तक की रकम निकालने को भी मंजूरी दी है, जो अभी तक 40 प्रतिशत तय थी. लेकिन केंद्रीय कर्मी पुरानी पेंशन के अलावा NPS में किसी तरह से भी बदलाव पर सहमत नहीं हैं.

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